यूरो एनकैप क्रैश टैस्ट में नई रेनॉ डस्टर हाइब्रिड को मिली 3-स्टार की सुरक्षा रेटिंग
हाइलाइट्स
- नई डस्टर ने यात्रियों की सुरक्षा में अच्छा स्कोर किया, लेकिन कुछ श्रेणी में इसे कम अंक मिले
- एडल्ट सुरक्षा के लिए 70 प्रतिशत अंक प्राप्त किये
- बच्चों की सुरक्षा के लिए 84 प्रतिशत अंक प्राप्त किया
यूरो एनकैप ने नई पीढ़ी की रेनॉ डस्टर (यूरोप में डेसिया डस्टर के रूप में बेची जाने वाली) एसयूवी का क्रैश टैस्ट किया है, जहां एसयूवी को तीन स्टार की सुरक्षा रेटिंग से सम्मानित किया गया. एसयूवी ने एडल्ट और बच्चों की सुरक्षा के लिए क्रमशः 70 प्रतिशत और 84 प्रतिशत स्कोर के साथ अच्छा स्कोर किया, हालांकि अन्य श्रेणियों में इसके अंक कम हो गए. एसयूवी को कमजोर सड़क उपयोगकर्ता सुरक्षा के लिए 60 प्रतिशत का स्कोर दिया गया था, जबकि इसने सेफ्टी असिस्ट सिस्टम में 57 प्रतिशत स्कोर हासिल किये थे.
एडल्ट सुरक्षा
फ्रंटल ऑफसेट प्रभाव टैस्ट से शुरू करते हुए, यूरो एनकैप ने नोट किया कि एसयूवी ने एडल्ट सुरक्षा के लिए यात्रियों को पर्याप्त से अच्छे स्तर की सुरक्षा दी है, हालांकि ड्राइवर की छाती की सुरक्षा कमजोर थी. टैस्टिंग के बाद एसयूवी के बॉडी शेल को स्थिर बताया गया. फुल-विड्थ बैरियर टैस्ट में एसयूवी ने आगे और पीछे की सीट पर बैठे लोगों की छाती को मामूली सुरक्षा दी, हालांकि सिर की सुरक्षा अच्छी थी. साइड बैरियर और साइड पोल इम्पैक्ट टैस्ट में यूरोपीय क्रैश टैस्टिंग एजेंसी ने नोट किया कि एडल्ट यात्री के सिर और छाती जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों की सुरक्षा अच्छी थी. आगे की सीट और पीछे की सीट पर बैठने वालों की गर्दन पर व्हिपलैश सुरक्षा भी अच्छी थी.
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हालाँकि, डस्टर इस बात का सुबूत नहीं दे सकी कि साइड इफेक्ट टक्कर में व्यक्ति वाहन के दूसरी तरफ कितनी दूर तक गिर सकता है और साइड-ऑन टक्कर की स्थिति में एडल्ट यात्रियों का सिर टकराने से बचाने के सुरक्षा के उपाय की कमी दिखी, जिसके कारण इसके स्कोर में कमी आई.
बच्चों की सुरक्षा
यूरो एनकैप ने नोट किया कि डस्टर ने 5 साल और 10 साल के बच्चों दोनों को अच्छे स्तर की सुरक्षा दी. एकमात्र खामी 10 वर्षीय बच्चे की गर्दन पर सामने से प्रभाव से सुरक्षा थी, जिसे पर्याप्त माना गया था. कुल मिलाकर डस्टर ने प्रभाव संरक्षण रेटिंग में 24 में से 23.6 अंक हासिल करके बमुश्किल अंक गिराए.हालाँकि, एसयूवी ने चाइल्ड रेस्ट्रेंट सिस्टम पर कुछ अंक गिरा दिए, क्योंकि को- पैसेंजर सीट सीटबेल्ट के बाहर किसी भी चाइल्ड रेस्ट्रेंट सिस्टम के बिना आती है और इसमें चाइल्ड डिटेक्शन सिस्टम की भी कमी है.
यूरो एनकैप ने नोट किया कि पैदल यात्री या साइकिल चालक के साथ टकराव के मामले में, डस्टर ने विंडस्क्रीन को छोड़कर ज्यादातर मामलों में पीड़ित के सिर को पर्याप्त स्तर की सुरक्षा दी है. हालांकि सभी टैस्ट स्थानों पर श्रोणि सुरक्षा को खराब दर्जा दिया गया था जबकि फीमर की सुरक्षा अच्छी थी. ऑटोनेमेस आपातकालीन ब्रेकिंग (एईबी) सिस्टम के बारे में बात करते हुए, यूरो एनकैप ने नोट किया कि यह पैदल चलने वालों के लिए पर्याप्त रूप से प्रदर्शन के साथ एसयूवी ने पीछे से सड़क पार करने वाले लोगों के लिए सुरक्षा खराब दर्जे की दर्ज दी.
साइकिल चालक सुरक्षा ने बेहतर रेटिंग हासिल की, हालांकि साइकिल चालक के गुजरने पर दरवाजे को पूरा खुलने से रोकने के सिस्टम की कमी के कारण डस्टर ने अंक गिरा दिए. कुल मिलाकर एईबी को पर्याप्त रूप से प्रदर्शन करने वाला बताया गया.
यूरो एनकैप ने नोट किया कि डस्टर की एईबी सिस्टम ने अन्य वाहनों के प्रति अपनी प्रतिक्रिया में पर्याप्त प्रदर्शन किया. हालाँकि, एसयूवी में सीट बेल्ट वॉर्निंग सिस्टम के साथ-साथ पीछे की सीटों के लिए एक पैसेंजर डिटेक्शन सिस्टम की कमी के कारण अंक कम हो गए. वाहन ने ड्राइवर मॉनिटरिंग सिस्टम की पेशकश के लिए भी अंक गिरा दिए. एजेंसी ने यह भी नोट किया कि एसयूवी स्पीड असिस्ट सिस्टम, स्पीड लिमिट की पहचान के लिए एक कैमरा और मैप का उपयोग करती है और कार की स्पीड ऑटोमेटिकली एडजेस्ट कर सकती है, हालांकि सिस्टम डिफ़ॉल्ट रूप से एक्टिव नहीं था.
भारतीय बाजार की बात करें तो, रेनॉ भारतीय बाजार के लिए एक नए मॉडल पर विचार कर रही है, जिससे उम्मीद है कि वह डस्टर एसयूवी को फिर से लॉन्च कर सकती है. पहली पीढ़ी की डस्टर भारतीय बाजार में लंबे समय तक चली, लेकिन एक दशक से अधिक समय तक बिक्री पर रहने के बाद इसे 2020 में बंद कर दिया गया, जबकि दूसरी पीढ़ी की एसयूवी कभी भारत नहीं आई. भारत के लिए नई डस्टर डेसिया की तरह ही सीएमएफ-बी प्लेटफॉर्म पर आधारित होगी, हालांकि यह देखना बाकी है कि भारत-स्पेक मॉडल अपने वैश्विक नाम के साथ कितना साझा करेगा.