राहुल गांधी के सहयोगी ने कहा कांग्रेस उपाध्यक्ष को दी गई कार है ‘सेहत के लिए हानिकारक’
राहुल गांधी के एक सहयोगी कौशल किशोर विद्यार्थी ने स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप के डायरेक्टर को पत्र लिखकर बख्तरबंद कार को सेहत के लिए हानिकारक बताया था. ग्रह मंत्रालय ने इस दावे को आज खारिज कर दिया है. पत्र में कहा गया था कि राहुल गांधी को दी गई कार में धुटन होती है और वेटिलेशन पर्याप्त नहीं है.
हाइलाइट्स
- राहुल गांधी के सहयोगी ने किया था बख्तरबंद कार से सेहत को हानि का दावा
- ग्रह मंत्रालय ने कहा ने इस दावे को आज खारिज कर दिया है
- ग्रह मंत्रालय ने कहा कि सभी बड़े नेता इसी कार को इस्तेमाल करते हैं
राहुल गांधी के एक सहयोगी ने सरकार को अवगत कराया है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को दी गई बख्तरबंद कार सेहत के लिए हानिकारक है. स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप के डायरेक्टर, विवेक श्रीवास्तक को लिखे गए पत्र में कहा गया कि “राहुल गांधी को मुहैया कराई गई कार में घुटन होती है और हवा आने-जाने की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है. पत्र में इस कार राहुल गांधी को अलॉट की गई बख्तरबंद टाटा सफारी को सेहत के लिए हानिकारक बताया गया है. बता दें कि यह पत्र कौशल किशोर विद्यार्थी ने लिखा था, जिस दावे को आज ग्रह मंत्रालय ने खारिज कर दिया है.”
28 अप्रैल 2016 को भेजे गए इस पत्र में दावा किया गया था कि, भारत में नेताओं को अलॉट की जा रही नई बख्तरबंद कारों में पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती और इसमें वेंटिलेशन भी सही तरीके से नहीं होता जिससे घुटन महसूस होती है. पत्र में आगे कहा गया कि इन कारों की खिड़की के शीशे कुछ सेंटीमीटर से नीचे नहीं जाते और अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलने में भी राहुल गाधी को परेशानी होती है. सफर के दौरान इन कार में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं होती जो सेहत के लिए नुकसानदायक है.
ग्रह मंत्रालय ने पत्र के द्वारा किए गए इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि, “भारत में सभी बड़े नेता, यहां तक कि ग्रह मंत्री राजनाथ सिंह और वित्त मंत्री अरुण जेटली भी इसी कार से यात्रा करते हैं.” इस कार को कई ज़ैड-प्लस कैटेगिरी के लोग भी इस्तेमाल करत हैं और इसे सुरक्षित और आरामदायक भी मानते हैं. गौरतलब है कि पार्लियामेंट में ग्रह मंत्री ने कहा था कि, “राहुल गांधी ने पिछले दो साल में 121 प्लान्ड और अनप्लान्ड टूर किए हैं जिसमें से 100 बार उन्होंने बख्तरबंद कार का इस्तेमाल ही नहीं किया. यहां तक कि विदेश यात्रा पर जाने से ठीक पहले उन्होंने एसपीजी को इसकी सूचना दी, जिससे तत्काल सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराने में भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.”
(नोटः इस खबर को एनडीटीवी के स्टाफ ने एडिट नहीं किया है, इसे न्यूज़ एजेंसी के माध्यम से लिया गया है.)
28 अप्रैल 2016 को भेजा गया था पत्र
28 अप्रैल 2016 को भेजे गए इस पत्र में दावा किया गया था कि, भारत में नेताओं को अलॉट की जा रही नई बख्तरबंद कारों में पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती और इसमें वेंटिलेशन भी सही तरीके से नहीं होता जिससे घुटन महसूस होती है. पत्र में आगे कहा गया कि इन कारों की खिड़की के शीशे कुछ सेंटीमीटर से नीचे नहीं जाते और अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलने में भी राहुल गाधी को परेशानी होती है. सफर के दौरान इन कार में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं होती जो सेहत के लिए नुकसानदायक है.
ग्रह मंत्रालय ने खारिज किया दावा
ग्रह मंत्रालय ने पत्र के द्वारा किए गए इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि, “भारत में सभी बड़े नेता, यहां तक कि ग्रह मंत्री राजनाथ सिंह और वित्त मंत्री अरुण जेटली भी इसी कार से यात्रा करते हैं.” इस कार को कई ज़ैड-प्लस कैटेगिरी के लोग भी इस्तेमाल करत हैं और इसे सुरक्षित और आरामदायक भी मानते हैं. गौरतलब है कि पार्लियामेंट में ग्रह मंत्री ने कहा था कि, “राहुल गांधी ने पिछले दो साल में 121 प्लान्ड और अनप्लान्ड टूर किए हैं जिसमें से 100 बार उन्होंने बख्तरबंद कार का इस्तेमाल ही नहीं किया. यहां तक कि विदेश यात्रा पर जाने से ठीक पहले उन्होंने एसपीजी को इसकी सूचना दी, जिससे तत्काल सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराने में भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.”(नोटः इस खबर को एनडीटीवी के स्टाफ ने एडिट नहीं किया है, इसे न्यूज़ एजेंसी के माध्यम से लिया गया है.)
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