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मद्रास उच्च न्यायालय के इस फैसले के बाद महंगे हो सकते हैं मोटर वाहन

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Vehicles To Cost More Post Madras High Court's Verdict On 5-Year Motor Insurance: Report
5 साल के 'बम्पर-टू-बम्पर' मोटर बीमा को अनिवार्य बनाने के मद्रास उच्च न्यायालय के हालिया फैसले से वाहन ख़रीदने की लागत मौजूदा कीमत के 8 से 9 प्रतिशत तक बढ़ सकती है.
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द्वारा कारएंडबाइक टीम

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प्रकाशित अगस्त 29, 2021

हाइलाइट्स

    मद्रास उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को तामिल नाडू में 1 सितंबर, 2021 से बेचे जाने वाले सभी वाहनों के लिए 5 साल का 'बम्पर-टू-बम्पर' मोटर बीमा अनिवार्य करने का आदेश दिया है. न्यायमूर्ति एस वैद्यनाथन ने यह कहा है कि अब से चालक सहित सभी यात्रियों को बीमा के तहत कवर किया जाए. डीलरों और कंपनियों के अनुसार, इस निर्णय से वाहन ख़रीदने की लागत मौजूदा कीमत की तुलना में 8 से 9 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी. एक मास-मार्केट टू-व्हीलर की कीमत ₹ 7,000 से ₹ ​​8,000 तक बढ़ जाएगी, जबकि एक मास सेगमेंट कार (₹ 4-5 लाख की कीमत) के लिए बीमा ₹ 50,000 तक बढ़ जाएगा.

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    यह फैसला केवल तामिल नाडू में बिकने वाले वाहनों पर ही लागू है

    ऑटो डीलर संघ के अध्यक्ष, विंकेश गुलाटी ने कहा, "वाहन के मालिक पर अनावश्यक दायित्व थोपने से बचने के लिए, मद्रास उच्च न्यायालय ने पांच साल के बम्पर-टू-बम्पर बीमा को अनिवार्य करने का आदेश दिया है. जबकि IRDA ने बीमा कंपनी को 1 अगस्त 2020 से एक वर्ष से अधिक के लिए स्वयं की क्षति नीति देने के लिए प्रतिबंधित कर दिया है. महामारी के समय में जहां मांग अभी भी नाजुक है ऐसा आदेश सस्ते वाहन खरीदारों की के लिए घातक होगा. इस नए खर्च से उनके ऊपर एक अतिरिक्त बोझ पड़ेगा."

    यह भी पढ़ें: सरकार ने नए वाहनों के लिए 'भारत सीरीज' रजिस्ट्रेशन पेश किया: रिपोर्ट

    यह फैसला मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) द्वारा पुरस्कार को रद्द करते हुए जारी किया गया है, जिसमें बीमा फर्म द्वारा दावाकर्ताओं को रु 14.65 लाख की राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया गया था. दुर्घटना में मृतक के रिश्तेदारों ने उनकी मृत्यु के मुआवजे की मांग की थी.

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