दुनिया के टॉप 100 ब्रांड्स में 16 ऑटोमोबाइल कंपनियां शामिल, जानें कौन-कौन है लिस्ट में
दुनियाभर के टॉप 100 ब्रांड्स की 2017 की रिपोर्ट में 16 कंपनियां ऑटोमोबाइल जगत से हैं. इस लिस्ट में न सिर्फ इन 16 ऑटोमोबाइल कंपनियों शामिल हैं बल्कि इसमें से दो ब्रांड्स इस लिस्ट के टॉप 10 में स्थान बना चुकी हैं. ऑटो सैक्टर तकनीक से पीछे है, लेकिन FMCG, रिटेल, बेवरेजेस और फायनैंशियल सर्विस से आगे है.
हाइलाइट्स
- 100 बेस्ट ग्लोबल ब्रांड 2017 की लिस्ट इंटरब्रांड ने रिलीज की है
- टोयोटा और मर्सडीज़ ने इस लिस्ट के टॉप 10 में जगह बनाई है
- 16 में से 12 ब्रांड्स का विकास 2017 में वेल्यू के हिसाब से बढ़ा है
ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर दुनिया के टॉप 100 ब्रांड्स में शामिल हैं, और 100 में से 16 ऑटोमोटिव कंपनियां हैं. इतना ही नहीं ये ब्रांड्स दुनिया भर के टॉप 100 ब्रांड्स में 14 प्रतिशत हिस्सा रखते हैं. इंटरब्रांड की 2017 में जारी की गई लिस्ट के मुताबिक इन 16 में से 2 ब्रांड्स टॉप 10 लिस्ट में शामिल हैं जो टोयोटा और मर्सडीज़ बैंज़ हैं. पूरे ऑटोमोबाइल बाजार की बात करें तो यह दुनिया में इस साल का सबसे तेजी से बढ़ता और ग्रोथ करता सैक्टर है. ऑटो सैक्टर सिर्फ तकनीक से एक पायदान पीछे है, लेकिन एफएमसीजी, रिटेल, बेवरेजेस और फायनैंशियल सर्विस से आगे के पायदाप पर है.
टोयोटा इस लिस्ट में 7वें स्थान पर है
टोयोटा और मर्सडीज़ बैंज़ को छोड़कर कुल 16 ब्रांड्स में बीएमडब्ल्यू इस लिस्ट में 13वें स्थान पर है. होंडा 20वें स्थान पर है वहीं फोर्ड टॉप 100 लिस्ट में 33वें स्थान पर जगह बनाए हुए है. 34वें स्थान पर कब्जा ह्यूंदैई का है और ऑडी लिस्ट में 38वें नंबर पर है. 39वें नंबर पर निसान और 40वें स्थान पर फोक्सवेगन ग्रुप ने जगह बनाई है. 48वें नंबर पर पोर्श ने तो किआ ने 69 नंबर पर और लैंड रोवर ने 73वें नंबर पर जगह बनाई है. टॉप 100 लिस्ट में 87वें स्थान पर मिनी और फरारी ठीक नीचे 88वें स्थान पर है. आखिरकार इस लिस्ट में 98वां स्थान टैस्ला ने बनाया है. रिपोर्ट्स की मानें तो इन 16 ब्रांड्स की वैल्यू में इज़ाफा 2017 में हुआ है जिससे ये कंपनियां इस लिस्ट में शामिल हुईं.
मर्सडीज़ इस लिस्ट में 9वें स्थान पर है
टैक्नोलॉजी की बात करें तो इनमें से भी कई फैक्टर्स ऑटो इंडस्ट्री से जुड़े हुए हैं जिनमें रिसर्च शामिल है और यही इन ब्रांड्स को सबसे पहले स्थान पर लाकर खड़ा करता है. एप्पल पहले, गूगल दूसरे और माइक्रोसॉफ्ट तीसरे स्थान पर है. ये तीनों कंपनियां कुछ ऐसी तकनीकों पर काम कर रही हैं जो कुछ ही सालों बाद इन्हें और भी ज्यादा ग्रोथ दे सकती हैं. आने वाले समय में ये कंपनियां ऑटोमोबाइल जगत में बहुत बड़ा बदलाव लाने वाली हैं और इस बदलाव का हिस्सा ये कंपनियां सीधे मैन्युफैक्चर बनकर या सप्लायर बनकर निभाएंगी.
