टेस्ला साइबरट्रक का रिव्यू, सबसे अलग बेमिसाल इलेक्ट्रिक पिकअप

हाइलाइट्स
- ऐसा लगता है कि यह किसी साइंस फिक्शन फिल्म से निकलकर रिंग रोड पर उतरा है
- अधिकांश स्पोर्टबाइक से तेज़ - 0 से 100 की रफ़्तार सिर्फ़ 2.6 सेकंड में पकड़ सकता है
- सड़क पर चलने वाले बाकी वाहनों से एक अलग पहचान के साथ आता है साइबट्रक
अगर आपने हमें पाँच साल पहले बताया होता कि हम भारत की चहल-पहल भरी सड़कों पर टेस्ला साइबरट्रक चला रहे हैं, तो हम मसाला चाय की चुस्की लेते हुए हंसते. लेकिन हम यहाँ हैं - साइबरबीस्ट के पीछे, टेस्ला की सबसे अजीबोगरीब गाड़ी का सबसे महंगे वैरिएंट के साथ. यह सिर्फ़ एक वाहन नहीं है - यह एक शानदार नज़ारा है, एक एसयूवी के आकार का स्पेसशिप जो परंपरा के मुताबिक शानदार प्रदर्शन कर रहा है, और संभवतः भारतीय सड़कों पर घूमने वाली सबसे बोल्ड इलेक्ट्रिक वाहन भी है. गोपिन की मेहरबानी से हमें सूरत में साइबरट्रक के साथ कुछ समय बिताने का मौका मिला.
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डिजाइन
साइबरट्रक की धारदार बॉडी और बिना पेंट की बॉडीवर्क "रोज़मर्रा की यात्रा" से ज़्यादा किसी बॉर्डर पर होने वाली गाड़ी की तरह दिखती है. हर तरफ से ये पूरी तरह बाज़ार में आने वाली अन्य कारों से अलग दिखती है और यही इसका आकर्षण है. यह एक ऐसा वाहन है जिसमें आपको कोई भी रंग विकल्प चुनने का मौका नहीं मिलता है, क्योंकि यह कोल्ड-रोल्ड HFF स्टील से बना है, जिसकी मोटाई एक रुपये के सिक्के से भी कम है. लेकिन यह इतना मज़बूत है कि यह बहुत कुछ सह सकता है क्योंकि यह एंटी स्क्रैच, एंटी डेंट है, और साथ ही हथौड़े की चोट भी सह सकता है.

मुझे साइबरट्रक की यह नो-पेंट पॉलिसी काफी पसंद आई क्योंकि यह इसे किसी भी दूसरे फोर व्हीलर वाहन से ज़्यादा एक मशीन बनाता है. लेकिन दूसरी तरफ़, अगर आप चाहें तो अपने साइबरट्रक को अपने किसी भी पसंदीदा रंग में नहीं चुन सकते. साथ ही, चमचमाते पैनल से आने वाली चौंध अन्य लोगों की आंखो के सामने ब्लाइंड स्पॉट बना सकता है जो कि सड़क पर चलने वाले अन्य लोगों के लिए एक बुरी बात है.

लगभग 5.6 मीटर लंबा, यह एक्टेंड लॉन्ग-व्हीलबेस एस-क्लास मायबाक से भी लंबा है. और यह 2 मीटर से थोड़ा ज़्यादा चौड़ा है. लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह दिखने में यह डराने वाला है. माफिया-स्पेक ब्लैक-आउट डिफेंडर की तरह डराने वाला नहीं है. दिखने में यह कुछ ऐसा है जैसा कि हमने टीवी और फिल्मों में देखा है एलियंस के स्पेस शिप होते हैं. ठीक वैसे ही तरह बॉडी में तैयार साइबरट्रक को देखकर लगता है किसी भी क्षण ये सीधे हवा में उड़ जाएगा.(मज़ाकिया लहज़े में). बच्चे इसे घूरते हैं, बाइकर्स दूसरी नज़र डालने के लिए अपना सिर पीछे की ओर घुमाते हैं, और अन्य सड़क उपयोगकर्ता बस देखते ही रहते हैं.

