रेनॉ ने भारत में 10 लाख वाहन बनाने का आंकड़ा पार किया
हाइलाइट्स
रेनॉ इंडिया ने एक बड़ा मील का पत्थर पार कर लिया है, क्योंकि इसने देश में अपने प्लांट से 10 लाख वाहनों को बनाने का आंकड़ा पूरा कर लिया है. यह घोषणा ओरगदम, चेन्नई में इसके प्लांट के चालू होने के लगभग 13 साल बाद आई है. इस प्लांट की वार्षिक निर्माण क्षमता 4.80 लाख वाहन है. रेनॉ वर्तमान में क्विड, काइगर और ट्राइबर को भारतीय बाजार में बेचती है, साथ ही इन मॉडलों को 14 देशों में निर्यात भी करती है. इस मील के पत्थर तक पहुंचने में रेनॉ के प्रमुख योगदानकर्ता डस्टर एसयूवी अब बंद हो चुकी है डस्टर के अलावा ऑल्टो-प्रतिद्वंद्वी क्विड ने भी इस आंकडे़ को पार करने में मुख्य भूमिका निभाई है, जिसमें बहुमुखी ट्राइबर अब फ्रांसीसी कार निर्माता के लिए बिक्री बढ़ा रही है.
रेनॉ ने हाल ही में अपनी लाइन अप में सभी वाहनों के आरडीई-अनुपालन वैरिएंट के साथ पेश किया
इस उपलब्धि पर टिप्पणी करते हुए रेनॉ इंडिया ऑपरेशंस के कंट्री सीईओ और एमडी वेंकटराम मामिलपल्ले ने कहा, “भारत में 10,00,000 वाहनों का निर्माण हासिल करना रेनॉ के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. यह भारतीय बाजार के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है और हमारे ग्राहकों द्वारा हम पर किए गए भरोसे को प्रदर्शित करता है. हम अपने ग्राहकों, डीलर पार्टनर्स, कर्मचारियों और सभी हितधारकों के प्रति बहुत आभारी हैं जिन्होंने हमारी इस शानदार यात्रा में योगदान दिया है. हम अच्छे प्रयास करना जारी रखेंगे और रोमांचक वाहनों को पेश करेंगे जो हमारे ग्राहकों की अपेक्षाओं को पूरा कर सकें.
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रेनॉ ने हाल ही में अपनी लाइन अप में सभी वाहनों के आरडीई-अनुपालन वैरिएंट के साथ पेश किए. मॉडल अब मानक के रूप में इलेक्ट्रॉनिक स्थिरता कार्यक्रम (ESP), ट्रैक्शन कंट्रोल सिस्टम (TCS) और टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम (TPMS) के साथ भी आते हैं. काइगर और ट्राइबर दोनों को ग्लोबल एनकैप से 4-स्टार क्रैश टेस्ट रेटिंग मिली है.
रेनॉ-निसान निकट भविष्य में दो ईवी के साथ चार मध्यम आकार की एसयूवी पेश करेगी
कुछ समय पहले रेनॉ ने भी निसान के साथ भारतीय बाजार में ₹5,300 करोड़ के निवेश करने की योजना की घोषणा की थी. यह निवेश छह नए मॉडलों के लॉन्च की देखरेख करेगा, जिसमें प्रत्येक ब्रांड के तहत तीन मॉडल होंगे. नए मॉडलों की इस लाइन-अप में दो ईवी के साथ चार मध्यम आकार की एसयूवी शामिल होंगी. इन मॉडलों का उद्देश्य ब्रांड की निर्यात संख्या में वृद्धि करना भी है, जबकि प्लांट उपयोग को 80 प्रतिशत तक ले जाना भी है.
Last Updated on June 14, 2023