2017 अंत तक जनरल मोटर्स भारत में बंद करेगी वाहनों की बिक्री, निर्यात पर देगी ध्यान
अमेरिका की वाहन निर्माता कंपनी जनरल मोटर्स ने भारत में अपनी वाहनों की बिक्री बंद करने का फैसला किया है. कंपनी का कहना है कि साल 2017 के अंत तक वह भारत में कारों की बिक्री बंद कर देगी और सिर्फ निर्यात पर फोकस करेगी.
हाइलाइट्स
- कंपनी ने अप्रैल 2017 में बंद कर दिया था गुजरात का हलाल प्लांट.
- इस साल के अंत तक कंपनी भारत में कारों की बिक्री बंद कर देगी.
- शेयरधारकों के हितों को ध्यान में रखते हुए कंपनी ने लिया यह फैसला.
अमेरिका की वाहन निर्माता कंपनी जनरल मोटर्स ने भारत में अपने शेवरोले वाहनों की बिक्री बंद करने का फैसला किया है. कंपनी का कहना है कि साल 2017 के अंत तक वह भारत में कारों की बिक्री बंद कर देगी और सिर्फ निर्यात पर फोकस करेगी. बता दें कि अप्रैल 2017 में कंपनी ने गुजारात के हलोल स्थित अपने संयंत्र को बंद कर दिया था और जनरल मोटर्स ने अपने बयान में बताया था कि वह भारत में चेवरोलेट कारों का अपना पूरा विनिर्माण परिचालन अब महाराष्ट्र के तालेगांव स्थित दूसरे संयंत्र से करेगी.
अमेरिकी कंपनी जनरल मोटर्स के इंटरनेशनल एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसीडेंट स्टीफन जैकोबी ने बताया कि हमने हर पहलू पर बातचीत की और हमें यह बात समझ आ गई कि घरेलू बाजार में लंबे समय तक प्रॉफिट हासिल करना मुश्किल होगा. हमें अपने शेयरधारकों के हितों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लेना पड़ा.
कंपनी ने जनरल मोटर्स इंडिया के कमर्चारियों को अपने फैसले से अवगत करा दिया है. हालांकि उसके इस फैसले से कितने कर्मचारी प्रभावित होंगे यह पता नहीं चल पाया है. सूत्रों का कहना है कि कम से कम 200 कर्मचारी प्रभावित होंगे. जीएम भारत में शेवरोले ब्रांड के वाहन बेचती है.
शेवरोले क्रूज़
कंपनी लगभग दो दशक से भारतीय बाजार में पैठ बनाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन लगातार विफलता को देखते हुए उसने भारत में वाहनों की ब्रिकी बंद करने का फैसला किया है. कंपनी ने हलोल, गुजरात में अपने पहले कारखाने से उत्पादन पिछले महीने रोक दिया था. वह अब अपने तालेगांव, महाराष्ट्र स्थित अपने कारखाने से वाहनों के निर्यात पर ध्यान केंद्रित करेगी.
कंपनी ने एक बयान में कहा है कि उसने जीएम इंडिया की भावी उत्पाद योजनाओं की व्यापक समीक्षा के बाद यह फैसला किया है. कंपनी ने रूस व यूरोप सहित चार अन्य अंतरराष्ट्रीय बाजारों से भी निकलने का फैसला किया है. जीएम के कार्यकारी उपाध्यक्ष स्टीफन जेकोबी ने कहा है कि कंपनी ने अनेक विकल्पों पर विचार किया और पाया कि भारत के लिए उसने जिस निवेश की योजना बनाई थी उससे अपेक्षित रिटर्न नहीं मिलने वाला है.
जीएम की भारत में ब्रिकी 2016-17 में लगभग 21 प्रतिशत घटकर 25,823 वाहन रही. हालांकि, इस दौरान कंपनी का उत्पादन 16 प्रतिशत बढ़कर 83,368 वाहन रहा. इनमें से अधिकतर वाहनों का निर्यात किया गया. कंपनी ने 2015 में घोषणा की थी कि वह भारत में अपने विनिर्माण परिचालन के विस्तार के लिए एक अरब डालर का निवेश करेगी. कंपनी ने स्थानीय विनिर्मित 10 वाहन भी पेश करने की घोषणा की थी। हालांकि भारतीय परिचालन के खराब प्रदर्शन को देखते हुए कंपनी ने सारी निवेश योजना पर रोक लगा दी और अपनी भावी योजनाओं की समीक्षा की.
