रेनॉ ट्राइबर को ग्लोबल एनकैप से मिली प्रभावशाली 4 स्टार सुरक्षा रेटिंग
हाइलाइट्स
ग्लोबल एनकैप द्वारा किए गए क्रैश टेस्ट में मेड इन इंडिया रेनो ट्राइबर ने एडल्ट ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन के लिए प्रभावशाली 4 स्टार रेटिंग हासिल की है. ग्लोबल एनकैप 'भारत के लिए सुरक्षित कारें' पहल 2014 से चला रही है. कार्यक्रम के तहत, चालीस से अधिक भारतीय निर्मित कारों का सुरक्षा के लिए क्रैश परीक्षण किया गया है. रेनॉ ट्राइबर 2021 में परीक्षण की गई पहली कार है. ट्राइबर ने पिछली सीट पर बच्चों की सुरक्षा के लिए 3 स्टार हासिल किए हैं. सबकॉम्पैक्ट एमपीवी की मौजूदगी एक किफायती सेगमेंट में देखते हुए ये स्कोर काफी महत्वपूर्ण हैं.
यह रेनॉ इंडिया के लिए भी एक बड़ा कदम है - क्योंकि क्विड, डस्टर और लॉजी के पिछले परीक्षणों में खराब परिणाम देखे गए थे. टुवर्ड्स जीरो फाउंडेशन के अध्यक्ष डेविड वार्ड ने कहा, "ग्लोबल एनकैप के ट्राइबर क्रैश टेस्ट के परिणाम के साथ रेनॉ के सुरक्षा सुधारों को देखना संतोषजनक है. हम उन्हें इस प्रगति को जारी रखने और भारतीय बाजार के लिए उनके भविष्य के लक्ष्य के रूप में पांच सितारा रेटिंग हासिल करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे.”
ट्राइबर ने चालक और यात्री के सिर और गर्दन को अच्छी सुरक्षा दी.
क्रैश टेस्ट जर्मनी के लैंड्सबर्ग में ADAC क्रैश टेस्ट लैब में ग्लोबल NCAP के नियमों के हिसाब से किया गया. इसका मतलब है कि कार 64 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दुर्घटनाग्रस्त हुई. टक्कर ड्राइवर की ओर से सामने से की गई, जैसा कि आदर्श है. परीक्षण डेटा के विश्लेषण से पता चलता है कि ट्राइबर ने चालक और यात्री के सिर और गर्दन को अच्छी सुरक्षा दी. जबकि यात्री के सीने और घुटनों के लिए पर्याप्त सुरक्षा थी, ड्राइवर की तरफ केवल मामूली सुरक्षा दिखाई दी. हालांकि ट्राइबर के बॉडीशेल को अस्थिर रेटिंग मिली है, क्योंकि यह आगे के भार को झेलने में सक्षम नहीं था. कार के फुटवेल क्षेत्र को स्थिर होने का दर्जा दिया गया है. यह एक ऐसा क्षेत्र जिसमें कई भारतीय निर्मित कारों ने हाल के दुर्घटना परीक्षणों में संघर्ष किया है.
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ग्लोबल एनकैप के महासचिव एलेजांद्रो फुरास ने कहा, "रेनॉ ने क्विड पर हमारे 2016 के परीक्षणों की तुलना में फ्रंटल क्रैश में सुरक्षा प्रदर्शन में काफी सुधार किया है. ट्राइबर कंपनी के लिए एक मजबूत आधार रेखा निर्धारित करती है, और हम रेनॉ को इस महत्वपूर्ण प्रगति को बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करते रहेंगे ताकि उसकी कारों को 5 सितारा सुरक्षा रेटिंग मिल सके".
रेनॉ ट्राइबर का 2021 मॉडल हाल ही में रु 5.30 लाख की शुरुआती कीमत पर लॉन्च किया गया है.
रेनॉ ट्राइबर ने बच्चों की सुरक्षा के लिए अच्छी 3 स्टार रेटिंग हासिल की है. ग्लोबल एनकैप परीक्षण हमेशा कार की पिछली सीटों पर मिलने वाली सुरक्षा की जानकारी भी देती हैं. यही कारण है कि कार निर्माता द्वारा बताई गई चाइल्ड सीटों का उपयोग करके ही परीक्षण किए जाते हैं. बच्चों की सुरक्षा और ट्राइबर की पिछली सीट की सुरक्षा बेहतर हो सकती थी, अगर कार में ISOFIX चाइल्ड सीट एंकर और दूसरी रो में बीच के यात्री के लिए तीन-पॉइंट सीटबेल्ट मानक रूप से दी गए होते. लेकिन यह दोनो कार के सबसे महंगे RXZ ट्रिम पर भी उपलब्ध नहीं हैं. जो मानक है वह कानून द्वारा आवश्यक है - जैसे दो अगले एयरबैग, एबीएस (एंटीलॉक ब्रेकिंग), रियर पार्किंग सेंसर और अगली सीटबेल्ट का रिमाइंडर. इसके अलावा ट्राइबर के ऊंचे वेरिएंट्स में स्पीड सेंसिंग डोर लॉकिंग, इम्पैक्ट सेंसिंग अनलॉकिंग और यहां तक कि अगले साइड एयरबैग भी हैं. ग्लोबल एनसीएपी क्रैश टेस्ट हमेशा किसी भी कर के बेस वर्जन पर टैस्ट करते हैं.
ट्राइबर रेनो-निसान-मित्सुबिशी एलायंस के सीएमएफ-ए+ प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करती है. यह रेनॉ क्विड का ही प्लेटफॉर्म है जिसे मजबूत किया गया है. CMF-A+ प्लेटफॉर्म पर हाल ही में लॉन्च हुई Renault Kiger और Nissan Magnite सबकॉम्पैक्ट SUVs भी बनी हैं. प्लेटफॉर्म, पार्ट्स और ड्राइवट्रेन में समानता को देखते हुए, यह उम्मीद की जा सकती है कि इन दोनों कारों की सुरक्षा रेटिंग भी अच्छी होगी. बेशक, हम केवल अनुमान लगा सकते हैं जब तक कि वे भी इसी तरह के परीक्षण से नहीं गुजरतीं, लेकिन ट्राइबर का परिणाम भारत में गठबंधन के भविष्य के लिए एक अच्छी ख़बर है.
Last Updated on June 1, 2021