बात करें इसके फीचर्स की तो इसमें आगे और पीछे मिनिमलिस्ट LED लाइट बार हैं, जबकि हेडलैम्प्स को मेटल फ्रंक और प्लास्टिक बम्पर के बीच में रखा गया है. आपको बड़े और चंकी 20-इंच के पहिए मिलते हैं जिनमें खास तौर पर डिजाइन किए गए गुडइयर टायर हैं. पिक-अप बेड की बात करें तो सबसे पहले, यह इलेक्ट्रॉनिक रूप से फोल्ड होने वाले टोन्यू कवर के साथ ढका हुआ है.खूबसूरती बढ़ाने के लिए नहीं, बल्कि एयरोडायनेमिक दक्षता में सहायता के लिए, जो ड्राइविंग रेंज में मदद करता है. टेलगेट इलेक्ट्रॉनिक रूप से रिट्रैक्टेबल नहीं है, जो इस तरह के फ्यूचरिस्टिक पिकअप में एक कमी की तरह लगता है. यह सबसे महंगा वैरिएंट एडजस्टेबल एयर सस्पेंशन (जो सवारी की ऊंचाई 300 मिमी बढ़ाता है) के साथ फिट किया गया है.
कैबिन और फीचर्स
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दरवाज़ा खोलें और अंदर चलिये, हां एक बात दरवाज़ों को आप टेस्ला ऐप के ज़रिए भी खोल सकते हैं या बी-पिलर पर इलेक्ट्रॉनिक बटन दिया उसे दबाकर दरवाज़े खोल सकते हैं — और आप एक ऐसे कैबिन में कदम रखते हैं जो किसी भी अन्य पिकअप या एसयूवी से अलग है. यह न कि बराबर फिजिकल टच के साथ आता है. कोई अव्यवस्था नहीं, कोई बटन नहीं, बस एक बड़ी 18.5-इंच सेंट्रल टचस्क्रीन और एक अनोखा 'योक' स्टीयरिंग व्हील, साथ ही साफ, सपाट सतहें हैं. आप देखेंगे कि ये साफ और सपाट सतहें या तो उच्च गुणवत्ता वाले लैदर या मुलायम अल्कांतारा से तैयार की गई हैं.

एक और चीज़ जो आपको अंदर बैठने के बाद ध्यान में आएगी वो है इसका बड़ा तिरछा A-पिलर. जो कि बाहर से देखने में किसी भी दूसरी चीज़ से अलग है, सबसे पहले डैशबोर्ड के बड़े विस्तार के कारण, फिर ट्राएंगलर ORVMS हैं, और जब टोन्यू कवर ऊपर होता है तो छोटा IRVM बेकार हो जाता है.

लेकिन साइबरट्रक के कैबिन में कुछ भी पारंपरिक नहीं है. पारंपरिक डैशबोर्ड? चला गया. इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर? भी चला गया. आपको जो कुछ भी चाहिए - स्पीड से लेकर नोटिफिकेशन, मैप्स से लेकर कैबिन का तापमान - सब कुछ उस एक बड़ी स्क्रीन पर दिखाया जाता है. पहले तो यह अजीब लगता है, लेकिन कुछ मिनट दें, और यह समझ में आने लगता है... जब तक कि आप यू-टर्न लेने की कोशिश न करें और योक से जूझ न लें.

चारों ओर बहुत जगह है - आखिरकार यह एक बहुत बड़ी कार है - और सेंटर कंसोल में व्यावहारिक क्यूबी होल भी हैं. सीटें चौड़ी, मजबूत और टिकाऊ हैं, और अगर आप ध्यान से देखें, तो वे ही एकमात्र चीजें हैं जो इस स्पेशिप-युग के कैबिन के अंदर एक पारंपरिक कार की याद दिलाती हैं. आप पीछे की सीट पर तीन बराबर की सीटों के साथ आराम से पाँच एडल्ट को बैठा सकते हैं. पीछे की सीटें आगे की सीटों से नीचे हैं और मेरे शरीर के हिसाब से पर्याप्त लेगरूम और एक अच्छा हेडरूम देती हैं (मैं 5.5' का हूँ). इसमें एक बड़ी ग्लॉस की छत है जो कैबिन में फैली हुई है और बीच में एक साझा टचस्क्रीन है, और यही दूसरी रो की खासियत है.
ड्राइविंग अनुभव
एक बार जब आप स्टीयरिंग व्हील के पीछे बैठते हैं तो आपको एहसास होता है कि यह साइबरबीस्ट बेहद तेज़ है. 845 बीएचपी से ज़्यादा ताकत देने वाली तीन मोटरों के साथ, यह तीन टन का ट्रक महज़ 2.6 सेकंड में 0 - 100 किमी प्रति घंटे की रफ़्तार पकड़ सकता है (दावा किया गया है). यह एक इतालवी सुपरकार से भी तेज़ है, पाँच सीटों वाले पिकअप ट्रक की तो बात ही छोड़िए। पेडल दबाते ही आप अपनी सीट पर वापस आ जाएँगे क्योंकि यह सचमुच तेज़ी से आगे बढ़ता है.

