इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी की दरों को कम करने के लिए सरकार कर रही है काम: नीती आयोग
हाइलाइट्स
कोरोनावायरस महामारी ने भले ही चीजों की रफ्तार को थोड़ा कम कर दिया हो, लेकिन जब साफ-सुथरे वाहनों को अपनाने की बात आती है तो सरकार अपने लक्ष्य के साथ दृढ़ होती दिख रही है. एक ई-मोबिलिटी कार्यक्रम में एमएस (रिसर्च) के पहले बैच के छात्रों के साथ एक बातचीत में, जिसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), गुवाहाटी द्वारा आयोजित किया गया था, नीती आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि सरकार प्रयास कर रही है कि इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) पर टैक्स की दरों को कम करे, जो वर्तमान में अन्य वाहनों के लिए 28 प्रतिशत की तुलना में 5 प्रतिशत पर लगाया जाता है. सरकार के मुताबिक वो हाइब्रिड वाहनों पर भी कर की दरों को कम करने की कोशिश कर रही है.
व्यक्तिगत वाहनों के अलावा द्यान सार्वजनिक परिवहन के विद्युतीकरण पर भी है.
छात्रों को संबोधित करते हुए, कांत ने कहा, "हम टैक्स की छूट भी देते हैं, 1 लाख रुपये तक, जो लोग इलेक्ट्रिक वाहन खरीद रहे हैं. इसकी वजह से इलेक्ट्रिफिकेशन पर ध्यान बढ़ेगा और यदि भारत को स्वच्छ, कनेक्टेड और साझा वाहनों के देश के रूप में उभरना है तो ध्यान में रखने के लिए दो महत्वपूर्ण चीजें हैं. भारत दो और तीन-पहिया वाहनों का एक प्रमुख बाज़ार है और 80 प्रतिशत लोग इन वाहनों में यात्रा करते हैं. दूसरा, बैटरी एक महत्वपूर्ण घटक है. बैटरी बनाना और रखना एक प्रमुख काम होगा."
सह भी पढें: विश्व ईवी दिवस 2020: भारत में जल्द लॉन्च होने वाली 5 बेहतरीन इलैक्ट्रिक कारें
ध्यान केवल व्यक्तिगत वाहनों के समाधान पर नहीं है, बल्कि सार्वजनिक परिवहन के विद्युतीकरण पर भी अधिक जोर है. सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी पिछले कुछ समय से इलेक्ट्रिक बसों को बढ़ावा दे रहे हैं और उन्होने पिछले एक महीने पायलट प्रोजेक्ट के लिए निजी निवेश को आमंत्रित किया था. जून में, भारी उद्योग मंत्रालय ने इलेक्ट्रिक वाहनों को तेज़ी से अपनाने और बनाने की स्कीम (FAME II) की वैधता को तीन महीने के लिए बढ़ा दिया था. FAME II योजना के तहत सभी पंजीकृत कंपनियां अब 30 सितंबर, 2020 तक लाभ उठा सकेंगी.