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भारत का पहला सीएनजी ट्रैक्टर लॉन्च किया गया

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Nitin Gadkari Introduces India's First Retrofitted CNG Tractor
असल में एक डीज़ल ट्रैक्टर को सीएनजी ट्रैक्टर में बदलने के लिए रौमैट टेक्नो सॉल्यूशंस और टॉमासेटो अकील इंडिया ने मिलकर किट बनाया है.
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द्वारा कारएंडबाइक-टीम

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प्रकाशित फ़रवरी 15, 2021

हाइलाइट्स

    भारत को अपना पहला रेट्रोफिटेड सीएनजी ट्रैक्टर मिल गया है जिसको केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पेश किया है. यह कहा जा रहा है कि, नया सीएनजी ट्रैक्टर ईंधन की लागत पर सालाना रु 1.5 लाख तक बचाएगा. असल में इस डीज़ल ट्रैक्टर को सीएनजी ट्रैक्टर में बदलने के लिए रौमैट टेक्नो सॉल्यूशंस और टॉमासेटो अकील इंडिया ने मिलकर किट बनाया है. गडकरी ने कहा है कि सरकार ट्रैक्टरों पर सीएनजी किट लगाने के लिए केंद्रों की स्थापना करेगी और हर जिले में ऐसे केंद्र लगाने की योजना है.

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    सरकार ने कहा है कि वो ट्रैक्टरों पर सीएनजी किट के लिए रेट्रो फिटमेंट केंद्र स्थापित करेगी. 

    डीज़ल ट्रैक्टर जिसे सीएनजी में परिवर्तित किया गया था, उसके मालिक गडकरी ख़ुद हैं, और उन्हें पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र दिया गया. CNG ट्रैक्टर का छह महीने से परीक्षण चल रहा था और एक पारंपरिक डीज़ल ट्रैक्टर की तुलना में, इस रेट्रोफिटेड CNG ट्रैक्टर के कारण 75 प्रतिशत कम प्रदूषण होने का दावा किया गया है. हालांकि, सीएनजी किट की लागत की घोषणा नहीं की गई है.

    यह भी पढ़ें: सोनालिका ने लॉन्च किया भारत का पहला खेती के लिए तैयार इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर

    गडकरी ने दावा किया है कि सीएनजी किट के साथ मौजूदा डीजल ट्रैक्टरों से किसानों को कामकाज में लागत कम करने में मदद मिलेगी. केंद्रीय मंत्री के मुताबिक औसतन, किसान डीज़ल पर प्रति वर्ष रु 3 लाख से रु 3.5 लाख तक खर्च करते हैं, और इस वैकल्पिक तकनीक को अपनाकर, वे ईंधन लागत में रु 1.5 लाख तक बचा सकते हैं. लागत को कम करने के अलावा, सीएनजी तकनीक पारंपरिक डीज़ल ट्रैक्टरों से निकलने वाली हानिकारक गैसों को कम करने में भी मदद करेगी.

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