परिवहन वाहनों के प्रदूषण और सुरक्षा नियमों में जल्द होंगे बदलाव
हाइलाइट्स
केंद्र सरकार ने परिवहन वाहनों में प्रदूषण और सुरक्षा उपायों के अंतर्राष्ट्रीय मानकों को लागू करने के एक परिवर्तनकारी कार्यक्रम को शुरू किया है. सरकार के मुताबिक वह ऑटोमोबाइल उद्योग को विकसित करने और जीडीपी में उसके योगदान को बढ़ाने के लिए एक कार्य योजना की राह पर आगे बढ़ रही है. इस तरह के नियमों से भारतीय मोटर वाहन उद्योग को विकसित देशों के बराबर लाने की योजना है. इन कदमों से देश के सार्वजनिक वाहन कम प्रदूषण फैलाने के साथ-साथ ज़्यादा सुरक्षित भी हो जाएंगे.
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हाल के वर्षों में यात्री सुरक्षा, प्रदूषण नियंत्रण और इनसे जुड़ी तकनीक के क्षेत्र में कई बदलाव हुए हैं और सरकार के मुताबिक भारतीय मोटर वाहन उद्योग ने कई बदलावों के साथ तालमेल बनाए रखा है. ऐसा ही एक मुख्य आकर्षण बीएस-4 को छोड़कर बीएस-6 प्रदूषण नियमों को अपनाना था. इन परिवर्तनों ने भारतीय मोटर वाहन उद्योग को यूरोप, जापान और अमेरिका के साथ बराबरी पर ला दिया है.
सरकार ने पिछले कुछ समय में प्रदूषण और सुरक्षा फीचर्स की बेहतरी के लिए कई नियमों को बदला है.
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने पहले से ही भारतीय ऑटोमोबाइल उदयोग में प्रदूषण और सुरक्षा फीचर्स की बेहतरी के लिए कई नियमों को बदला है. इनमें एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम, एयरबैग, स्पीड अलर्ट सिस्टम, रिवर्स पार्किंग असिस्ट और क्रैश मानक शामिल हैं. मंत्रालय इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल तकनीक (ईएससी) और संबंधित श्रेणियों के लिए ब्रेक असिस्ट सिस्टम के मानकों के अगले दो साल में अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है. बसों के लिए ईएससी की अधिसूचना पिछले साल जारी की गई है, जिसके अप्रैल 2023 तक लागू होने की संभावना है. सरकार का कहना है कि वह हर सैगमेंट के वाहनों के लिए उच्च स्तर की सुरक्षा पर विचार कर रही है.
Last Updated on September 13, 2020