फोक्सवेगन इंडिया ने बाज़ार रवाना की 10,00,000वीं कार, पुणे प्लांट से रवाना की अमिओ
हाइलाइट्स
फोक्सवेगन इंडिया ने आज पुणे स्थित अपनी फैक्ट्री से 10,00,000वीं कार बाज़ार में बिकने के लिए भेजी है. जो 10 लाख वीं कार बाज़ार के लिए भेजी गई वह फोक्सवेगन अमिओ है और इसे फोक्सवेगन इंडिया प्रा. लि. के मैनेजिंग डायरेक्टर गुरप्रताप बोपारई और फोक्सवेगन पैसेंजर कार्स इंडिया के डायरेक्टर स्टीफन नेप की मौजूदगी में रवाना किया गया. इस प्लांट की शुरुआत मार्च 2009 में की गई थी और पहली कार जिसका इस प्लांट में उत्पादन शुरू किया गया वह स्कोडा फाबिआ थी. जल्द ही इस फैसिलिटी में फेक्सवेगन पोलो, वेन्टो और स्कोडा रैपिड का उत्पादन भी शुरू किया गया.
जो 10 लाख वीं कार बाज़ार के लिए भेजी गई वह फोक्सवेगन की अमिओ है
फोक्सवेगन इंडिया ने पुणे प्लांट से कंपनी के वाहनों को निर्यात करना भी शुरू किया जिसकी शुरुआत 2012 में साउथ अफ्रिका से की गई. मैक्सिको दूसरा देश था जहां फोक्सवेगन ने मेड-इन-इंडिया वाहन निर्यात किए और वेंटो जल्द ही विदेशी बाज़ार में सबसे ज़्यादा पसंद की जाने वाली कार बनी. आज की तारीख में फोक्सवेगन ने अपने 4 लाख से भी ज़्यादा वाहन 5 महाद्वीपों के 50 अलग-अलग देशों में निर्यात की है जिनका उत्पादन भारत में किया गया है, इन महाद्वीपों में एशिया, अफ्रिका, नॉर्थ अमेरिका और साउथ अमेरिका शामिल हैं.
फोक्सवेगन ग्रुप ने 2.0 प्रोजैक्ट में 8000 करोड़ रुपए का निवेश किया है और पुणे प्लांट में टैक्नोलॉजी सेंटर का निर्माण भी कर लिया है
फोक्सवेगन पैसेंजर कार्स के डायरेक्टर स्टीफन कनैप ने कहा कि, “फोक्सवेगन के कार लाइन-अप की 10,00,000वीं कार का फैक्ट्री से निकलना भारत के बदलते बाज़ार में हमारे ब्रांड की मजबूत स्थिती को दर्शाता है. यह उपलब्धि हम अपने तमाम कर्मचारी, ग्राहक और उस मजबूत नेटवर्क को समर्पित करते हैं जिन्होंने भारत में कंपनी को इस मजबूत स्थित में लाकर खड़ा किया है. इस उपलब्धि के साथ आने वाले समय में हम ऐसे ही माइलस्टोन बनाएंगे और कार के दमदार पोर्टफोलियो के साथ ग्राहकों की संख्या में बढ़ोतरी की उम्मीद करते हैं.”
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फोक्सवेगन ग्रुप बाज़ार में अपनी पकड़ को और ज़्यादा मजबूत करने के लिए भारत में रीजनल इंडिया 2.0 प्रोजैक्ट चला रही है. इस प्रोजैक्ट में भारतीय बाज़ार के अनुकूल ज़्यादा वाहन बनाने पर फोकस किया जा रहा है और इनमें देशी MQB A0 प्लैटफॉर्म का इस्तेमाल किया जा रहा है. फोक्सवेगन ग्रुप ने इस प्रोजैक्ट में 8000 करोड़ रुपए का निवेश किया है और कंपनी ने पुणे प्लांट में टैक्नोलॉजी सेंटर का निर्माण भी कर लिया है जिसमें भारत में उत्पादन पर काम किया जाएगा.