वॉल्वो अपनी कारों को सुरक्षित बनाने के लिए कर रही गेमिंग तकनीक का इस्तेमाल
हाइलाइट्स
वॉल्वो कारों के इंजीनियर एक अनोखे प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं जिसे उन्होंने दी अल्टिमेट ड्राइविंग सेम्युलेटर नाम दिया है. ये सिर्फ उनके गेमिंग के प्रति लगाव का बहाना नहीं है, बल्कि सुरक्षा और ऑटोनोमस ड्राइविंग तकनीक को लेकर स्वीडन की कंपनी वॉल्वो का रियालिटी सेम्युलेटर है. इसमें सेम्युलेटर की तरह ड्राइवर की सीट के लिए हिलने वाला सेटअप लगाया गया है, इसके अलावा स्टीयरिंग व्हील का शानदार अनुभव और बेहद साफ वर्चुअल रियालिटी हैडसेट लगाया गया है जो काफी प्रभावशाली है.
रियर टाइम 3डी डेवेलपमेंट प्लैटफॉर्म पर कटिंग ऐज तकनीक का इस्तेमाल करके इस सेटअप को तैयार किया जा रहा है जिसमें कार के साथ असली सड़कों पर असली कार में ऐसी ड्राइविंग सीट का उपयोग किया जाएगा. ऑगमेंटेड रियालिटी हैडसेट की मदद से हाई डेफिनेशन 3डी ग्राफिक्स दिखते हैं जो असली से नज़र आते हैं, इसके साथ पूरे शरीर पर टेस्लासूट के ज़रिए वर्चुअल दुनिया के बारीक फीडबैक भी मिलते हैं और शरीर की प्रतिक्रियाओं को भी मॉनिटर किया जा सकता है.
सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर के मिश्रण से वॉल्वो के इंजीनियर्स को कार पूरी तरह सुरक्षित रखते हुए असली टेस्ट ट्रैक रोड पर सेम्युलेट करने का मौका मिलेगा. इसमें इंजीनियर्स को नए सेफ्टी, ड्राइवर असिस्टेंस और ऑटोनोमस ड्राइविंग फीचर्स तैयार करने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी. टेस्टिंग की इस प्रक्रिया से सुरक्षा और ड्राइवर असिस्टेंस फीचर्स, आगामी ऑटोनोमस ड्राइव यूज़र इंटरफेस, भविश्य के कार मॉडल और कई मामलों में सहायता मिलेगी. इसकी टेस्टिंग असली रेस ट्रैक वाली सड़क या टेस्ट लैब में की जा सकती है और हर मामले को पूरी तरह कस्टमाइज़ किया जा सकता है.
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कार के सुरक्षा सिस्टम को तैयार करने के बाद इसकी जांच में कुछ बातें गंभीर हो सकती हैं, जैसे - कोलिजन-अवॉइडिंग तकनीक. इस सिस्टम को असल में जांचना और परखना काफी खतरनाम, समय लेने वाला और महंगा काम होने वाला है. वर्चुअल और मिक्स्ड रियालिटी सेम्युलेशन उपयुक्त माहौल में पूरी तरह सुरक्षित टेस्टिंग की क्षमता रखता है जिसके लिए किसी प्रोटोटाइप और सेटअप की आवश्यक्ता नहीं होगी.