ऑटो सैक्टर तकनीक से पीछे है, लेकिन FMCG, रिटेल, बेवरेजेस और फायनैंशियल सर्विस से आगे है
अब सभी ऑटोमोटिव कंपनियां अपने आप को और आगे बढ़ाने कर पूरा प्रयास कर रही हैं. भविष्य में किसी कमी की वजह से कोई ब्रांड पिछड़ न जाए, इसके लिए बड़ी कार निर्माता कंपनियों से साथ काम करने का भी फैसला किया है. जहां फोर्ड और महिंद्रा ने साथ मिलकर कारें बनाने का फैसला लिया है, वहीं टोयोटा सुज़ुकी और बीएमडब्ल्यू दोनों के साथ मिलकर काम कर रही है. वोक्सवेगन ग्रुप के पास अपने ही 9 ब्रांड्स हैं और डेमलर रेनॉ के साथ मिलकर काम कर रही है. माना जा रहा है कि अगले कुछ सालों में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री और भी ज्यादा ग्रोथ करेगी और इनका स्थान और भी अच्छा होने वाला है.
टोयोटा और मर्सडीज़ बैंज़ को छोड़कर कुल 16 ब्रांड्स में बीएमडब्ल्यू इस लिस्ट में 13वें स्थान पर है. होंडा 20वें स्थान पर है वहीं फोर्ड टॉप 100 लिस्ट में 33वें स्थान पर जगह बनाए हुए है. 34वें स्थान पर कब्जा ह्यूंदैई का है और ऑडी लिस्ट में 38वें नंबर पर है. 39वें नंबर पर निसान और 40वें स्थान पर फोक्सवेगन ग्रुप ने जगह बनाई है. 48वें नंबर पर पोर्श ने तो किआ ने 69 नंबर पर और लैंड रोवर ने 73वें नंबर पर जगह बनाई है. टॉप 100 लिस्ट में 87वें स्थान पर मिनी और फरारी ठीक नीचे 88वें स्थान पर है. आखिरकार इस लिस्ट में 98वां स्थान टैस्ला ने बनाया है. रिपोर्ट्स की मानें तो इन 16 ब्रांड्स की वैल्यू में इज़ाफा 2017 में हुआ है जिससे ये कंपनियां इस लिस्ट में शामिल हुईं.
टैक्नोलॉजी की बात करें तो इनमें से भी कई फैक्टर्स ऑटो इंडस्ट्री से जुड़े हुए हैं जिनमें रिसर्च शामिल है और यही इन ब्रांड्स को सबसे पहले स्थान पर लाकर खड़ा करता है. एप्पल पहले, गूगल दूसरे और माइक्रोसॉफ्ट तीसरे स्थान पर है. ये तीनों कंपनियां कुछ ऐसी तकनीकों पर काम कर रही हैं जो कुछ ही सालों बाद इन्हें और भी ज्यादा ग्रोथ दे सकती हैं. आने वाले समय में ये कंपनियां ऑटोमोबाइल जगत में बहुत बड़ा बदलाव लाने वाली हैं और इस बदलाव का हिस्सा ये कंपनियां सीधे मैन्युफैक्चर बनकर या सप्लायर बनकर निभाएंगी.
अब सभी ऑटोमोटिव कंपनियां अपने आप को और आगे बढ़ाने कर पूरा प्रयास कर रही हैं. भविष्य में किसी कमी की वजह से कोई ब्रांड पिछड़ न जाए, इसके लिए बड़ी कार निर्माता कंपनियों से साथ काम करने का भी फैसला किया है. जहां फोर्ड और महिंद्रा ने साथ मिलकर कारें बनाने का फैसला लिया है, वहीं टोयोटा सुज़ुकी और बीएमडब्ल्यू दोनों के साथ मिलकर काम कर रही है. वोक्सवेगन ग्रुप के पास अपने ही 9 ब्रांड्स हैं और डेमलर रेनॉ के साथ मिलकर काम कर रही है. माना जा रहा है कि अगले कुछ सालों में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री और भी ज्यादा ग्रोथ करेगी और इनका स्थान और भी अच्छा होने वाला है.
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