सड़क परिवहन और हाईवे मंत्रालय ने कहा इलैक्ट्रिक वाहनों पर इंसेंटिव दें राज्य सरकारें
हाइलाइट्स
सड़क परिवहन एवं हाईवे मंत्रालय ने एक एडवाइज़री जारी करते हुए सभी राज्य परिवहन विभागों को तेज़ी से इलैक्ट्रिक वाहन अपनाने और उसकी खरीद पर इंसेंटिव देने को कहा है. इन मानकों में इलैक्ट्रिक कार के ज़ीरो एमिशन व्हीकल वाली हरी रजिस्ट्रेशन प्लेट देना और ईवी पर लगने वाले परमिट की ज़रूरत में छूट शामिल है. सड़क परिवहन एवं हाईवे मंत्रालय ने इस कार की डेडलाइन भी दे दी है जो 31 अगस्त 2019 है, सरकार सभी राज्य परिवहन विभागों से तय समय में केन्द्र सरकार के ईवी प्नाल को अगल में लाने की उम्मीद रखती है.
सभी इलैक्ट्रिक/ज़ीरो एमिशन व्हीकल्स के साथ हरी नंबर प्लेट दी जाएगी. इन वाहनों के साथ अलग से भी बेनिफिट दिए जाएंगे जिनमें टोल और पर्किंग पर कोई शुल्क नहीं, मुख्य पार्किंग स्लॉट और देश के व्यस्त और संकरे इलाकों में इन्हें ले जाने की छूट शामिल है. राज्य परिवहन विभागों से इलैक्ट्रिक वाहनों के लिए पॉलिसी बनाने को भी कहा गया है जिसमें चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए ज़मीन अलॉट करना और मॉल्स, हाउसिंग सोसायटियों और पब्लिक पार्किंग स्पेस पर चार्जिंग की व्यवस्था को अनिवार्य बनाने की बात सामने आई है.
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शेयर्ड मोबिलिटी
सरकार के मुताबिक शेयर्ड मोबिलिटी स्पेश में उत्साह बढ़ाने वाली ग्रोथ देखने को मिली है जिसके लिए टैक्सी और ऑटो चालकों का धन्यवाद. जहां शेयर्ड व्हीकल अब ज़्यादा दूरी तक चलाए जा रहे हैं, ऐसे में टैक्सी और ऑटो को इलैक्ट्रिक पावर में बदलने पर फोकस करना होगा. फिलहाल मंत्रालय के इस नोटिफिकेशन में ये नहीं बताया गया है कि शेयर्ड मोबिलिटी स्पेस में इलैक्ट्रिक वाहनों की संख्या कैसे बढ़ाई जाए.
पैसेंजर ट्रांसपोर्ट परमिट
अक्टूबर 2018 में एक सर्कुलर जारी करते हुए केन्द्र सरकार ने इलैक्ट्रिक वाहनों को पैसेंजर ट्रांसपोर्ट परमिट की अनिवार्यता से निजात दिलाई थी. कुछ राज्य सरकारें इलैक्ट्रिक थ्री-व्हीलर्स के परमिट के पक्ष में थीं, लेकिन केन्द्र ने ऐसे इलैक्ट्रिक वाहनों को परमिट से मुक्त कर दिया है और कई टैक्स भी इन वाहनों पर नहीं लगाए जाएंगे. इस नोटिफिकेशन के साथ ही इलैक्ट्रिक ऑटो और टैक्सी को अब किसी रजिस्ट्रेशन की ज़रूरत नहीं होगी.