इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री में गिरावट, ई-स्कूटर ज़्यादा बिके
हाइलाइट्स
भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग के बाकी हिस्सों के विपरीत इलेक्ट्रिक वाहनों ने पिछले वित्तीय वर्ष के अंत में बिक्री में सकारात्मक बढ़ोतरी देखी है. वित्त वर्ष 19-20 में भारत में 1,56,000 इलेक्ट्रिक वाहन बेचे गए, जिनमें से 97% केवल 2-व्हीलर्स थे. शेष 4,000 गाड़ियों में 3,400 कारें और बाकी 600 बसें थीं. इसके मुकाबले उससे पिछले वित्त वर्ष में 1,30,000 इलेक्ट्रिक वाहन बिके थे जिसका मतलब है कि इस साल 20% की बढ़िया बढ़ोतरी देखने को मिली है. वित्त वर्ष 18-19 में 1,30,000 इलेक्ट्रिक वाहन ही बिक पाए थे. इनमें 1,26,000 दोपहिया वाहन, 3,600 कारें और लगभग 400 बसें थीं.
20% की यह वृद्धि काफी हद तक दोपहिया वाहनों से हुई है. इनमें से 97% इलेक्ट्रिक स्कूटर थे और शेष 3% मोटरसाइकिल और इलेक्ट्रिक साइकिल थे. लेकिन कारों की बिक्री में गिरावट देखी गई क्योंकि पिछले वित्त वर्ष में 3,600 इकाइयों की तुलना में 3,400 कारें ही बेची जी सकीं. मुख्य रूप से इस वर्ष ई-कारों की थोक खरीद का गिरना इस संख्या में कमी का जिम्मेदार माना जा रहा है.
इस साल बिके इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों में 97% स्कूटर थे
सोसाइटी ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के निर्माताओं के महानिदेशक सोहिंदर गिल ने कहा, ''जबकि ईवी उद्योग निश्चित रूप से किसी भी अन्य मोटर वाहन कारोबार की तरह कोरोनावायरस का खामियाजा भुगत रहा है, साफ आसमान और साफ-सुथरी हवा सबसे खराब प्रदूषण वाले शहरों में भी देखी जा रही है. यब ग्राहकों को बता रहा है कि यदि वो ई-मोबिलिटी की ओर बढ़ते हैं तो आसानी से सांस ले सकते हैं और स्वस्थ रह सकते हैं."
एसएमईवी के अनुसार साल की दूसरी छमाही में प्रीमियम सेगमेंट में इलेक्ट्रिक कारों बिक्री आगले वित्त वर्ष 20-21 में ई-कारों की अधिक मात्रा के बिकने का सकारात्मक संकेत है. ई-टैक्सी सेगमेंट भी कुछ आगे बढ़ रहा है, हालांकि ई-कारों की रेंज और पर्याप्त चार्जिंग स्पॉट की कमी सेग्मेंट की वृद्धि में बाधा है. कई राज्य सरकारें हैं जो इलेक्ट्रिक बसों को खरीदने की बात कह रही थीं लेकिन वास्तव में उन्हें खरीद नहीं रही हैं.