प्रधानमंत्री मोदी ने लॉन्च की स्वैच्छिक ऑटोमोटिव वाहन स्क्रैपेज नीति, जानें इसके बारे में
हाइलाइट्स
वाहन स्क्रैपेज पॉलिसी यानी वाहनों को नष्ट करने की नीति पर भारत सरकार लंबे समय से काम कर रही थी और आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस नीति को लागू करने की घोषणा कर दी है. नेशनल ऑटोमोबाइन स्क्रैपेज पॉलिसी लॉन्च करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह पॉलिसी नए भारत और ऑटो सैक्टर को नई पहचान देने वाली है. प्रधानमंत्री ने कहा कि, “पुराने उम्रदराज और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को सड़कों से हटाने में यह पॉलिसी बहुत बड़ी भूमिका निभाएगी. देश के करीब हर नागरिक, हर उद्योग, हर क्षेत्र पर इससे परिवर्तन आएगा. देश के आर्थिक विकास में मोबिलिटी बहुत बड़ा किरदार निभाती है. आज के समय में यातायात प्रदूषण मुक्त हो इसीलिए सरकार द्वारा यह कदम उठाया गया है.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे बताया कि, "नई नीति कचरे से कंचन के अभियान की अहम कड़ी है. यह पॉलिसी शहरों में प्रदूषण कम करके देश के विकास में हमारे प्रयासों को भी दर्शाती है." प्रधानमंत्री ने कहा कि इस स्क्रैपेज नीति से रु 10,000 करोड़ का निवेश आएगा. उन्होंने यह भी कहा कि गुजरात में वाहन नष्ट्र करने का हब तैयार किया जा सकता है. नरेंद्रा मोदी ने आगे बताया कि, "वाहनों को नष्ट करने की मौजूदा नीति कारगर नहीं है. इस नीति के अंतर्गत सबसे पहले पुरानी कार को नष्ट करने से पहले एक प्रमाणपत्र दिया जाएगा जिससे अमुक व्यक्ति को नया वाहन खरीदते समय किसी प्रकार का रजिस्ट्रेशन शुल्क नहीं देना होगा. उन्हें रोड टैक्स पर भी छूट दी जाएगी. इसके अलावा व्यक्ति पुराने वाहन पर होने वाला मेंटेनेंस, मरम्मत और ईंधन का खर्च बचा सकता है."
कुछ महीने पहले ही सड़क परिवहन और हाईवे मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि, लंबे समय तक इंतज़ार के बाद लागू हुई यह नीति भारतीय ऑटो जगत को बड़ा फायदा पहुंचाएगी जहां सड़कों से पुराने प्रदूशण फैलाने वाले वाहन हटा लिए जाएंगे. स्क्रैपेज पॉलिसी को बढ़ावा देने के लिए पुराने वाहनों को नष्ट कर नए वाहन की खरीद पर सरकार रोड टैक्स के साथ डिस्काउंट और कई लाभ देगी. वॉलेंटरी स्क्रैपेज पॉलिसी पहली बार 2021-22 यूनियन बजट में पेश की गई थी और इसमें सुधार और बदलावों के बाद इसे 2022 से लागू किया जाएगा.
गडकरी ने कहा कि सभी वाहनों को रजिस्ट्रेशन खत्म होने के बाद योग्यता का टैस्ट देना अनिवार्य होगा. वाहन नष्ट करने की नीति में पैसेंजर वाहनों की उम्र 20 साल तय की गई है, वहीं कमर्शियल वाहनों की उम्र 15 साल होगी. इसके बाद जो वाहन फिटनेस टैस्ट में पास नहीं होंगे उन्हें उम्र खत्म मानी जाएगी और मालिकों को दोबारा रजिस्ट्रेशन कराने की जगह स्वतः वाहन नष्ट करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. वाहनों को नष्ट करने में आसानी हो इसके लिए जल्द ही ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर्स खोले जाएंगे. गडकरी का सुझाव है कि स्क्रैप मूल्य का 4-6 प्रतिशत हिस्सा वाहन मालिक को मिलना चाहिए ताकि वो अपना वाहन नष्ट करने के लिए तैयार हों. इसके अलावा नए वाहन की खरीद पर 25 प्रतिशत बचत रोड टैक्स में भी की जा सकती है.
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वाहन निर्माताओं को भी सुझाव दिया गया है कि स्क्रैपेज सर्टिफिकेट वाले नए ग्राहकों को 5 प्रतिशत छूट दी जाए, ऐसे में वाहनों को नष्ट करने के बाद नए वाहन की खरीद पर कुल 10-15 प्रतिशत की छूट मिलेगी. गडकरी ने यह भी कहा कि बिना फिटनेस टैस्ट पास किए वाहनों पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा और उन्हें जब्त भी कर लिया जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि, यह नीति ऑटोमोबाइल सैक्टर को सबसे ज़्यादा लाभ कमाने वाला सैक्टर बनाएगी और इससे भारी मात्रा में रोजगार उत्पन्न होगा. गौरतलब है कि पिछले करीब 2 साल से वाहन निर्माता कंपनियां बिक्री में भारी कमी का सामना कर रही हैं और केंद्रीय मंत्री की मानें तो इस नीति के हरकत में आने पर ऑटो जगत 30 प्रतिशत तक बढ़ोतरी दर्ज करेगा. फिटनेस टैस्ट के नियम और वाहन नष्ट करने वाले केंद्र 1 अक्टूबर 2021 से अपना काम शुरू करेंगे. 15 साल से पुराने सरकारी और पीएसयू वाले सभी वाहनों को 1 अप्रैल 2022 से नष्ट करना शुरू किया जाएगा.
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भारी वाणिज्यिक या कहें तो कमर्शियल वाहनों का फिटनेस टैस्ट 1 अप्रैल 2023 से अनिवार्य किया जाएगा. बाकी सभी वाहनों के लिए फिटनैस टैस्ट 1 जून 2024 से अनिवार्य किया जाएगा. वाहन नष्ट करने की नीति के लिए ड्राफ्ट अगले कुछ हफ्तों में पेश किया जाएगा. अंत में गडकरी ने कहा कि, 17 लाख मध्यम और भारी कमर्शियल वाहन 15 साल से पुराने हैं जो बिना फिटनेस टैस्ट पास किए चलाए जा रहे हैं.