सरकार एक से ज़्यादा ईंधन पर चलने वाले फ्लेक्स इंजन करेगी अनिवार्य
हाइलाइट्स
पिछले लगभग आधे दशक से सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी पर्यावरण को साफ रखने के लिए वैकल्पिक ईंधनों के लाभों उनके प्रभाव की वकालत करते रहे हैं. वह भारत में वाहन निर्माताओं से अनुरोध कर चुके हैं कि वह मेथनॉल और इथेनॉल जैसे प्राकृतिक गैस विकल्पों पर चलने वाले वाहन बनाएं जो तुलनात्मक रूप से कम प्रदूषण फैलाते हैं. अब गडकरी जल्द ही फ्लेक्स इंजन, जो एक से अधिक ईंधन पर चल सकते हैं को अनिवार्य करने की योजना बना रहे हैं.
केंद्रिय मंत्री नितिन गडकरी वैकल्पिक ईंधनों के लाभों की वकालत करते रहे हैं.
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, नितिन गडकरी ने कहा, "अगले 3 से 4 महीनों में, मैं एक आदेश जारी करूंगा, जिसमें सभी वाहन निर्माताओं को फ्लेक्स इंजन (जो एक से अधिक ईंधन पर चल सकता है) का इस्तेमाल करना होगा." एक बार जब यह अनिवार्य हो जाता है और एक समय सीमा निर्धारित हो जाती है, तो वाहन निर्माताओं के पास आदेश का पालन करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं होगा जैसा कि हमने बीएस 6 नियमों के साथ देखा था. बीएस 6 की तरह से ही सरकार के इस फैसले से वाहनों की कीमतें भी बढ़ सकती हैं.
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ऑटो उद्योग एकमात्र ऐसा क्षेत्र नहीं है जहां वैकल्पिक ईंधन के उपयोग पर जोर दिया जा रहा है. मेथनॉल रसोई गैस का भी विकल्प है और इससे पहले नीति आयोग इसके इस्तेमाल को बढ़ावा देने की बात कर चुका है. नीति आयोग के सदस्य वीके सारस्वत ने पहले ईंधन के रूप में मेथनॉल के विकास के लिए लगभग रु 5,000 करोड़ के निवेश की बात कही थी.