ह्यून्दे ग्रैंड i10 निऑस 1.0 टर्बो जीडीआई का रिव्यू: छोटी मगर मज़ेदार
हाइलाइट्स
ह्यून्दे ने ग्रैंड i10 की नई जनरेशन को बाज़ार में करीब एक साल पहले लॉन्च किया और नाम दिया ग्रैंड आई 10 निऑस. लॉन्च होने के समय से ही हैचबैक में कई सारे विकल्प थे. पेट्रोल और डीजल, मैनुअल और एएमटी, और बाद में ह्यून्दे ने एक सीएनजी मॉ़डल भी जोड़ा. कुल मिलाकर कार के अब तक 14 वेरिएंट बिक्री पर थे. 15वां और सबसे नया टर्बो जीडीआई है. जब बात आती है कारों पर टर्बो पेट्रोल इंजन के विकल्प देने की तो शायद हिंदुस्तान में ह्यून्दे सबसे आगे है. कंपनी की बहुत सारी गाड़ियों के पास टर्बो इंजन है जिसमें क्रेटा, वेन्यू, वर्ना और ऑरा सब शामिल हैं. अब कंपनी ने ग्रैंड i10 निऑस को भी एक टर्बो इंजन से लैस किया है. बड़ा सवाल यह कि इसने हैचबैक को कितना बदला है.
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यह पहली बार नहीं है कि हम देश में किफायती हैचबैक के ज़्यादा ताकतवर मॉडल देख रहे हैं. मारुति बलेनो आरएस लाई थी और टाटा ने टियागो जेटीपी के साथ किसमत आज़माई, लेकिन दोनों को कुछ ख़ास सफलता नही मिली. इस साल की शुरुआत में फॉक्सवैगन ने BS6 पोलो को 1 लीटर टर्बो इंजन के साथ लॉन्च किया, जो फिल्हाल Nios की अकेली प्रतिद्वंदी है.
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डिज़ाइन
ग्रिल और टेलगेट पर टर्बो बैज को छोड़कर बाहर से कार Nios के दूसरे ट्रिम्स के समान ही है
ग्रैंड आई10 निऑस का टर्बो जीडी वेरिएंट इसके स्पोर्ट्ज़ ट्रिम पर आधारित है और बाहर से देखने पर ग्लॉसी ब्लैक ग्रिल और टेलगेट पर लगा टर्बो बैज ही इसको जुदा करता है. इसमें 2 सिंगल टोन और 2 डुअल टोन पेंट विकल्प मिलते हैं. काली छत के साथ लाल जो आप यहां देख रहे हैं, सिर्फ टर्बो पर ही दिया गया है. टर्बो पर प्रोजेक्टर हेडलैंप और 15 इंच के एलॉय भी मानक हैं, जो अब तक सिर्फ स्पोर्ट्ज़ ट्रिम के डुअल-टोन वर्ज़न में ही देखे जाते थे.
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कैबिन
टर्बो वेरिएंट में कार के डुअल-टोन स्पोर्ट्ज़ ट्रिम पर दिए जाने वाले सभी फीचर्स मिलते हैं
अंदर भी कुछ फीचर हैं जो मानक के रूप से आते हैं, जैसे वायरलेस चार्जर, एक फ्रंट यूएसबी चार्जर और लैदर से लिपटी स्टीयरिंग व्हील. इसके अलावा इस केबिन में ऐसे बहुत सारे संकेत हैं जो आपको बताते हैं कि आप कार के टर्बो इंजन वेरिएंट को चला रहे हैं. और ऐसा इसलिए है कि पूरे कैबिन को काला रंग दिया गया है, जिसके साथ लाल रंग का भी इस्तेमाल हुआ है. आप इसे एसी वेंट्स और डायल के आसपास देख सकते हैं जबकि स्टीयरिंग व्हील, गियर लीवर और सीटों पर लाल सिलाई देखी जा सकती है. और हां, चाबी भी काले रंग की है जो एक अच्छी सोच है.
कई जगह पर लाल रंग का इस्तेमाल निऑस टर्बो के केबिन को स्पोर्टी बनाता है.
दूसरे स्पोर्ट्ज़ वेरिएंट की तरह आपको यहां भी 8 इंच की टच स्क्रीन मिलती है जो ऐप्पल कारप्ले, एंड्रॉइड ऑटो, वॉयस रिकग्निशन और ब्लूटूथ कनेक्टिविटी के साथ चलती है. सबसे महंगे एस्टा ट्रिम की तुलना में आपको जो नहीं मिलेगा वह है एक स्टार्ट / स्टॉप बटन, पिछला वाइपर, कूल्ड ग्लवबॉक्स और पिछली सीट पर एड्जस्टेबल हेडरेस्ट.
इंजन
ह्यून्दे का दावा है कि Nios Turbo GDi 1 लीटर पेट्रोल में 20.3 किमी चलती है.
