एलोन मस्क का इशाराः एशिया के लिए चीन के बाहर टेस्ला गीगाफैक्ट्री की संभावना
हाइलाइट्स
केलिफोर्निया आधारित इलैक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी टेस्ला आईएनसी. एशिया में नई गीगाफैक्ट्री के बारे में सोच रही है, लेकिन ये फैक्ट्री चीन के बाहर बनाए जाने पर विचार किया जा रहा है. टेस्ला के सीईओ एलोन मस्क ने ट्विटर यूज़र द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में इस बात के संकेत दिए हैं. ट्विटर पर एक व्यक्ति ने टेस्ला द्वारा एशिया में नई गीगाफैक्ट्री के प्लान पर सवाल पूछा जो चीन के बाहर बनाई जाएगी, इसके जवाब में एलोन मस्क ने कहा कि, “हां, लेकिन पहले उत्तरी अमेरिका के पूर्वी हिस्से में टेस्ला कारें पहुंचाने के लिए हमें गीगा बर्लिन और दूसरी यूएस गीगा का काम खत्म करना होगा.”
मौजूदा समय में टेस्ला के वाहन उत्पादन प्लांट यूनाइटेड स्टेट्स के फ्रीमॉन्ट, केलिफोर्निया और चीन के शांघाई में स्थित हैं. फिलहाल कंपनी जर्मनी के बर्लिन में अपना तीसरा उत्पादन प्लांट तैयार कर रही है और यूएस के बाज़ार में ईस्ट कोस्ट की सप्लाई पूरी करने के लिए टैक्सास के ऑस्टिन में दूसरा त्पादन प्लांट बनाने के बारे में भी विचार कर रही है. इसके अलावा टेस्ला नेवाडा स्थित अपने टेस्ला-पैनासॉनिक जॉइंट बैटरी प्लांट के विस्तार पर भी काम कर रही है और केलिफोर्निया के फ्रीमॉन्ट में बैटरी रीसर्च और उत्पादन प्लांट तैयार करने का प्लान भी बना रही है.
ऐसे में एशिया के लिए दूसरी गीगाफैक्ट्री जल्द बनते देखना संभव नहीं होगा, हालांकि मस्क का कहना है कि ये उनके प्लान का हिस्सा है, लेकिन अब भी ये एक बड़ा फैसला है. एशियाई देशों की बात करें तो दक्षिण कोरिया और थाईलैंड को लेकर टेस्ला विचार कर सकती है, हालांकि भारत को भी इन कारों के लिए दमदार बाज़ार माना जा रहा है. हमारे देश में भी इलैक्ट्रिक वाहनों की होड़ लगभग शुरू हो चुकी है और टाटा मोटर्स, महिंद्रा, ह्यून्दे और एमजी जैसी बड़ी निर्माता कंपनियां भारत में अपने इलैक्ट्रिक वाहनों की बिक्री शुरू कर चुकी हैं. इसके अलावा यहां इलैक्ट्रिक वाहन पसंद करने वालों में टेस्ला की भारी मांग सामने आई है. टेस्ला भारत में मॉडल 3 लॉन्च कर इलैक्ट्रिक बाज़ार का हुलिया बदल सकती है, लेकिन भारत में पूरी तरह आयातित वाहनों की टैक्स व्यवस्था काफी खर्चीली है, ऐसे में कंपनी ये कदम उठाना पसंद नहीं करेगी.
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टेस्ला अगर भारत में इलैक्ट्रिक कारों को असेंबल करना शुरू करती है तो देश और कंपनी दोनों के लिए ये फायदे का सौदा हो सकता है. हाल में 30 जून को खत्म हुए 2020 की दूसरी तिमाही में टेस्ला ने 90,650 इलैक्ट्रिक कारें बेची हैं. कंपनी ने ये आंकड़ा तब हासिल किया है जब कोरोना संकट के चलते केलिफोर्निया की फ्रीमॉन्ट फैसिलिटी बंद रही. टेस्ला फिलहाल दुनिया की सबसे मूल्यवान वाहन निर्माता कंपनी बन गई है. कंपनी की स्टॉक मार्केट वेल्यू 30 बिलियन डॉलर -रु 2,24,805 करोड़- तक पहुंच गई है और टेस्ला के एक शेयर की कीमत 1,389 डॉलर हो चुकी है.