केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मारुति सुजुकी वाहन स्क्रैपिंग सेंटर का उद्घाटन किया

हाइलाइट्स
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री (MoRTH) नितिन गडकरी ने नोएडा में मारुति सुजुकी टोयोत्सु वाहन स्क्रैपिंग सेंटर का उद्घाटन किया है. MSTI प्लांट का निर्माण मारुति सुजुकी और टोयोटा सुशो ग्रुप द्वारा किया गया है और यह एंड-ऑफ-लाइफ वाहनों (ELVs) के लिए सरकार द्वारा समर्थित देश का पहला स्क्रैपिंग और रीसाइक्लिंग सेंटर है. स्क्रैपेज प्लांट को ₹ 44 करोड़ की लागत से बनाया गया है और यह 10,993 वर्ग मीटर में फैला हुआ है. इसका संचालन मारुति सुजुकी टोयोत्सु इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और केंद्र सरकार की वाहन परियोजना नीति के अनुसार किया जाएगा.
स्क्रैपेज प्लांट को ₹ 44 करोड़ की लागत से बनाया गया है और यह 10,993 वर्ग मीटर में फैला हुआ हैस्क्रैपेज प्लांट में हर महीने 2,000 वाहनों और सालाना 24,000 वाहनों को स्क्रैप करने की क्षमता है. कंपनी ने यह भी खुलासा किया कि एक वाहन को पूरी तरह से स्क्रैप करने में लगभग 200 मिनट या 3.5 घंटे का समय लगेगा. जहां यह पहली सरकार द्वारा समर्थित स्क्रैपेज सुविधा है, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने देश भर में अगले दो वर्षों में कम से कम 200-300 ऐसे सेंटर खोलने की घोषणा की है. गडकरी ने आगे कहा कि उन्हें उम्मीद है कि नई स्क्रैपेज नीति के कारण ऑटो उद्योग में 10-12 प्रतिशत की वृद्धि होगी.
स्क्रैपेज प्लांट में प्रयोग होने वाली सभी मशीनें घरेलू निर्मित हैंग्राहकों के लिए, EVL स्क्रैपिंग केंद्रों में जाकर पुराने वाहन को स्क्रैप करना आसान हो जाएगा. ग्राहकों को स्क्रैप का प्रमाण पत्र मिलेगा जिसका उपयोग क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) में डी-पंजीकरण के लिए किया जा सकता है. स्क्रैपिंग सुविधा एक पारदर्शी प्रक्रिया और डिजिटल भुगतान की भी सुविधा देती है. इसके अलावा, ग्राहक नया वाहन खरीदते समय अपना पंजीकरण शुल्क माफ करवा सकते हैं. सरकार ने ऑटो निर्माताओं से पुरानी कारों को स्क्रैप करने वाले ग्राहकों को कुछ राहत देने का आग्रह किया है.
इस कार्यक्रम में बोलते हुए, गडकरी ने कहा, "प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए स्क्रैपेज नीति महत्वपूर्ण है. पुरानी कारें नई कारों की तुलना में अधिक प्रदूषण करती हैं, इसलिए उन्हें चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने की आवश्यकता है. पुराने वाहन प्रदूषण का कारण बनते हैं जो कि एक बड़ी समस्या है. अर्थव्यवस्था के लिए स्क्रैपिंग नीति बहुत महत्वपूर्ण है. इससे हमें कच्चा माल कम लागत पर मिलेगा जिससे हम उत्पादन लागत कम कर सकते हैं.”
गडकरी ने कहा है कि नई स्क्रैपेज नीति के कारण ऑटो उद्योग में 10-12 प्रतिशत की वृद्धि होगीगडकरी ने आगे कहा, "स्क्रैपेज नीति से कच्चे माल की लागत को 33 प्रतिशत तक कमम किया जा सकता है, वाहन बिक्री पर लगने वाले जीएसटी से सरकार को लगभग ₹ 30,00-40,00 करोड़ का राजस्व प्राप्त होता है.”
इस कार्यक्रम में बोलते हुए, मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के एमडी और सीईओ केनिची आयुकावा ने कहा, "कई देशों की तरह, हमें ऐसी नीति की आवश्यकता है जहां हर 3-4 साल में वाहनों के फिटनेस की जांच की जाए.”
गडकरी ने हर जिले में कम से कम 3-4 वाहन स्क्रैपिंग सेंटर खोलने की भी बात कही. उन्होंने कहा, "हम ऑटोमोटिव फिटनेस सेंटर और स्क्रैपिंग सेंटरों में ₹10,000 करोड़ से अधिक के नए निवेश की उम्मीद करते हैं. हमारे पास हर जिले में कम से कम 3-4 स्क्रैपिंग सेंटर होने चाहिए. और इससे नए रोजगार पैदा होंगे.”
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री (MoRTH) नितिन गडकरीइस कदम से विभिन्न जिलों में अधिक निवेश और रोजगार के अवसरों के साथ अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा. गडकरी ने कहा, "ऑटो क्षेत्र का वार्षिक कारोबार ₹7.5 लाख करोड़ है. हमारा लक्ष्य इसे 5 वर्षों में ₹15 लाख करोड़ तक ले जाना है. भारत का लक्ष्य 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन है और यह हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है. मुझे विश्वास है कि स्क्रैपेज नीति महत्वपूर्ण समाधानों में से एक है.”












































