मोटर वाहन दस्तावेज़ों की वैधता को आगे बढ़ाकर 30 सितंबर, 2020 तक किया गया
हाइलाइट्स
केन्द्रीय सरकार ने मोटर वाहन दस्तावेजों की वैधता और बढ़ाकर 30 सितंबर, 2020 तक करने का फैसला किया है. इससे पहले मंत्रालय ने 30 मार्च, 2020 को सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को एक परामर्श जारी किया था, जिसमें यह सलाह दी गई थी कि फिटनेस,परमिट (सभी प्रकार), ड्राइविंग लाइसेंस, रेजिस्ट्रेशन या किसी अन्य संबंधित दस्तावेज जिसकी वैधता का विस्तार लॉकडाउन के कारण नहीं हो सका यह जिसके होने की संभावना नहीं है और जिसकी वैधता 1 फरवरी, 2020 से समाप्त हो गई थी या 31 मई, 2020 तक समाप्त हो जाएगी, उन्हे 31 मई, 2020 तक वैध माना जाएगा. कुछ दिन बाद इसकी सीमा 30 जून,2020 तक बढ़ा दी गई थी.
ऐसे दस्तावेज़ जो 1 फरवरी, 2020 का बाद ख़त्म हुए हैं यह नए मियम उनके उपर लागू होते हैं.
इसके बाद कोरोनावायरस की रोकथाम की अवधि और मुश्किलों के दौरान नागरिकों की सुविधा के लिए मंत्रालय ने 21 मई, 2020 को एक गजट अधिसूचना जारी की और केन्द्रीय मोटर वाहन नियमों,1989 के नियमों के तहत फीस वैधता में 31 जुलाई, 2020 तक छूट दे दी. अब जारी स्थिति को ध्यान में रखते हुए और प्राप्त अनुरोधों के अनुसार, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने अपने मंत्रालय को निर्देश दिया है कि वे दस्तावेजों को 30 सितंबर तक वैध समझे जाने के लिए परामर्श जारी करे.
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इससे पहले 1989 के नियमों के तहत दस्तावेज़ों की फीस की वैधता में 31 जुलाई, 2020 तक छूट दी गई थी.
अब इन असामान्य परिस्थितियों के दौरान राज्य / संघ शासित प्रदेशों को मोटर वाहन कानून 1988 के तहत उपलब्ध प्रावधानों या अन्य कानूनों के तहत उपलब्ध ऐसे अन्य प्रावधानों, परमिट की आवश्यकता में छूट पर विचार के लिए, या परमिट के दोबारा बनाने के लिए शुल्क देने या करों आदि से राहत देने की अनुमति देने का अनुरोध किया गया है.