निसान किक्स 1.3 टर्बो CVT रिव्यूः चलाने में मज़ेदार लेकिन कीमत में कुछ ज़्यादा
हाइलाइट्स
निसान किक्स बाज़ार के सबसे भारी मुकाबले वाले कॉम्पैक्ट SUV सेगमेंट में डटी हुई है. जहां ह्यून्दे क्रेटा और किआ सेल्टोस इस सेगमेंट पर दबदबा बनाए हुए हैं, वहीं निसान इस दमदार मुकाबले में बने रहने के लिए किक्स के साथ बाज़ार में मौजूद है. अब इस मुकाबले में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए निसान इंडिया ने किक्स का टर्बो मॉडल लॉन्च किया है जिसके साथ 1.3-लीटर टर्बोचार्ज्ड पेट्रोल इंजन मिला है. यह इस सेगमेंट का सबसे दमदार इंजन है जो रेनॉ डस्टर में भी दिया गया है. मेरे सहकर्मी शम्स ने डस्टर 1.3 टर्बो चलाकर देखी है जिसने उन्हें काफी प्रभावित किया है. तो यहां मैं उसी इंजन और अलग बॉडी के साथ निसान किक्स को चलाकर देखने वाला हूं.
क्या बदला?
हुड के अंदर लगाया गया इंजन नया है. खैर, ये वही इंजन है जो रेनॉ डस्टर में दिया गया है. 1,330 सीसी का इंजन 5500 आरपीएम पर 154 बीएचपी और 1600 आरपीएम पर 254 एनएम पीक टॉर्क जनरेट करता है. हमने जो कार चलाकर देखी उसके साथ 7-स्पीड CVT दिया गया है. दिलचस्प ये है कि इस इंजन की सिलेंडर कोटिंग तकनीक निसान जीटी-आर से ली गई है जिससे दमदार होने के साथ इंजन इंधन के मामले में किफायती भी बनता है.
निसान ने किक्स के 1.3 टर्बो वेरिएंट के साथ इलेक्ट्रिक वेस्ट-गेट दिया है जो हाई-प्रेशर डायरेक्ट फ्यूल इंजैक्शन सिस्टम और इलेक्ट्रिकली एक्युएटेड वेरिएबल कैम्स के साथ आता है, इसकी सहायता से यह इंजन आपकी उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन करता है. इसके अलावा जीटी-आर से ली गई तकनीक और इंजन में हुए बदलाव कुल मिलाकर इसे और भी बेहतर बनाते हैं. केबिन के अंदर आपको इंजन की हल्की आवाज़ आती है जो पसंद आने लायक है और यह निश्चित तौर पर कोई शोर पैदा नहीं करता. कार के एनवीएच लेवल पर्याप्त हैं.
ड्राइविंग डायनामिक्स
निसान किक्स 1.3 टर्बो का प्रदर्शन काफी दमदार और साफ-सुथरा है. कार को कम गति से तेज़ रफ्तार में दौड़ाने पर आपको कोई दिक्कत नहीं होगी, लेकिन यह इंजन अपनी असली ताकत दिखाना मिड-रेन्ज से शुरू करता है. पैडल पर पैर रखते ही कार रफ्तार पकड़ना शुरू कर देती है जो आपको काफी अच्छा लगेगा. चाहे शहर हो या हाईवे, इस कार से दूसरे वाहन को ओवरटेक करना काफी आसान काम लगता है. मेरे हिसाब से 7-स्टेप CVT कई अन्य CVT के मुकाबले बहुत अच्छे तरीके से काम करता है. यह आपको कहीं भी अजीब नहीं लगता, और जब इंजन दमदार हो तो इस तरह का गियरबॉक्स उसके प्रदर्शन को और बेहतर बना देता है.
ट्रैफिक की स्थिति में आपको SUV कुछ बोझिल लगती है जिसकी वजह इसका अजब ढंग से भारी स्टीयरिंग व्हील है. लेकिन रफ्तार में यह बिल्कुल सामान्य हो जाता है. तेज़ गति में आपको टॉर्क में कुछ कमी महसूस हो सकती है, लेकिन यह आपको बिल्कुल भी दिक्कत पहुंचाने वाली बात नहीं है. कुल मिलाकर तेज़ रफ्तार पर किक्स सड़क पर पकड़ बनाए रखती है. इसके सस्पेंशन दमदार हैं और खराब सड़क पर लगातार सही तरीके से काम करते हैं. हालांकि बड़े ब्रेकर्स पर आपकी पीठ को झटका महसूस होता है. इसके अलावा कार को मोड़ते समय आपको और भी अच्छा बॉडी रोल मिल सकता था.
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बाहरी डिज़ाइन
निसान किक्स के बाहरी हिस्से में कोई बदलाव नहीं किया गया है. SUV को पहले की तरह क्रॉसओवर जैसी रूपरेखा और अच्छा प्रपोर्शन मिला है. लेकिन यह काफी अजीब है कि हमें निसान किक्स 1.3-लीटर टर्बो के साथ इसे दिखाता कोई बैज नहीं दिखाई दिया. यहां तक कि डीकल्स और कोई ऐसा साइन नहीं है जो यह बताता हो कि कार के अंदर टर्बो इंजन लगाया गया है. यहां बहुत चतुराई से काम किया गया है. कार के साथ ग्राहकों की चाह होगी कि यह टर्बो वेरिएंट दिखाई दे, लेकिन यहां उसकी कोई व्यवस्था नहीं की गई है. आपकी निसान किक्स सामान्य दिखाई देगी, लेकिन अगर आप इसे किसी सामान्य किक्स के साथ चलाएंगे तो आसानी से यह अंतर समझ आ जाएगा.
