पहली हीरो-हार्ले डेविडसन की साझेदारी वाली मोटरसाइकिल अगले दो साल में हो सकती है लॉन्च
हाइलाइट्स
पहली हीरो-हार्ले डेविडसन के सहयोग से निर्मित मोटरसाइकिल के दो साल में बाजार में आने की संभावना हीरो मोटोकॉर्प के सीएफओ निरंजन गुप्ता के मुताबिक, हीरो मोटोकॉर्प और हार्ले-डेविडसन द्वारा संयुक्त रूप से तैयार की गई मोटरसाइकिल अगले दो साल में बाजार में आ सकती है. यह लॉन्च हीरो मोटोकॉर्प की प्रीमियम सेगमेंट में अपनी स्थिति मजबूत करने की योजना का हिस्सा है.
देश की सबसे बड़ी दोपहिया निर्माता, जो बजट मोटरसाइकिल सेगमेंट (100-110cc) में अग्रणी है, 160cc और उससे अधिक सेग्मेंट में बिक्री बढ़ाने और लाभ प्राप्त करने के लिए आगे बढ़ना चाहती है.
यह भी पढ़ें: 2021 हार्ले-डेविडसन पैन अमेरिका 1250 की कीमत घटी, अब ₹ 12.90 लाख में उपलब्ध
गुप्ता ने एक विश्लेषक कॉल में कहा, "अगले दो साल की समय सीमा में आप ऐसे मॉडल देखेंगे जो वॉल्यूम सेगमेंट में हैं और प्रीमियम मोटरसाइकिल के लाभदायक सेगमेंट में भी हैं, जिसमें प्लेटफॉर्म भी शामिल है, जिसे हम हार्ले के साथ संयुक्त रूप से विकसित कर रहे हैं."
उन्होंने कहा कि कंपनी प्रीमियम मोटरसाइकिलों की एक मजबूत दिशा बना रही है और हर साल इस सेगमेंट में मॉडल लॉन्च करेगी. गुप्ता ने कहा, "इससे हमें प्रीमियम सेगमेंट में बाजार हिस्सेदारी बनाने और मध्यम अवधि में लाभप्रदता बढ़ाने में मदद मिलेगी."
अक्टूबर 2020 में हीरो मोटोकॉर्प और अमेरिकी ब्रांड हार्ले-डेविडसन ने भारतीय बाजार के लिए साझेदारी की घोषणा की. सौदे के हिस्से के रूप में हीरो मोटोकॉर्प देश में हार्ले-डेविडसन ब्रांड नाम के तहत प्रीमियम मोटरसाइकिलों का एक सेग्मेंट विकसित करेगी और बेचेगी. यह हार्ले मोटरसाइकिल के लिए सर्विस और पार्ट्स की जरूरतों का भी ध्यान रखेगी.
इसके पास ब्रांड-एक्सक्लूसिव हार्ले-डेविडसन डीलर्स के नेटवर्क और देश में इसके मौजूदा बिक्री नेटवर्क के माध्यम से हार्ले एक्सेसरीज और सामान्य मर्चेंडाइज, राइडिंग गियर और पोशाक बेचने का भी अधिकार है. गुप्ता ने कहा कि कंपनी पिछली कुछ तिमाहियों में अपने कल-पुर्जों, एक्सेसरीज और मर्चेंडाइज (पीएएम) कारोबार को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है.
उन्होंने कहा, "पहली छमाही में पीएएम बिजनेस रेवेन्यू ₹2,300 करोड़ था, जिसमें 45 फीसदी की वृद्धि दर्ज देखी गई. बिजनेस रेवेन्यू अब 13.7 फीसदी है और हमारा लक्ष्य इसे बढ़ाकर 15 फीसदी करना है."
व्यापारिक दृष्टिकोण पर टिप्पणी करते हुए, गुप्ता ने कहा कि मुद्रास्फीति से जुड़ी प्रतिकूल परिस्थितियाँ थीं और परिणामी दर में वृद्धि हुई है. "हालांकि, हम मानते हैं कि मुद्रास्फीति और दर चक्र अब चोटी के करीब हो सकता है."
उन्होंने कहा, "विकसित बाजारों में वृद्धि की वापसी में कुछ समय लग सकता है, लेकिन स्पष्ट रूप से भारत एक मजबूत खपत वाला बाज़ार है और हम अन्य देशों के मुकाबले में यहां जल्दी ही स्थिति समान होनी की अपेक्षा करते है."