कार के अंदर हवा के प्रवाह से कोरोनावायरस को रोकने में मिल सकती है मदद
हाइलाइट्स
कार के केबिन के अंदर एयरफ़्लो पैटर्न पर साइंस एडवांसेस द्वारा किए गए एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि बेहतर हवा का प्रवाह होने से कोरोनोवायरस जैसे हवाई रोगों को रोकने में मदद मिल सकती है. रिसर्चर्स ने एयरफ्लो पैटर्न को निर्धारित करने के लिए कंप्यूटर सिमुलेशन का इस्तेमाल किया और केबिन के अंदर एयर चेंज रेट (ACH) को मापने के लिए सभी खिड़कियां खुली रहने से सभी खिड़कियों के बंद रहने तक छह अलग-अलग विकल्प तैयार किए गिए. सस्था ने हर रोज़ आने वाले और गैर-सहज तरीके से हवा की गति का पता लगाया, जिसमें खुली खिड़कियां या तो हवाई प्रसारण को बढ़ा सकती हैं या दबा सकती हैं.
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सभी खिड़कियां नीचे रखना बीमारियों से बचने का सबसे बेहतर विकल्प है.
अध्ययन अमेरिका में किया गया था, जहां लेफ्ट-हैंड ड्राइव कारें हैं, और ड्राइवर सामने बाईं ओर बैठता है, और सेटअप उसी के अनुसार डिज़ाइन किया गया था. हमें यह भी बताना होगा कि कार में सफर करने का आदर्श तरीका अकेले यात्रा करना होगा, हालांकि, यह बहुत व्यावहारिक नहीं है जब आर्थिक पहलुओं को ध्यान में रखा जाए. इसलिए, दूसरे यात्री के लिए सबसे सुरक्षित विकल्प होगा कि वे चालक के विपरीत, पीछे की ओर बैठे. इस प्रयोग में इसी का पालन किया गया, जिससे के बैठने वालों के बीच की दूरी को अधिकतम (1.5 मीटर) किया जा सके.
कार में औसत एयरफ्लो, आगे से पीछे की ओर जाता है.
सिमुलेशन से पता चलता है कि एक चलती कार में रेडिएटर ग्रिल के ऊपर और विंडशील्ड के सामने एक उच्च दबाव का ठहराव क्षेत्र बनता है, जिससे सामने की खिड़कियों के माध्यम से हवा का प्रवाह कम होता है. हवा का दबाव साइड में कम होता है और इससे पीछे की खिड़कियों के माध्यम से हवा का प्रवाह सबसे बहेतर होता है. इसका मतलब है कि कार में औसत एयरफ्लो, आगे से पीछे की ओर जाता है और बढ़िया वायु परिवर्तन दर (ACH) के लिए एक उचित क्रॉस-वेंटिलेशन प्रवाह आवश्यक है. यानि सभी खिड़कियां नीचे होने से बीमारियों के हवाई प्रसारण के जोखिम को कम करने की बेहतर स्थिति बन सकती है.
सूत्र: साइंस एडवांसेस
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