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जीप बनाने वाली फीएट क्रिस्लर 2022 तक बंद करेगी डीजल इंजन, जानें क्या है इसकी वजह

दी फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि फीएट क्रिसलर ऑटोमोबाइल (FCA) साल 2022 तक अपने सभी वाहनों से डीजल इंजन को हटाने वाली है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी के ऐसा करने का सबसे बड़ा कारण डीजल इंजन की मांग में लगातार होती गिरावट को माना जा रहा है. टैप कर जानें और क्या है वजह?
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द्वारा कारएंडबाइक टीम

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प्रकाशित फ़रवरी 26, 2018

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हाइलाइट्स

    दी फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि फीएट क्रिसलर ऑटोमोबाइल -एफसीए- साल 2022 तक अपने सभी वाहनों से डीजल इंजन को हटाने वाली है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी के ऐसा करने का सबसे बड़ा कारण डीजल इंजन की मांग में लगातार होती गिरावट को माना जा रहा है. जहां इस रिपोर्ट में सीधे तैर पर एफसीए को कोट नहीं किया है जिससे इस ओर इशारा मिलता है कि ये कंपनी का अंतरिक फैसला हो सकता है जिसमें कंपनी 1 जून 2018 से 4 साल का प्लान शुरू करने वाली है जिसमें डीजल वाहनों बंद करने का काम किया जाएगा. इस ग्रुप में फीएट, अल्फा रोमिओ, फरारी, लांसिआ, मसेराटी, क्रिस्लर, डॉज, रेम और जीप जैसे शानदार ब्रांड्स शामिल हैं. 2015 में हुए फोक्सवेगन डीजल स्कैंडल के बाद से डीजल वाहनों में गिरावट आनी शुरू हुई है जो अब भी ऑटोमोबाइल जगत के लिए संकट बना हुआ है.

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    फीएट क्रिसलर ऑटोमोबाइल का यह फैसला इसी स्कैंडल का परिणाम है और कुछ बाज़ारों में डीजल इंजन कारों को सीधे तौर पर नकारा जा रहा है. जिन देशों में डीजल की खतप ज़्यादा है वहां भी अब सरकारी फैसले कार कंपनियों को दोबारा पेट्रोल की ओर बढ़ाने के लिए नीतियां बना रही हैं. टोयोटा ने भी घोषणा की है कि अब कंपनी डीजल इंजन के उत्पादन पर बहुत ज़्यादा केंद्रित नहीं होगी. पिछले हफ्ते फोक्सवेगन ग्रुप की कंपनी पॉर्श ने भी डीजल कारों से पूरी तरह किनारा करने की बात कही है. डीजल मॉडल कारों की लगातार घटती डिमांड से कई कंपनियों को भारी नुकसान भी उठाना पड़ रहा है और बाकी कंपनियों ने इस घाटे से बचते हुए और भविष्य के लिए तैयारी शुरू करते हुए वाहनों के इलैक्ट्रिकफिकेशन पर काफी पैसा खर्च किया है.

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    एफसीए के सभी ब्रांड्स जहां कुछ ही सालों में डीजल इंजन से किनारा कर लेंगे वहीं इसके वाणिज्यि वाहन या कहें तो कमर्शियल वाहनों को डीजल इंजन के साथ मुहैया कराया जाएगा. भारत में डीजल इंजन के मामले में फीएट का वर्चस्व है और कंपनी फीएट और जीप कार मॉडलों के अलावा टाटा, जनरल मोटर्स और मारुति सुज़ुकी को मल्टीजैट इंजन मुहैया कराती है. देश में डीजल इंजन बंद करना पॉलिटिक्स का हिस्सा माना जा सकता है क्योंकि भारतीय ऑटोमोबाइल बाज़ार में डीजल वाहनों की मांग में इतनी गिरावट नहीं देखी गई है. हमने एफसीए इंडिया ने इस मामले में जानकारी लेनी चाही लेकिन कंपनी की ओर से इसका अबतक कोई जवाब नहीं मिला है.
     
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