इंटीरियर
कंपनी ने कार के अंदरुनी हिस्से को तो समान रखा ही है, इसके केबिन में भी कोई बदलाव नहीं किया है. इसे मजबूती से तैयार किया गया है, लेकिन प्लास्टिक की गुणवत्ता प्रिमियम ऐहसास नहीं कराती, खासतौर पर डोर पैनल्स और गियर नॉब पर.. यह कार की बड़ी कमियों में से एक है. गियर नॉब को थोड़ा नीचे लगाया गया है जिससे आरामदायक ड्राइविंग की अवस्था खोजना थोड़ा मुश्किल हो जाता है. हालांकि कार की सीट्स काफी आरामदायक हैं. पिछली सीट पर बैठे यात्रियों के लिए भी व्यवस्था आरामदायक है और काफी जगह मिलती है, लेकिन एसयूबी चार्जर नहीं दिया गया है. केबिन में कप होल्डर्स नहीं दिए गए हैं और मोबाइल या वॉलेट रखने के लिए जगह काफी गहरी है, ऐसे में आप इन्हें वापस उठाने में फर्ती नहीं दिखा पाएंगे.
निसान ने किक्स 1.3 टर्बो के साथ 8.0-इंच टचस्क्रीन सिस्टम दिया है जो काफी अच्छी तरह काम करता है. कंपनी ने आपको इसके साथ एप्पल कारप्ले और एंड्रॉइड ऑटो जैसी कनेक्टिविटी दी है. इसके अलावा निसान कनेक्ट ऐप के ज़रिए ग्राहकों को कई सारे कनेक्टेड कार फीचर्स भी मिलेंगे. कार के की कार्ड पर खास रिमोट इंजन स्टार्ट बटन दिया गया है और अगर आप रिमाट से इस कार को स्टार्ट करना चाहते हैं तो आपके लिए ये बड़े काम की चीज़ है. अगर एसी चालू छोड़ा जाए तो यह कार के केबिन को ठंडा करना भी शुरू कर देता है.
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सुरक्षा
निसान किक्स के साथ दो एयरबैग्स और एंटीलॉक ब्रेक्स के अलावा इलेक्ट्रॉनिक ब्रेक-फोर्स डिस्ट्रिब्यूशन सामान्य तौर पर दिए गए हैं. कार के साथ रियर पार्किंग सेंसर्स भी सामान्य फीचर के तौर पर मिले हैं. टर्बो मॉडल्स के साथ ट्रैक्शन कंट्रोल, व्हीकल स्टेबिलिटी मैनेजमेंट, इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिट कंट्रोल और हिल स्टार्ट असिस्ट जैसे फीचर्स सामान्य रूप से उपलब्ध कराए गए हैं. टॉप मॉडल एक्सवी प्रिमियम के साथ 360 डिग्री कैमरा और ड्राइवर की सीट पर अलग से एक एयरबैग दिया गया है.
कीमत और मुकाबला
निसान किक्स के मुकाबले में काफी दमदार कारें खड़ी हैं जिनमें ह्यून्दे क्रेटा, किआ सेल्टोस और किक्स के परिवार से रेनॉ डस्टर और कई सारी कारें शामिल हैं. निसान किक्स 1.3 टर्बो की शुरुआती कीमत रु 11.85 लाख है जो टॉप मॉडल के लिए रु 14.15 लाख तक जाती है. ह्यून्दे क्रेटा 1.4 टर्बो की शुरुआती कीमत रु 15.54 लाख है जो सेल्टोस टर्बो की कीमत से 62,000 रुपए कम है. क्रेटा और सेल्टोस टर्बो के टॉप मॉडल की बात करें तो इनकी कीमत में सिर्फ 9,000 रुपए का फर्क है क्योंकि सेल्टोस टर्बो के टॉप मॉडल की कीमत रु 17.29 लाख है.
यहां सबसे किफायती कार रेनॉ डस्टर 1.3 टर्बो है जिसकी शुरुआती कीमत रु 10.49 लाख है जो टॉप मॉडल के लिए रु 13.59 लाख तक जाती है. बेशक ये कीमत क्रेटा और सेल्टोस से काफी कम है और टॉप वेरिएंट की तुलना करें तो कीमत में रु 3.70 लाख का बड़ अंतर देखने को मिलता है. हालांकि इन कारों के मुकाबले डस्टर के फीचर्स भी काफी कम हैं. कार के साथ टर्बो इंजन के अलावा 1.5-लीटर पेट्रोल वेरिएंट में भी पेश किया गया है जो टर्बो वेरिएंट के मुकाबले काफी सस्ता है, ये सिर्फ दो वेरिएंट्स एक्सएल और एक्सवी में पेश किया गया हे जिनकी कीमत क्रमशः रु 9.49 लाख और रु 9.99 लाख है. इसके अलावा डस्टर की तरह निसान ने भी किक्स के साथ डीजल इंजन उपलब्ध नहीं कराया है.
फैसला
निसान किक्स 1.3 टर्बो का प्रदर्शन दमदार है, लेकिन सफाई, फीचर्स और आराम के मामले में यह कार पिछड़ जाती है. जहां यह कार कोरियाई कंपनी की दो दमदार कारों क्रेटा और सेल्टोस के मुकाबले लगभग रु 2 लाख सस्ती है, वहीं लेकिन मुकाबले की दोनों SUV के मुकाबले नाम में भी यह कार छोटी पड़ जाती है. कीमत में किक्स काफी किफायती है, लेकिन मुकाबले के हिसाब से कई पहलुओं में इस कार पर बहुत काम किए जाने की ज़रूरत है. लेकिन फिर भी अगर आप यह कार खरीदना चाहते हैं तो इसमें लगा 1.3 टर्बो इंजन आपको बहुत मज़ेदार अनुभव देगा.