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कार में हर यात्री के लिए 3-प्वाइंट सीट बेल्ट जल्द हो सकती है जरूरी

वर्तमान में, केवल आगे और पीछे की सीटों में थ्री-प्वाइंट सीट बेल्ट होते हैं, जिन्हें वाई-आकार के बेल्ट के रूप में भी जाना जाता है. अधिकांश कारों में मध्य पीछे की सीट में विमान सीट बेल्ट के समान एक बेल्ट होती है जो गोद के ऊपर दी जाती है.
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द्वारा ऋषभ परमार

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प्रकाशित फ़रवरी 8, 2022

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Story

हाइलाइट्स

    सरकार जल्द ही ऑटोमोबाइल निर्माताओं के लिए एक यात्री कार में सभी सीटों के लिए थ्री-प्वाइंट सुरक्षा बेल्ट देना अनिवार्य कर देगी, जिसमें पीछे की ओर मध्य सीट भी शामिल है, इस विकास से जुड़े अधिकारियों ने सोमवार को निजी तौर पर कहा. गौरतलब है कि वर्तमान में, केवल आगे और पीछे की खिड़की की सीटों में थ्री-प्वाइंट सीट बेल्ट होते हैं, जिन्हें वाई-आकार के बेल्ट के रूप में भी जाना जाता है. अधिकांश कारों में पीछे की पिछली सीटों में विमान सीट बेल्ट के समान एक बेल्ट होती है जो गोद के ऊपर दी जाती है.

    हालाँकि, कारों में सीट बेल्ट नहीं पहनना भारत में दशकों से एक दंडनीय यातायात अपराध है, लेकिन इसे पीछे के यात्रियों के लिए बड़े पैमाने पर लागू नहीं किया जाता है. अधिकारियों ने कहा कि परिवहन मंत्रालय इस संबंध में लगभग एक महीने में एक मसौदा अधिसूचना जारी करेगा और जनता से सुझाव और टिप्पणियां मांगेगा.

    यह भी पढ़ें : सरकार ने राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड के गठन की अधिसूचना जारी की

    सरकार का इरादा भारत में निर्मित यात्री कारों की समग्र सुरक्षा रेटिंग में सुधार करना है. खबरों की मानें तो मंत्रालय ने पाया है कि कुछ मॉडलों को छोड़कर, भारत में पीछे के मध्य सीट पर बैठने वाले यात्रियों के लिए किसी भी वाहन में थ्री-प्वाइंट सीट बेल्ट नहीं है. उनके पास केवल एक लैप बेल्ट है, जो कि दुर्घटना के मामले में शायद ही प्रभावी हो, इस प्रकार यात्रियों की जान को बहुत जोखिम में डाल दिया जाता है.

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    दुर्घटनाओं को देखते हुए सरकार देश में कारों को अत्यधिक सुरक्षित बनाने की ओर ध्यान दे रही है

    स्वीडिश कार निर्माता वॉल्वो द्वारा सभी की सुरक्षा के हित में उपलब्ध कराई गई थ्री-प्वाइंट सीट बेल्ट, लैप बेल्ट की तुलना में अधिक सुरक्षित साबित हुई है क्योंकि यह समान रूप से छाती से कंधों तक शरीर पर जाती है जिस वजह से किसी दुर्घटना के समय कम चोटें आती हैं. गौरतलब है कि हाल ही में सभी यात्री वाहनों के लिए छह एयर बैग अनिवार्य करने के प्रस्ताव के बाद कारों को सुरक्षित बनाने के लिए यह दूसरा मामला होगा. परिवहन मंत्रालय ने 14 जनवरी को एक मसौदा अधिसूचना जारी कर छह एयरबैग को अनिवार्य बनाने पर जनता से टिप्पणी मांगी थी, जिसे 1 अक्टूबर से लागू किया जाएगा.

    विशेषज्ञों ने सुरक्षा में सुधार के कदम का स्वागत किया लेकिन उनके मुताबिक यह तभी प्रभावी होगा जब यात्री पीछे की ओर बेल्ट पहनने के नियम का पालन करेंगे. उन्होंने कहा कि भारत में कारों की पिछली सीट पर बैठे लगभग 90% यात्री सुरक्षा बेल्ट नहीं पहनते हैं. 

    सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के अधिकारियों ने सहमति व्यक्त की कि सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह एक अच्छा कदम है, लेकिन मोटर वाहन नियमों के प्रवर्तन पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा “यह ठीक है कि सरकार इसकी योजना बना रही है, हालांकि सरकार द्वारा इसकी घोषणा करने के बाद हमें बारीक विवरण देखना होगा. लेकिन प्रवर्तन कहां है? अगर ऐसी कोई सूचना आती है तो ऑटोमोबाइल निर्माता इसका पालन करेंगे, लेकिन कार के अंदर सीटबेल्ट नहीं पहनने पर क्या पीछे के यात्रियों का चालान भी किया जाता है. पिछले महीने, सरकार ने सभी यात्री कारों में छह एयरबैग अनिवार्य करने का प्रस्ताव करते हुए एक अधिसूचना जारी की. विश्व स्तर पर कहीं भी ऐसा जनादेश मौजूद नहीं है.
     

    स्टोरी सूत्र : हिन्दुस्तान टाइम्स 

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