टाटा मोटर्स ने अपने यात्री वाहन कारोबार में हिस्सेदारी बेचने की ख़बरों का खंडन किया
हाइलाइट्स
टाटा मोटर्स ने अपने यात्री वाहन कारोबार की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी विदेशी कंपनी को बेचने की योजना के बारे में हालिया मीडिया रिपोर्ट का खंडन किया है और कहा है कि इसमें कोई सच्चाई नहीं है. कंपनी के मुताबिक रिपोर्ट "बिना आधार और बिना किसी योग्यता के" है. अंग्रेज़ी अख़बार टाइम्स ऑफ इंडिया ने हाल ही में बताया कि टाटा मोटर्स अपने रु 9,417 करोड़ के यात्री वाहन कारोबार को एक सहायक कंपनी को सौंपने की योजना बना रही है और साथ ही वह यूरोपीय और पूर्वी एशियाई के कई वाहन निर्माताओं से 49 प्रतिशत तक हिस्सेदारी बेचने बातचीत कर रही है. हमारे पूछने पर टाटा मोटर्स ने कहा कि रिपोर्ट में "कुछ सच नहीं है और यह भ्रमित करती है".
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि टाटा मोटर्स कई चीनी कंपनियों के साथ भी बातचीत कर रही है
इस बात को दोहराते हुए कि कंपनी ने अपने यात्री कार व्यवसाय के विभाजन के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया है, टाटा मोटर्स के एक प्रवक्ता ने कहा, "जैसा कि आप जानते हैं, मार्च 2020 में, टाटा मोटर्स ने सहायक कंपनियों को अपने यात्री वाहन कारोबार देने के इरादे की घोषणा की थी. यह कारों, आर्किटेक्चर, इंजन और नई तकनीक हासिल करने की दिशा में हमारा पहला कदम है. हम संभावित साझेदारी के अवसरों की पहचान के लिए कई कंपनियों के साथ बातचीत कर रहे हैं."
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रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि टाटा मोटर्स गीली, चांगन और चेरी जैसे चीनी कंपनियों के साथ बातचीत कर रही है, लेकिन भारत और चीन के बीच बिगड़ते रिश्ते इस सौदे को प्रभावित कर सकते हैं. मार्च 2020 में टाटा मोटर्स ने अपने यात्री वाहन और इलेक्ट्रिक वाहन व्यवसाय को विलय कर दिया था, और कहा था कि यह यात्री वाहन व्यापार को मजबूत करेगा.