नीदरलैंड्स में छात्रों ने कचरे से बनाई इलेक्ट्रिक कार, रफ़्तार 90 किलोमीटर प्रति घंटा
हाइलाइट्स
यूरोपिय देश नीदरलैंड्स के कुछ छात्रों ने पूरी तरह से बिजली पर चलने वाली एक कार बनाई है. कार का नाम लूका रखा गया है और इसकी खासियत यह है कि इस गाड़ी को बनाने में केवल घर से निकलने वाले कचरे और समुद्र से निकली प्लास्टिक को बोतलों का इस्तेमाल किया गया है. गाड़ी को छात्रों ने काफी स्पोर्टी लुक दिया है. इस कार के लुक को आकर्षक पीले रंग में और केवल दो व्यक्तियों के बैठने के हिसाब से डिज़ाइन किया गया है. कार की अधिकतम रफ़्तार 90 किलोमीटर प्रति घंटा है और एक बार पूरी तरह से चार्ज होने पर यह कुल 220 किलोमीटर का सफर तय कर सकती है.
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टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ आइंडहोवेन में इस पूरी योजना की मैनेजर लीसा वान एत्तेन ने बताया कि, "यह गाड़ी काफी खास है क्योंकि यह पूरी तरह से सिर्फ और सिर्फ वेस्ट मटेरियल से बनाई गयी है, इस गाड़ी की चेसिस को बनाने के लिए प्लास्टिक की बोतलों और गत्तों का इस्तेमाल किया गया है."
इलेक्ट्रिक कार के इंटीरियर के लिए घरेलू कचरे में मिलने वाले सामान का उपयोग किया गया है. वान एत्तेन ने रायटर्स से कहा," सामान्य रूप से टेलीविज़न, खिलौने और रसोई के उपकरणों में पाए जाने वाले हार्ड प्लास्टिक का उपयोग कार की बॉडी के लिए किया गया है, जबकि सीट के कुशन्स को बनाने के लिए नारियल और घोड़े के बालों का प्रयोग किया गया है. इस गाड़ी के निर्माण एवं डिजाइनिंग में 22 छात्रों के एक समूह की 18 महीनों तक की गई कड़ी मेहनत का योगदान है." काफी कंपनियां कारों का इंटियर बनाने में कचरे का इस्तेमाल करती हैं, हमें उम्मीद है कि मौजूदा कार कंपनियां इस योजना से प्रेरित होकर कचरे से चैसिस बनाने की कोशिश शुरू करेंगी.