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इलेक्ट्रिक वाहनों का उत्पादन बढ़ाने के लिए ऑटो सैक्टर को मिले Rs. 26,000 करोड़

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Cabinet Clears 26000 Crore Scheme For Auto Sector To Boost Electric And Hydrogen Fuel Vehicle Production
इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए बदली हुई स्कीम के अंतर्गत रु 26,000 करोड़ का इंसेंटिव वाहन निर्माता कंपनियों को भारत सरकार देगी.
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द्वारा कारएंडबाइक टीम

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प्रकाशित सितंबर 15, 2021

हाइलाइट्स

    भारत सरकार ने अगले 5 साल तक इलेक्ट्रिक के उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए बदली हुई स्कीम के अंतर्गत रु 26,000 करोड़ का इंसेंटिव वाहन निर्माता कंपनियों को देने वाले प्रस्ताव को आज मंजूरी दे दी है. कुछ समय पहले ही इस प्रस्ताव की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने एजेंसी को यह जानकारी दी है. सरकार का असली प्लान वाहन निर्माताओं को रु 58,861 करोड़ देने का था जिसमें मुख्य रूप से पेट्रोल तकनीक को बढ़ावा लक्ष्य था, इसके अलावा इलेक्ट्रिक वाहनों को अलग से लाभ दिया जाना था. अब इस नीति को दोबारा तैयार किया गया है जिसमें इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन फ्यूल से चलने वाले को बढ़ावा दिए जाने की बात सामने आई है. बता दें कि इस स्कीम के अंतर्गत ऑटो सैक्टर में करीब 7.5 लाख लोगों के रोजगार मिलेगा.

    electric carsपेट्रोल-डीज़ल की जहग अब सरकार ने इलेक्ट्रिक और हाईड्रोजन फ्यूल वाहनों पर ध्यान लगाना शुरू कर दिया है

    तत्काल यह साफ नहीं हो पाया कि इस आबंटन में बदलाव क्यों हुआ, लेकिन एक सूत्र ने बताया कि क्लीन की जगह अब आधुनिक तकनीक को लक्ष्य बनाया गया है जहां कुछ कंपनियों को इसका लाभ मिल सकेगा. भारत की इस नीति के केंद्र में क्लीन ऐनर्जी को रखा गया है ताकि कच्चे तेल की निर्भरता खत्म की जा सके और बड़े शहरों को भारी प्रदूषण से भी बचाया जा सके, इसके अलावा पेरिस क्लाइमेट अकॉर्ड के अंतर्गत पर्यावरण को साफ रखने के वादे पर भी यह नीति कारगर है. भारतीय निर्माता टाटा मोटर्स देश में सबसे ज़्यादा इलेक्ट्रिक वाहन बेचती है जिसका मुकाबल महिंद्रा एंड महिंद्रा और मोटरसाइकिल निर्माता टीवीएस और हीरो मोटोकॉर्प भी इलेक्ट्रिक वाहन लाने की नीति पर काम कर रहे हैं.

    ba0sqlqoभारत की इस नीति के केंद्र में क्लीन ऐनर्जी को रखा गया है ताकि कच्चे तेल की निर्भरता खत्म की जा सके

    भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता मारुति सुज़ुकी के चेयरमैन ने पिछले हफ्ते कहा था कि, हाल-फिलहाल इलेक्ट्रिक वाहन लाने का कोई प्लान नहीं है क्योंकि कंपनी को यहां ज़्यादा बिक्री नहीं दिख रही और यह ग्राहकों के लिए फिलहाल किफायती भी नहीं है. इस बात की जानकारी रखने वाने एक सूत्र ने यह भी बताया कि अगर स्कीम कामयाब होती है तो पहले तय की गई राशि आबंटित की जाएगी. यह जानकारी भी मिली है कि वैश्विक निर्माताओं को आकर्षित करते के लिए भारत सरकार 27 मिलियन डॉलर यानी 1,98,647 करोड़ रुपए की घोषणा कर सकती है जिसका आधिकारिक ऐलान बहुत जल्द किया जा सकता है.

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    सूत्रों के अनुसार, इस बदली हुई स्कीम के अंतर्गत जो भी कंपनियां योग्य होंगी, उन्हें इलेक्ट्रिक और हाईड्रोजन ईंधन से चलने वाले वाहनों की कुल बिक्री का करीब 10-20 प्रतिशत कैशबैक दिया जाएगा. इस लाभ का फायदा उठाने के लिए योग्य बनना है तो वाहन निर्माताओं को 5 साल में रु 2,000 करोड़ का निवेश करना होगा. पुर्ज़े बनाने वाली कंपनियों को क्लीक कारों के पुर्ज़े बनाने और सुरक्षा संबंधित पुर्ज़े और अन्य आधुनिक तकनीक जैसे सेंसर्स और कनेक्टेड वाहनों में इस्तेमाल होने वाले रडार में निवेश करने पर इंसेंटिव मिलेगा.

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