दिल्ली सरकार ने डीज़ल वाहनों में इलेक्ट्रिक किट लगाने की अनुमति दी
हाइलाइट्स
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने घोषणा की है कि शहर में पुराने डीजल वाहनों को अब इलेक्ट्रिक किट से रेट्रोफिट किया जा सकता है. परिवहन विभाग इंजन (आईसीई) को इलेक्ट्रिक के लिए रेट्रोफिटिंग के लिए इलेक्ट्रिक किट के निर्माताओं को इजाज़त देगा. ऐसा हो जाने के बाद, पुराने डीजल वाहनों को 10 साल बाद भी दिल्ली-एनसीआर में चलने की अनुमति मिलेगी. यह कदम राष्ट्रीय राजधानी में 10 साल से पुराने डीजल वाहनों के मालिकों के लिए एक बड़ी राहत के रूप में आया है.
कैलाश गहलोत ने कहा, "दिल्ली अब इलेक्ट्रिक रेट्रोफिटिंग के लिए खुला है! वाहन यदि फिट पाए जाते हैं तो वे अपने डीजल को इलेक्ट्रिक इंजन में बदल सकते हैं, विभाग परीक्षण एजेंसियों द्वारा इलेक्ट्रिक किट के निर्माताओं को सूचीबद्ध करेगा. एक बार पैनल में आने के बाद यह वाहनों को 10 साल के बाद भी सड़कों पर चलने में सक्षम करेगा."
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (2015) और सुप्रीम कोर्ट (2018) द्वारा जारी आदेशों के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में 10 साल से अधिक पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन नहीं चल सकते हैं.
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राष्ट्रीय राजधानी में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए एक अन्य कदम में, सरकार ने यह भी घोषणा की कि इलेक्ट्रिक लाइट कमर्शियल वाहनों (ई-एलसीवी) को नो-एंट्री घंटों के दौरान लगभग 250 सड़कों पर चलने की अनुमति दी जाएगी.
गहलोत ने कहा, "इलेक्ट्रिक लाइट कमर्शियल व्हीकल्स (L5N & N1) के लिए अच्छी खबर है. ईवी को अपनाने के लिए हमने इन वाहनों को 'नो एंट्री' घंटो के दौरान पहचान की गई सड़कों पर चलने और पार्किंग के किसी भी प्रतिबंध से छूट दी है. ईवी पॉलिसी के लॉन्च के बाद से पहले ही ऐसे वाहनों के रजिस्ट्रेशन में 95% की बढ़ोतरी देखी जा चुकी है!"