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टाटा समूह और गुजरात सरकार ने लिथियम-आयन सेल निर्माण प्लांट के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

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Tata Group, Gujarat Government Sign MoU For Lithium-Ion Cell Manufacturing Plant
प्लांट में शुरू में 20-गीगावाट-घंटे की निर्माण क्षमता होगी और इसे ₹13,000 करोड़ के निवेश पर स्थापित किया जाएगा.
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द्वारा ऋषभ परमार

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प्रकाशित जून 5, 2023

हाइलाइट्स

    टाटा समूह ने राज्य में लिथियम-आयन सेल निर्माण प्लांट लगाने के लिए गुजरात राज्य सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं. नए प्लांट का निर्माण ₹13,000 करोड़ के शुरुआती निवेश से किया जाएगा और इसकी निर्माण क्षमता 20 गीगावाट-घंटे (GWh) होगी. समझौता ज्ञापन पर टाटा समूह की सहायक कंपनी टाटा अग्रतास एनर्जी स्टोरेज सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड और विज्ञान और तकनीकी सचिव, गुजरात सरकार, विजय नेहरा ने हस्ताक्षर किए.

     

    यह भी पढ़ें: ऑटो बिक्री मई 2023: टाटा मोटर्स ने 74,973 वाहनों की कुल बिक्री दर्ज की 

     

    प्लांट को भारत में लिथियम-आयन सेल बनाने वाला पहला प्लांट कहा जाता है और यह साणंद में होगा, जहां फोर्ड के प्लांट के हाल के अधिग्रहण के बाद टाटा के पास पहले से ही दो यात्री वाहन निर्माण प्लांट हैं. एक बयान के अनुसार प्लांट पर काम अगले तीन वर्षों के भीतर शुरू हो जाएगा और इसकी प्रारंभिक क्षमता 20 GWh होगी जिसे बाद के चरण में 40 GWh तक बढ़ाया जा सकता है.

     

    મુખ્યમંત્રી શ્રી ભૂપેન્દ્ર પટેલની ઉપસ્થિતિમાં આજે ગુજરાત સરકાર અને ટાટા ગૃપ વચ્ચે લિથિયમ આયન સેલ મેન્યૂફેક્ચરીંગ ગીગા ફેક્ટરીની સ્થાપના માટેના MoU સંપન્ન થયા હતા.

    મુખ્યમંત્રીશ્રીના દિશાદર્શનમાં ઘડાયેલી રાજ્યની નવી ઇલેક્ટ્રોનિકસ પોલિસીની ફલશ્રુતિ રૂપે થયેલ આ MoU અંતર્ગત પ્રથમ… pic.twitter.com/Ub0dAHVvOk

    — CMO Gujarat (@CMOGuj) June 2, 2023

     

    भारत में ईवी उद्योग हाल के वर्षों में तेजी से बढ़ रहा है, खासकर दोपहिया और तिपहिया वाहनों के सेगमेंट में. दोनों सेगमेंट में ईवी की संख्या में उछाल देखा गया है, दोनों विरासत ब्रांडों और पाई के एक टुकड़े के लिए नए स्टार्ट-अप की पेशकश कर रहे हैं.

     

    चार-पहिया ईवी सेगमेंट में, टाटा ने टियागो ईवी, टिगोर ईवी और नेक्सॉन ईवी जैसे मॉडलों की अपनी श्रृंखला के साथ मास मार्केट सेगमेंट को लक्षित करते हुए खुद को मजबूती से स्थापित किया है. उम्मीद है कि ब्रांड आने वाले वर्षों में अपने ईवी लाइन-अप का और विस्तार करेगा. एमजी मोटर इंडिया ने भी अपनी जेडएस ईवी के साथ ईवी स्पेस का एक हिस्सा बनाया है, जबकि महिंद्रा ने भी अपनी नई एक्सयूवी400 के साथ बाजार में प्रवेश किया है.

     

    भारत में लिथियम-आयन सेल के निर्माण से लंबी अवधि में लागत कम करने में मदद मिलेगी और साथ ही देश के बाहर से सेल खरीदने की आवश्यकता भी कम होगी. इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतें कम करने से इसका व्यापक प्रभाव पड़ सकता है. 
     

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    Last Updated on June 5, 2023


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