मारुति सुजुकी बलेनो के टॉप वेरिएंट को यूरो-एनसीएपी क्रैश टेस्ट रेटिंग में मिले 4 स्टार
यूरो एनसीएपी (NCAP) ने सुजुकी बलेनो के यूरोपियन मॉडल को कैश टेस्ट में 4-स्टार दिए हैं। इस कार में एक्स्ट्रा सेफ्टी फीचर पैकेज भी मौजूद था। वहीं, कुछ सेफ्टी फीचर्स से लैस इस कार के स्टैंडर्ड वेरिएंट को भी इस टेस्ट में तीन स्टार मिले हैं।
हाइलाइट्स
यूरो एनसीएपी (NCAP) ने सुजुकी बलेनो के यूरोपियन मॉडल को कैश टेस्ट में 4-स्टार दिए हैं। इस कार में एक्स्ट्रा सेफ्टी फीचर पैकेज भी मौजूद था। वहीं, कुछ सेफ्टी फीचर्स से लैस इस कार के स्टैंडर्ड वेरिएंट को भी इस टेस्ट में तीन स्टार मिले हैं। इन कारों को भारत में तैयार किया गया है। यूरो एनसीएपी ने सुजुकी बलेनो के दो वेरिएंट को क्रैश टेस्ट किया जिसमें से एक कार में सेफ्टी पैक लगे थे और एक में स्टैंडर्ड सेफ्टी फीचर्स लगे थे।
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आपको बता दें कि ये पहली बार है जब यूरो एनसीएपी ने एक ही कार के दो वेरिएंट को क्रैश टेस्ट के लिए इस्तेमाल किया है। यूरो एनसीएपी ने अपने नियमों में थोड़ा बदलाव किया है। नए नियमों के तहत अब तक टोयोटा प्रीयस और बलेनो को टेस्ट किया जा चुका है।
टॉप-वेरिएंट का टेस्ट अलग-अलग पैरामीटर पर किया गया। अतिरिक्त सेफ्टी पैकेज से लैस मारुति सुजुकी बलेनो ने एडल्ट सेफ्टी पैरामीटर पर 85 फीसदी खरी उतरी। वहीं, जब इसी टेस्ट को चाइल्ड सेफ्टी पैरामीटर पर ये कार 73 फीसदी खरी उतरी। पैदल यात्रियों के पैरामीटर पर कार 65 फीसदी और सेफ्टी असिस्ट सिस्टम के पैरामीटर पर कार 43 फीसदी खरी उतरी। इस टेस्ट में बलेनो के टॉप वेरिएंट को 5 में से 4 स्टार मिले। ये वेरिएंट रडार ब्रेक सपोर्ट से लैस थी।
दूसरी तरफ, स्टैंडर्ड सेफ्टी फीचर से लैस बलेनो ने चाइल्ड और पैदल यात्रियों के पैरामीटर पर बराबर अंक हासिल किए. एडल्ट सेफ्टी पैरामीटर पर ये कार 80 फीसदी खरी उतरी। सेफ्टी असिस्ट सिस्टम के पैरामीटर पर कार 25 फीसदी खरी उतरी, जबकि इस वेरिएंट में सेफ्टी फीचर्स कम थे।
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इस बात से पता चलता है कि मारुति सुजुकी ने इस कार में यूरोपियन सेफ्टी स्टैंडर्ड का पूरा ख्याल रखा है। हालांकि, भारत में ये नियम अभी उतने कड़े नहीं है लेकिन सरकार इन दिनों कारों की सेफ्टी फीचर्स को लेकर खासा गंभीर है। भारत सरकार बहुत जल्द कारों में उपलब्ध सेफ्टी फीचर्स को लेकर कड़े नियम लागू करने का मन बना चुकी है।
देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी ने इस दिशा में पहल करते हुए अपने कई प्रोडक्ट्स में एयरबैग और एबीएस जैसे सेफ्टी फीचर्स को स्टैंडर्ड फीचर में शामिल किया है। इसके अलावा, फोर्ड, महिंद्रा और टोयोटा जैसी कंपनियों ने भी भारत में इस दिशा में कदम उठाया है।
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आपको बता दें कि ये पहली बार है जब यूरो एनसीएपी ने एक ही कार के दो वेरिएंट को क्रैश टेस्ट के लिए इस्तेमाल किया है। यूरो एनसीएपी ने अपने नियमों में थोड़ा बदलाव किया है। नए नियमों के तहत अब तक टोयोटा प्रीयस और बलेनो को टेस्ट किया जा चुका है।
टॉप-वेरिएंट का टेस्ट अलग-अलग पैरामीटर पर किया गया। अतिरिक्त सेफ्टी पैकेज से लैस मारुति सुजुकी बलेनो ने एडल्ट सेफ्टी पैरामीटर पर 85 फीसदी खरी उतरी। वहीं, जब इसी टेस्ट को चाइल्ड सेफ्टी पैरामीटर पर ये कार 73 फीसदी खरी उतरी। पैदल यात्रियों के पैरामीटर पर कार 65 फीसदी और सेफ्टी असिस्ट सिस्टम के पैरामीटर पर कार 43 फीसदी खरी उतरी। इस टेस्ट में बलेनो के टॉप वेरिएंट को 5 में से 4 स्टार मिले। ये वेरिएंट रडार ब्रेक सपोर्ट से लैस थी।
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इस बात से पता चलता है कि मारुति सुजुकी ने इस कार में यूरोपियन सेफ्टी स्टैंडर्ड का पूरा ख्याल रखा है। हालांकि, भारत में ये नियम अभी उतने कड़े नहीं है लेकिन सरकार इन दिनों कारों की सेफ्टी फीचर्स को लेकर खासा गंभीर है। भारत सरकार बहुत जल्द कारों में उपलब्ध सेफ्टी फीचर्स को लेकर कड़े नियम लागू करने का मन बना चुकी है।
देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी ने इस दिशा में पहल करते हुए अपने कई प्रोडक्ट्स में एयरबैग और एबीएस जैसे सेफ्टी फीचर्स को स्टैंडर्ड फीचर में शामिल किया है। इसके अलावा, फोर्ड, महिंद्रा और टोयोटा जैसी कंपनियों ने भी भारत में इस दिशा में कदम उठाया है।
Last Updated on April 21, 2016
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