महाराष्ट्र सरकार और महिंद्रा सेरो ने मिलाया हाथ, दोनों मिलकर बनाएंगे स्क्रैपिंग केंद्र
हाइलाइट्स
महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में वाहन स्क्रैपिंग केंद्र स्थापित करने के लिए महिंद्रा सेरो के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं. उद्योग, ऊर्जा और श्रम विभाग के माध्यम से हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के तहत, दोनों पूरे महाराष्ट्र में कई स्क्रैपिंग यूनिट स्थापित करेंगे. प्रस्तावित स्क्रैपेज केंद्रों में दो-पहिया और तिपहिया, यात्री और कार्मशियल वाहनों के री-साइक्लिंग की क्षमता होगी. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए.
महिंद्रा का कहना है कि स्क्रैपेज सेंटर सीपीसीबी (केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) द्वारा निर्धारित सभी कानूनी और पर्यावरणीय मानदंडों और MoRTH (सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय) द्वारा प्रदान किए गए दिशानिर्देशों के अनुसार बनाए जाएंगे. वर्तमान में, सेरो के पास पहले से ही पुणे, महाराष्ट्र में एक अत्याधुनिक रीसाइक्लिंग सुविधा है, और अब वह मुंबई, नागपुर, औरंगाबाद और नासिक में चार अतिरिक्त सुविधाएं स्थापित करने पर विचार कर रही है. उद्योग, ऊर्जा और श्रम विभाग राज्य सरकार के नियमों और विनियमों और नए वाहन स्क्रैपिंग केंद्रों की स्थापना के लिए MoRTH द्वारा जारी मसौदा वाहन स्क्रैपेज नीति के अनुसार आवश्यक अनुमोदन की सुविधा प्रदान करेगा.
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(MoU) पर बोलते हुए, महिंद्रा एक्सेलो के एमडी सुमित इस्सर ने कहा, "हम महाराष्ट्र सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करके खुश हैं और सरकार द्वारा किए जा रहे सक्रिय प्रयासों को स्वीकार करना चाहते हैं. 'सेरो' का लक्ष्य है कि वह महाराष्ट्र और भारत में दुनिया की वर्ल्ड क्लास नेटवर्क सुविधा बनाएं. हम ग्राहकों को अपने वाहनों को पर्यावरण के अनुकूल तरीके से स्क्रैप करने के लिए एक मंच प्रदान करेंगे और नए वाहनों की खरीद पर लाभ भी देंगे जो कि प्रमाण पत्र के साथ सेरो द्वारा प्रदान किया जाएगा. टिकाऊपन की दृष्टि से पुराने वाहनों के री-साइकिल के माध्यम से, हमारा लक्ष्य स्टील स्क्रैप आयात पर भारत की निर्भरता को कम करना और स्टील के उत्पादन में जाने वाले प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण को कम करना है."
हाल ही में टाटा मोटर्स ने भी राज्य में पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा (आरवीएसएफ) स्थापित करने के लिए महाराष्ट्र सरकार के साथ साझेदारी करने की घोषणा की. टाटा के प्रस्तावित स्क्रैपेज सेंटर में जीवन के अंत तक यात्री और कर्मशियल वाहनों के लिए एक वर्ष में 35,000 वाहनों तक रीसाइक्लिंग की क्षमता होगी.