महाराष्ट्र में अगले 5 साल में 10 % वाहन इलेक्ट्रिक बनाने का सरकार का लक्ष्य

हाइलाइट्स
महाराष्ट्र सरकार अगले बड़े शहरों के कम से कम 10 प्रतिशत नए वाहनों को 5 साल में इलेक्ट्रिक बनाने का लक्ष्य लेकर चल रही है, यह जानकारी पीटीआई की रिपोर्ट में सामने आई है. क्लाइमेट वॉइस द्वारा हाल में आयोजित एक वर्चुअल टाउन हॉल में राज्य के ट्रांसपोर्ट कमिश्नर आशीष कुमार सिंह ने कहा कि, राज्य सरकार बैटरी से चलने वाले वाहनों में देश का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य महाराष्ट्र को बनाने का लक्ष्य लेकर चल रही है. उन्होंने यह पुष्टि भी की है कि मौजूदा इलेक्ट्रिक वाहन नीति पर दोबारा काम करने के लिए उनकी अगुवाई में एक समिति बनाई गई है.

आशीष कुमार सिंह ने कहा कि, “हम नई नीति पेश करने के अंतिम दौर में हैं. ट्रांसपोर्ट विभाव ने पहले ही स्टेकहोल्डर्स से सलाह ले ली है, लेकिन फिर भी हम अबतक जनता से इसके लिए सुझाव मांग रहे हैं.”
उन्होंने आगे कहा कि, राज्य सरकार मुंबई, पुणे, नागपुर, नाशिक और औरंगाबाद जैसे बड़े शहरों को लक्ष्य बनाकर चल रही है जहां 2025 तक शहर में चलने वाले पब्लिक ट्रांसपोर्ट और अंतिम मील तक जाने वाले वाहनों में 25 प्रतिशत को इलेक्ट्रिक बनाया जा सके.
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शहरों में चलने वाली महाराष्ट्र स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन की मौजूदा 15 प्रतिशत इंटरसिटी बसों को इलेक्ट्रिक बनाया जाएगा. राज्य संचालित इस विभाग में करीब 15,000 बसें हैं. उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में अलग-अलग श्रेणी के करीब 32,000 इलेक्ट्रिक वाहन चलाए जा रहे हैं.
आशीष कुमार सिंह ने आगे कहा कि, “राज्य सरकार निर्माणाधन मुंबई नागपुर ऐक्सप्रेसवे और मुंबई पुणे ऐक्सप्रेसवे के अलावा मुंबई-नाशिक और नाशिक-पुणे हाईवे को भी पूरी तरह इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए तैयार करने वाली है.”
इलेक्ट्रिक वाहन नीति के साथ महाराष्ट्र प्रदूशण कंट्रोल बोर्ड भी लीथियम-आयन बैटरी और इससे जुड़े बाकी इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट को रिसायकल करने पर बराबरी से काम कर रहा है.