येन के मुकाबले मजबूत होता रुपया सामान की लागत कम करने में मदद कर सकता है: मारुति सुजुकी
हाइलाइट्स
एक विशेष प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भारतीय मीडिया को संबोधित करते हुए, मारुति सुजुकी इंडिया के अध्यक्ष आर सी भार्गव ने कहा है कि जापानी येन के मुकाबले भारतीय रुपये की बढ़ती ताकत, सामान की लागत को कम करने में मदद कर सकती है. हालांकि, देश के सबसे बड़े कार निर्माता के अध्यक्ष ने कहा कि रूस-यूक्रेन संकट जैसी असामान्य घटनाएं इसे अप्रत्याशित बनाती हैं. मीडिया कार्यक्रम में बोलते हुए भार्गव ने कहा, “पक्ष में होती चीज़ों में से एक येन के मुकाबले रुपया अच्छा प्रदर्शन कर रहा है. अगर यह जारी रहा तो मटेरियल लागत के मामले में चीजें बेहतर हो सकती हैं. लेकिन यूक्रेन युद्ध जैसी असामान्य घटनाएं इसे अप्रत्याशित बना देती हैं.”
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भार्गव ने यह कहा है, कंपनी पहले ही घोषणा कर चुकी है कि वह बढ़ती लागत के कारण जनवरी 2023 से कार की कीमतों में बदलाव करेगी. यह कहते हुए कि, अभी, भारत में कार की कीमतों में वृद्धि के मुख्य कारणों में से एक बढ़ती हुए सामान की लागत है और मारुति सुजुकी इंडिया के अलावा, कई अन्य कार ब्रांडों ने नए साल की शुरुआत से कीमतों में बढ़ोतरी की घोषणा की है.
भार्गव ने भारत में ऑटोमोबाइल पर उच्च टैक्स की बात करते हुए मटेरियल लागत के बारे में बात की, जो उनके अनुसार ऑटो उद्योग को कमजोर बना रहा है. भार्गव ने कहा, "अगर हम देश में कार उद्योग की विकास दर को देखें, तो इस सदी के पहले 10 वर्षों की तुलना में, जब विकास दर औसतन लगभग 12 प्रतिशत थी, वह लगातार नीचे आ रही है और आज देश में पिछले 12 वर्षों में उद्योग की विकास दर औसतन लगभग 3 प्रतिशत है. 12 साल की अवधि में हम 12 प्रतिशत से घटकर 3 प्रतिशत की विकास दर पर आ गए हैं. हम हर साल कार की बाज़ार में 1 फीसदी जोड़ रहे हैं.'
एसयूवी पर उच्च जीएसटी दरों की ओर इशारा करते हुए, जो अन्य सेस के साथ संयुक्त रूप से 50 प्रतिशत तक जाता है, उन्होंने कहा, “आप 50 प्रतिशत टैक्स के साथ ऑटो उद्योग का विकास नहीं कर सकते हैं. अगर नीति निर्माता नहीं चाहते कि कार उद्योग तेजी से बढ़े, तो मैं कौन होता हूं इस पर कुछ कहने वाला. ऑटो उद्योग में सभी टैक्स को न्याय संगत बनाया जाना चाहिए."
Last Updated on December 20, 2022