ह्यून्दे मोटर ग्रुप ने भारत में ईवी बैटरी रिसर्च सेंटर स्थापित करने के लिए IIT दिल्ली के साथ साझेदारी की
हाइलाइट्स
- ह्यून्दे मोटर ग्रुप और आईआईटी दिल्ली नए बैटरी अनुसंधान केंद्र पर साझेदार बने
- नौ संयुक्त ईवी बैटरी परियोजनाएं पहले से ही प्रगति पर हैं
- साझेदारी का लक्ष्य 2025 के अंत तक 10 भारतीय विश्वविद्यालयों को शामिल करना है
ह्यून्दे मोटर ग्रुप ने इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) तकनीक पर केंद्रित एक नया अनुसंधान केंद्र खोलने के लिए भारतीय तकनीक संस्थान (आईआईटी) दिल्ली के साथ मिलकर काम किया है. ह्यून्दे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (ह्यून्दे सीओई) नामक केंद्र, ईवी बैटरी सिस्टम, सेल, सुरक्षा और प्रदर्शन सुधार पर अनुसंधान का समर्थन करेगा. इस सहयोग का उद्देश्य नई तकनीकों को विकसित करना है जो भारत में ईवी की बढ़ती मांग को पूरा करें. शोध मुख्य रूप से बैटरी जीवन, सुरक्षा, ऊर्जा स्टोरेज और टैस्ट विधियों में सुधार पर केंद्रित होगा.
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फिलहाल, संयुक्त अनुसंधान के लिए नौ परियोजनाओं का चयन किया गया है, जो बैटरी सेल डिजाइन और प्रदर्शन, बैटरी प्रबंधन प्रणाली (बीएमएस) और ऊर्जा घनत्व में सुधार जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. ईवी बैटरी तकनीकी में बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए नई सामग्रियों की खोज करते हुए अनुसंधान का उद्देश्य सुरक्षा और स्थायित्व को बढ़ाना भी है.
केंद्र का नेतृत्व ह्यून्दे के कार्यकारी उपाध्यक्ष चांग ह्वान किम और आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर बिजया केतन पाणिग्रही करेंगे. दोनों पक्षों का मानना है कि यह पहल भारत के तेजी से बढ़ते ईवी क्षेत्र में नवाचार को गति देने में मदद करेगी.

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नई दिल्ली में लॉन्च इवेंट में ह्यून्दे और आईआईटी के शीर्ष अधिकारियों ने हिस्सा लिया. इसमें ह्यून्दे मोटर इंडिया के एमडी अनसू किम और आईआईटी दिल्ली, आईआईटी बॉम्बे और आईआईटी मद्रास के निदेशक और डीन शामिल थे.
ह्यून्दे ने यह भी घोषणा की है कि यह प्रोजेक्ट अभी शुरुआत है. समूह की योजना पूरे भारत में इस मॉडल का विस्तार करने और 2025 के अंत तक 10 विश्वविद्यालयों के साथ साझेदारी करने की है. अब तक, तीन आईआईटी के लगभग 30 प्रोफेसर शामिल हैं. अगले वर्ष तक लगभग 100 प्रोफेसरों को इसी तरह की परियोजनाओं पर काम करने का लक्ष्य है.
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अनुसंधान के अलावा, ह्यून्दे तकनीकी विनिमय कार्यक्रम और सम्मेलन आयोजित करने की भी योजना बना रही है. ये इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में नए विचारों, नीतियों और चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए भारतीय और कोरियाई विशेषज्ञों को एक साथ लाएंगे.
ह्यून्दे की बड़ी शोध पहल, जिसे फ्यूचर टेक्नोलॉजी रिसर्च प्रोग्राम कहा जाता है, का भी पहली बार भारतीय प्रोफेसरों को शामिल करने के लिए विस्तार किया जा रहा है.
नियमित शैक्षणिक साझेदारियों के विपरीत, यह कार्यक्रम प्रोफेसरों को अपने स्वयं के शोध विचार प्रस्तुत करने की सुविधा देता है. चयनित होने पर, ह्यून्दे उनके काम में सहायता करती है. यह सहयोग भारत में ह्यून्दे की पहली बड़े पैमाने की शैक्षणिक साझेदारी का प्रतीक है.