स्कोडा ने भारत में 1 लाख ऑक्टेविया बेचने का आंकड़ा पार किया
हाइलाइट्स
स्कोडा ऑक्टेविया मॉनीकर 2001 से भारत में मौजूद है और भारतीय बाजार में प्रीमियम सेडान के लिए एक रोलरकोस्टर यात्रा के बावजूद, चेक निर्माता ने पिछले दो दशकों में कार की 1 लाख से अधिक इकाइयां बेची हैं. अब तक, स्कोडा ने भारत में ऑक्टेविया की 101,111 इकाइयां डिलेवर की हैं, और कार एक ही नाम के साथ सबसे सबसे लंबे समय बिकने वाली कारों में से एक बन गई है. अपने सेगमेंट में जर्मन कार निर्माताओं के साथ प्रतिस्पर्धा करते हुए, ऑक्टेविया भारत में कंप्लीटली नॉक्ड डाउन (सीकेडी) के माध्यम से सबसे अधिक बिकने वाली कार है.
नए बिक्री मील के पत्थर के बारे में बात करते हुए, स्कोडा ऑटो इंडिया के ब्रांड निदेशक, ज़ैक हॉलिस ने कहा, "ऑक्टेविया भारत में हमारे प्रवेश के बाद से स्कोडा ऑटो का पर्याय है. इसने भारतीय उपभोक्ताओं को डिजाइन,तकनीक,आराम,से लेकर बेहतरीन ड्राइविंग डायनेमिक्स तक अपनी हर एक चीज़ से मुरीद बनाया है, और 2001 में पहली बार लॉन्च होने के बाद अपना एक अलग ही सेगमेंट बनाया. हमारे प्रशंसकों और ग्राहकों के परिवार के लिए एक बड़ा धन्यवाद, जिनके दो दशकों से अधिक समय तक ऑक्टेविया के लिए निरंतर प्यार और समर्थन ने इस उपलब्धि को संभव बनाया है."
ऑक्टेविया (A4) ने भारतीय बाजार में 2001 में शुरुआत की, उसके बाद vRS का स्थान आया, जिसका अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू 2000 में हुआ, जो एक प्रोडक्शन कार में स्कोडा का पहला प्रदर्शन-उन्मुख बैज था. vRS भारत में पहली बार टर्बोचार्ज्ड पेट्रोल इंजन वाली पैसेंजर कार भी थी, जिसे 2004 में भारतीय उपभोक्ताओं के लिए लॉन्च किया गया था. स्कोडा ने भारत में 2004 में टीडीआई, टीएसआई और वीआरएस फॉर्म में कई इंजन पेश किए. 2005 में, स्कोडा ने नई पीढ़ी के ऑक्टेविया को लौरा (ए 5) के रूप में फिर से पेश किया, जो 2010 तक बिक्री पर रही. फिर 2013 में (ए 7) ऑक्टेविया नए फीचर्स और तकनीक के साथ आई. स्कोडा को 2017 में वीआरएस 230 और 2020 में वीआरएस 245 के साथ एडिशन मिला.
चौथी पीढ़ी की ऑक्टेविया 2021 में भारत आई और कीमतें ₹ 26.85 लाख (एक्स-शोरूम दिल्ली) से शुरू होती हैं और 2 वेरिएंट - स्टाइल और लॉरिन एंड क्लेमेंट (एल एंड के) के साथ आती हैं. पावर 2-लीटर, चार-सिलेंडर टीएसआई टर्बो पेट्रोल इंजन से मिलती है, जो 187 बीएचपी और 320 एनएम पीक टॉर्क बनाती है, ट्रांसमिशन कर्तव्यों के लिए इसमें 7-स्पीड डीएसजी ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन है. कंपनी की प्रीमियम सेडान 600-लीटर बूट स्पेस के साथ आती है और पीछे की सीट को नीचे की ओर मोड़कर इसे 1,555-लीटर तक बढ़ाया जा सकता है.
ऑक्टेविया देश में अपने सेगमेंट में पहली कार थी, जिसे एक खास हाई-परफॉर्मेंस वैरिएंट मिला था जिसका नाम ऑक्टेविया वीआरएस. भारत में ऐसे कई चाहने वाले थे जिन्होंने कार के कई फैन क्लब बनाए और इसे तगड़ी फैन फॉलोइंग मिली. पूरी दुनिया में ऑक्टेविया के अलग-अलग बॉडी स्टाइल, इंजन और मॉडल को मिलाकर अब 75 लाख से अधिक यूनिट्स को बेचा जा चुका है.
Last Updated on June 23, 2022