अमेरिकी कंपनी जनरल मोटर्स के इंटरनेशनल एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसीडेंट स्टीफन जैकोबी ने बताया कि हमने हर पहलू पर बातचीत की और हमें यह बात समझ आ गई कि घरेलू बाजार में लंबे समय तक प्रॉफिट हासिल करना मुश्किल होगा. हमें अपने शेयरधारकों के हितों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लेना पड़ा.
कंपनी ने जनरल मोटर्स इंडिया के कमर्चारियों को अपने फैसले से अवगत करा दिया है. हालांकि उसके इस फैसले से कितने कर्मचारी प्रभावित होंगे यह पता नहीं चल पाया है. सूत्रों का कहना है कि कम से कम 200 कर्मचारी प्रभावित होंगे. जीएम भारत में शेवरोले ब्रांड के वाहन बेचती है.
कंपनी लगभग दो दशक से भारतीय बाजार में पैठ बनाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन लगातार विफलता को देखते हुए उसने भारत में वाहनों की ब्रिकी बंद करने का फैसला किया है. कंपनी ने हलोल, गुजरात में अपने पहले कारखाने से उत्पादन पिछले महीने रोक दिया था. वह अब अपने तालेगांव, महाराष्ट्र स्थित अपने कारखाने से वाहनों के निर्यात पर ध्यान केंद्रित करेगी.
कंपनी ने एक बयान में कहा है कि उसने जीएम इंडिया की भावी उत्पाद योजनाओं की व्यापक समीक्षा के बाद यह फैसला किया है. कंपनी ने रूस व यूरोप सहित चार अन्य अंतरराष्ट्रीय बाजारों से भी निकलने का फैसला किया है. जीएम के कार्यकारी उपाध्यक्ष स्टीफन जेकोबी ने कहा है कि कंपनी ने अनेक विकल्पों पर विचार किया और पाया कि भारत के लिए उसने जिस निवेश की योजना बनाई थी उससे अपेक्षित रिटर्न नहीं मिलने वाला है.
जीएम की भारत में ब्रिकी 2016-17 में लगभग 21 प्रतिशत घटकर 25,823 वाहन रही. हालांकि, इस दौरान कंपनी का उत्पादन 16 प्रतिशत बढ़कर 83,368 वाहन रहा. इनमें से अधिकतर वाहनों का निर्यात किया गया. कंपनी ने 2015 में घोषणा की थी कि वह भारत में अपने विनिर्माण परिचालन के विस्तार के लिए एक अरब डालर का निवेश करेगी. कंपनी ने स्थानीय विनिर्मित 10 वाहन भी पेश करने की घोषणा की थी। हालांकि भारतीय परिचालन के खराब प्रदर्शन को देखते हुए कंपनी ने सारी निवेश योजना पर रोक लगा दी और अपनी भावी योजनाओं की समीक्षा की.
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- 1,10,000 km
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7.1
2015 टोयोटा कोरोला ऑल्टिस
- 75,000 km
- पेट्रोल
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6.9
2014 ह्युंडई इलैंट्रा
- 98,000 km
- पेट्रोल
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Rs. 5.25 लाख
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Rs. 6.5 लाख
Auto Elite Defence Colony, New Delhi
8.1
2018 ह्युंडई आई20 एक्टिव
- 42,189 km
- पेट्रोल
- मैन्युअल
Rs. 5.35 लाख
₹ 11,982/माह
INDRAPRASTHA AUTOMOBILES PVT. LTD. New Delhi
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- मैन्युअल
Rs. 7.75 लाख
₹ 16,387/माह
INDRAPRASTHA AUTOMOBILES PVT. LTD. New Delhi
7.5
2017 होंडा सिटी
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- पेट्रोल
- मैन्युअल
Rs. 6.5 लाख
₹ 14,558/माह
INDRAPRASTHA AUTOMOBILES PVT. LTD. New Delhi
8.2
2019 मारुति सुजुकी अर्टिगा
- 47,231 km
- पेट्रोल
- आटोमेटिक
Rs. 9 लाख
₹ 20,157/माह
INDRAPRASTHA AUTOMOBILES PVT. LTD. New Delhi
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2019 मारुति सुजुकी डिजायर
- 40,258 km
- पेट्रोल
- मैन्युअल
Rs. 5.75 लाख
₹ 12,156/माह
INDRAPRASTHA AUTOMOBILES PVT. LTD. New Delhi
8.4
2021 महिंद्रा एक्सयूवी700
- 29,070 km
- डीज़ल
- मैन्युअल
Rs. 22.5 लाख
₹ 50,392/माह
INDRAPRASTHA AUTOMOBILES PVT. LTD. New Delhi