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कोरोनावायरस: लॉकडाउन के बाद सेकेंड हेंड कार बाजार में आ सकती है तेज़ी

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Used Car Market May See A Boom Post Coronavirus Lockdown
मुमकिन है कि सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए सार्वजनिक परिवहनों में चलने वाले लोग आने वाले समय में सस्ती गाड़ियों की तलाश में रहेंगे.
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द्वारा कारएंडबाइक-टीम

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प्रकाशित अप्रैल 24, 2020

हाइलाइट्स

    भारत कोरोनवायरस के चलते लागू किए गए लॉकडाउन का ख़त्म होने का इंतजार कर रहा है और सोच भी रहा है कि आने वाले समय में हमारी आवाजाही में किस तरह के बदलाव देखने को मिल सकते हैं. सामाजिक दूरी का पालन करने के मतलब है सार्वजनिक परिवहनों का उपयोग करने में सावधान रहना. कई लोग स्वच्छता के मुद्दों के कारण कैब का उपयोग करने में भी विश्वास नहीं रखेंगे और आबादी का एक बड़ा हिस्सा निश्चित रूप से एक नई कार खरीदने की सोच से आगे नहीं बढ़ सकता. इस बात की भी बहुत चर्चा है कि आर्थिक तंगी के इस समय में नए वाहन को खरीदने पर बहुत सारे पैसे खर्च करने के बजाय लोग अपनी नकदी अपने पास रखना पसंद करेंगे.

    कोरोनावायरस के समय में तेजी से बदलती जरूरतों का सबसे संभावित समाधान सेकेंड हेंड कारों का ज़्यादा इस्तेमाल में लाया जाना हो सकता है. यही एक विकल्प है क्योंकि जो एक तीर से दो शिकार करता है, यानि ज़्यादा बड़ा खर्च किए बिना सामाजिक दूरी बनाए रखना. भारतीय सेकेंड हेंड कार बाज़ार में कई खिलाड़ी हैं, कुछ जैसे मारुति सुजुकी और हुंडई मोटर इंडिया, जो सिर्फ अपनी कारों को ही दोबारा बेचते हैं जबकि अन्य जैसे महिंद्रा फर्स्ट चॉइस व्हील्स और टोयोटा यू-ट्रस्ट सभी ब्रांडों की कारों में सौदा करते हैं.

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    अगले 3-4 सालों में देश में सेकेंड हेंड कारों की बिक्री में बड़े उछाल आने के अनुमान हैं. 

    कई कंपनियां अब अपने धंधे के इस पहलू को और उत्सुकता से देख रही हैं. उन्हें लगता है कि लॉकडाउन के बाद के दिनों में व्यापार का एक अच्छा हिस्सा सेकेंड हेंड कारों की बिक्री से आ सकता है. महिंद्रा फर्स्ट चॉइस व्हील्स के एमडी और सीईओ आशुतोष पांडे के मुताबिक आने वाले महीनों में सेकेंड हेंड कार बाज़ार उन सेक्टरों में से एक हैं जो सबसे तेजी से इस संकट से उभर पाएंगे. कारएंडबाइक से बात करते हुए उन्होंने कहा, "हो सकता है कि ग्राहक पैसे बचाने के लिए डाउन-ट्रेडिंग करें और ऑटो सेक्टर के भीतर, पहले से इस्तेमाल की गई कारों में शायद सबसे अच्छा निवेश होगा. कई दोपहिया ग्राहक भी अपग्रेड कर कारों को चुन सकते हैं.”

    उन्होंने आगे कहा, "बीएस 6 और बीएस 4 के बीच दाम का अंतर, अगले कुछ महीनों में बीएस 6 वाहनों की सप्लाय में बाधा और बेहतर लोन ना होना सेकेंड हेंड कारों का इस्तेमाल बढ़ाने में मदद करेंगे." हालाँकि उन्होंने यह भी कहा कि ये पुरानी कारों के डीलरों के लिए चुनौतीपूर्ण समय है क्योंकि यह छोटे व्यापारी लॉकडाउन के कारण प्रभावित हुए हैं. उनके अनुसार पुरानी कारों की सफलता भी नई कारों पर निर्भर है, क्योंकि कई ग्राहक अपने वाहनों के एक्सचेंज के लिए आते हैं.

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    एफसीए के एमडी पार्था दत्ता के मुताबिक बाइक और सेकेंड हेंड कार बाजार में लॉकडाउन के बाद तेज़ी आ सकती है. 

    कारंडबाइक के वेब शो फ्रीव्हीलिंग पर एफसीए इंडिया के अध्यक्ष और एमडी, पार्था दत्ता ने कहा, "निकट भविष्य में ऐसे कई लोग होंगे जो सार्वजनिक परिवहन को छोड़कर निजी गाड़ियों को अपनाना चाहेंगे. मुझे लगता है कि 2-व्हीलर और सर्टिफाइड यूज़्ड कार मार्केट में उछाल आएगा. मुझे उम्मीद है कि जीप पोर्टफोलियो में 'सेलेक्टिड फॉर यू' कार प्रोग्राम की पहले से ज्यादा चर्चा होगी."
    अब यह देखा जाना चाहिए कि जिस देश में कुल आबादी के हिसाब से कारों की संख्या काफी कम है, उसमें कोरोनावायरस की वजह से किस तरह के बदलाव आते हैं. पिछले एक महीने में इस महामहरी का सबसे बड़ा असर उड़ान और होटल उद्योंगों के बाद ऑटो सेक्टर पर पड़ा है . इस मुश्किल समय में सेकेंड हेंड कारों की बढ़ी हुई बिक्री एक अच्छा संकेत ले कर आ सकती है.

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