इस अनोखे स्टीयरिंग की आदत डालने में आपको कुछ समय लगेगा. यह अविश्वसनीय रूप से तेज़ है - लगभग गेमिंग कंसोल की तरह. किसी भी तरफ़ एक झटके में दिशा बदल जाती है. लेकिन साथ ही, सवारी का आराम आश्चर्यजनक रूप से शानदार है, जैसा कि आपको किसी भी पारंपरिक एसयूवी से उम्मीद करनी चाहिए. ए़डेप्टिव एयर सस्पेंशन की बदौलत, यह अनियमितताओं और गड्ढों को काफी आराम से पार कर जाता है, जिसमें 65-सेक्शन नॉबी टायर की मदद मिलती है. कोनों के आसपास, यह बैले कर रहे एक हैवीवेट बॉक्सर की तरह व्यवहार करता है - आपको वजन महसूस होता है, लेकिन यह संयमित रहता है. अच्छी बात यह है कि रियर-व्हील स्टीयरिंग कम गति वाले मोड़ को आसान बनाता है. लेकिन यह बताना ज़रूरी है कि इस ट्रक को बहुत ज्यादा जगह की ज़रूरत है.

रेंज के मामले में टेस्ला ने इस साइबरबीस्ट के लिए 515 किलोमीटर से ज़्यादा का दावा किया है. लेकिन जब हमने 100 प्रतिशत पर शुरू किया, तो स्क्रीन पर लगभग 400 किलोमीटर की यथार्थवादी रेंज दिखाई दी. आपको होम चार्जर या टेस्ला के सपोर्ट वाले फ़ास्ट चार्जर की ज़रूरत होगी, जो अभी भारत में उपलब्ध नहीं हैं. यहाँ एक छोटा सा बोनस है: V2L (व्हीक टू लोड) तकनीक के साथ, साइबरट्रक का बड़ा बैटरी पैक तीन दिनों तक लाइट की सप्लाई कर सकता है.
निर्णय खरीदना चाहिये या नहीं
साइबरट्रक बहुत ही बड़ा है, लेकिन सबसे बेहतरीन तरीके से इसे तैयार किया गया है. यह बहुत महंगा है (अगर इसे भारत में लॉन्च किया जाता है, तो टैक्स के साथ इसकी कीमत रु.2 करोड़ से ज़्यादा होगी) और यह भारतीय परिस्थितियों के हिसाब से बिल्कुल अव्यवहारिक है. लेकिन यही वजह है कि यह एक खास तरह के खरीदारों को पसंद आ सकता है. यह कार व्यावहारिक कम्यूटर के लिए नहीं है. यह ट्रेंडसेटर, हेडलाइन ग्रैबर, ऐसे व्यक्ति के लिए है जो अलग दिखना चाहता है. फॉर्च्यूनर, जी-वैगन, उरुस और डिफेंडर के बीच, साइबरट्रक ऐसा लगता है जैसे आप कोई मजबूत बयान दे रहे हैं. और दुनिया सुनने के लिए मजबूर हो जाएगी.
अगर आप इसे खरीद सकते हैं, आपके पास फार्महाउस के आकार का गैरेज होना चाहिये. यह पिकअप आपको पूरा मज़ा देगा. क्योंकि साइबरट्रक साइबरबीस्ट कोई वाहन नहीं है - यह एक इवेंट है. और हमें खुशी है कि हमें इसे अपने हमारे देश में चलाने का मौका मिला.
हिन्दी अनुवाद-ऋषभ परमार