हमने इस 1.0 लीटर टर्बो इंजन को ह्यून्दे की अन्य कारों पर देखा है, लेकिन वेन्यू और वेर्ना पर इसे पावर और टॉर्क के मामले में बेहतर आंकड़े मिलते है. इनको ऑरा और अब ग्रैंड i10 निऑस पर थोड़ा कम किया गया है. तो यहां आपको मिलेगा है 99 बीएचपी और और 172 एनएम का बढ़िया टॉर्क. यह तो साफ है कि निऑस ऑरा की तुलना में हल्की है, जिसका मतलब है कि यहां आपको बेहतर सेटअप मिलता है जो चलाने के अनुभव बेहतर बनाता है. पीक टॉर्क भी लगभग 1,500 आरपीएम से ही मिलना चालू हो जाता है और 4,000 आरपीएम तक आपके साथ रहता है, जो इस कार को चलाना मज़ेदार बना देता है. और इसके साथ अगर 20.3 किमी प्रति लीटर का माइलेज जोड़ दें तो यह एक मीठा सौदा बन जाता है.
एक DCT गियरबॉक्स Nios टर्बो GDi के चलाने के अनुभव और सुखद बना सकता है
इसकी तुलना में, ग्रैंड i10 Nios का 1.2 लीटर काप्पा पेट्रोल इंजन 4,000 आरपीएम पर 113 एनएम पीक टॉर्क के साथ 81 बीएचपी बनाता है. यही बताने के लिए काफी है कि टर्बो जीडी इंजन क्या अलग पेश करता है. 5 स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स है जो मानक के रूप में आता है और कोई ऑटोमैटिक नहीं है हालांकि ह्यून्दे इस छोटे लेकिन दमदार इंजन से साथ डीसीटी गियरबॉक्स लाए तो मज़ा आ जाएगा. तो फिलहाल इस कार का एकमात्र ऑटोमैटिक विकल्प एएमटी ही है.
सवारी और हैंडलिंग
सस्पेंशन कार के अन्य वेरिएंट्स की तुलना में थोड़ा सख़्त लगता है.
मैंने इस टर्बो मॉडल को शहर में और साथ ही खाली सड़कों पर चलाने में अच्छा समय बिताया. जिस चीज़ ने तुरंत मेरा ध्यान खींचा वो यह कि गियर बहुत आसानी से बदल जाते हैं जैसे कि हमने सभी ह्यून्दे की कारों पर देखा है. अच्छी बात यह भी है कि कई बार आपको निचले गियर में जाने की ज़रूरत महसूस नही होती क्योंकि यह सेटअप कम रफ्तार पर भी ऊंचे गियर में चल लेता है. इसके अलावा कुछ ऐसी चीज़े हैं जो टर्बो निऑस को चलाते समय अधिक सुखद अनुभव में योगदान करेंगी. उनमें से एक है इंजन की आवाज़, यह थोड़ी सुनाई देती है और इसे आप पसंद भी करते हैं.
टर्बो 1.2 लीटर इंजन जितना शांत नही है, लेकिन यह पसंद आता है.
जबकि ह्यून्दे यह दावा नहीं करती है, टर्बो पर सस्पेंशन की ट्यूनिंग स्टॉक ग्रैंड आई 10 निऑस की तुलना में थोड़ी सख्त लगती है. यह कार की प्रकृति से मेल खाता है और इसे बाकी वेरिएंट्स से अलग बनाता है. हाालंकि स्टीयरिंग थोड़ी भारी हो सकती थी लेकिन कुल मिलाकर नई पीढ़ी की कार का स्पोर्टी अंदाज़ छिपता नही है. आपातकालीन स्टॉप सिग्नल, दो एयरबैग, एबीएस के साथ ईबीडी और अगली सीटों के बेल्ट रिमाइंडर मानक हैं.
फैसला
माइलेज के बारे में चिंता किए बिना निऑस टर्बो का असली मज़ा चलाने में है.
टर्बो वेरिएंट की कीमत रु 7.70 लाख (एक्स-शोरूम) है. डुअल-टोन के लिए रु 5000 अलग से देने होंगे. यह रु 7.89 लाख से शुरु होने वाली फोल्क्सवैगन पोलो टीएसआई से थोड़ा ही सस्ता है. लेकिन टर्बो 1.2 लीटर कप्पा इंजन के ड्यूल टोन स्पोर्ट्ज़ ट्रिम की तुलना में लगभग एक लाख रुपये महंगा है जिसमें यही फीचर मिलते हैं. इसका मतलब यह है कि आप इस टर्बो को पैसे वसूल तो नही कह सकते हैं, लेकिन बचत करने वालों के लिए यह वैसे भी नही है. यह उन लोगों के लिए है जो मज़ेदार ड्राइव करना पसंद करते हैं, और चलाते वक्त अपने चेहरे पर एक मुस्कान बनाए रखते हैं.
Last Updated on September 21, 2020