नहीं रहे महिंद्रा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन केशब महिंद्रा, 99 साल की उम्र हुआ निधन
हाइलाइट्स
दूरदर्शी और महिंद्रा समूह के पूर्व अध्यक्ष केशव महिंद्रा का 99 वर्ष की आयु में निधन हो गया है. केशब महिंद्रा ने लगभग 5 दशकों तक महिंद्रा का नेतृत्व किया और विभिन्न क्षेत्रों में इसके विस्तार का मार्ग प्रशस्त किया. भारतीय उद्योग के दिग्गज महिंद्रा समूह के मानद अध्यक्ष भी थे. वह 2012 में मूहिंद्रा के अध्यक्ष के रूप में सेवानिवृत्त हुए और उन्होंने अपने भतीजे और वर्तमान अध्यक्ष आनंद महिंद्रा को कंपनी की बागडोर सौंप दी.
1923 में शिमला में जन्मे, केशब महिंद्रा 1948 में कंपनी के बोर्ड में शामिल हुए. उनके नेतृत्व में महिंद्रा सिर्फ ऑटोमोबाइल के निर्माता होने से आगे बढ़े और आईटी, हॉस्पिटैलिटी और रियल एस्टेट जैसे विभिन्न क्षेत्रों में विविध हो गए. भारत के सबसे पुराने अरबपति ने सरकार के साथ-साथ कॉर्पोरेट जगत में भी कई संस्थाओं के बोर्ड में सेवा की.
उनके निधन पर श्रद्धांजलि देने का सिलसिला शुरू हो गया है, SIAM के अध्यक्ष, विनोद अग्रवाल ने अपने शोक संदेश में कहा, “भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग ने आज 99 वर्ष की आयु में अपने अग्रणी श्री केशब महिंद्रा को खो दिया. भारतीय ऑटो उद्योग की यात्रा के शुरुआती वर्षों में उनके नेतृत्व ने भारत को विश्व स्तर पर एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में पहचान बनाने में और भारत को ऑटोमोबाइल क्षेत्र के लिए एक प्रोडक्शन केंद्र बनने में भी मदद मिली है. वह वर्ष 1964 के दौरान SIAM के अध्यक्ष थे. SIAM और भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग एक सच्चे दूरदर्शी के निधन पर शोक व्यक्त करते हैं और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं.
The industrial world has lost one of the tallest personalities today. Shri Keshub Mahindra had no match; the nicest person I had the privilege of knowing. I always looked forward to mtgs with him and inspired by how he connected business, economics and social matters. Om Shanti.
— Pawan K Goenka (@GoenkaPk) April 12, 2023
महिंद्रा एंड महिंद्रा के पूर्व एमडी पवन गोयनका ने ट्वीट किया, "औद्योगिक दुनिया ने आज सबसे बड़ी हस्तियों में से एक को खो दिया है. श्री केशब महिंद्रा का कोई मुकाबला नहीं था; सबसे अच्छे व्यक्ति को जानने का मुझे सौभाग्य मिला. मैं हमेशा उनके साथ एमटीजीएस के लिए तत्पर था और प्रेरित करता था." कैसे उन्होंने व्यापार, अर्थशास्त्र और सामाजिक मामलों को जोड़ा. ओम शांति."
Last Updated on April 12, 2023