ऑडी Q2 का रिव्यू: चलाने में मज़ेदार छोटी एसयूवी
हाइलाइट्स
दुनिया में पहली बार दिखाए जाने के पूरे 4 साल बाद आखिरकार ऑडी क्यू 2 को भारत में लॉन्च करने के लिए तैयार है. इसको आने में काफी समय लग गया और लॉकडाउन की वजह से कुछ देरी और हो गई. लेकिन त्योहारी सीज़न से बेहतर समय क्या है एक ऐसी कार लॉन्च करने का जो बाज़ार में ब्रांड के लिए चमत्कार करने का वादा करती है. यह भारत में इस साल ऑडी का 5वां लॉन्च है और निश्चित रूप से सबसे महत्वपूर्ण भी. Q2 ऑडी की सबसे छोटी और सबसे सस्ती एसयूवी है और यह हमारे बाज़ार में सफलता पाने का एक आदर्श नुस्खा कहा जा सकता है.
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डिज़ाइन
Q2 ज़्यादा ऊंची नहीं है और एक SUV से ज़्यादा क्रॉसओवर जैसी दिखती है.
Q2 को हाल ही में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक फेसलिफ्ट दिया गया है लेकिन भारत को जो कार मिल रही है वह फेसलिफ्ट से पहले का मॉडल है. इसके बावजूद हमें यहां यह बताते हुए खुशी हो रही है कि यह उस युग की नही लगती जब ऑडी की सभी कारें एक जैसी दिखती थीं. यह लगभग 4.2 मीटर लंबी और 1.5 मीटर ऊंची है, जिसका अर्थ है कि यह हमारे बाज़ार में बेचे जाने वाली अधिकांश कॉम्पैक्ट एसयूवी की तुलना में भी छोटी है. हालांकि, 1.8 मीटर की चौड़ाई Q2 पर काफी जचती है.
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पीछे से देखने पर Q2 सबसे ज़्यादा जचती है.
जब डिज़ाइन की बात आती है तो Q2 ताज़ा हवा के झोंके जैसी लगती है. यह ब्रांड पहले आई एसयूवी से काफी अलग है और यह अच्छी बात है. जो आपको पसंद आएगा वो हैं टी-आकार की हेडलाइट्स और टेललाइट्स, साइड में उठे व्हील ऑर्च और दरवाज़ों पर लगे शीशे, जो काले रंग के हैं. ख़ासतौर पर दरवाज़ों का लुक शानदार है और यह एक मूर्तिकार के काम की तरह दिखता है.
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कार के कई हिस्सों में तेज़ धार का उम्दा डिजाइन है.
हालांकि, 17 इंच के वी-स्पोक अलॉय का डिज़ाइन बेहतर हो सकता था और बड़ा काला सी पिलर कार के बाकी लुक से मेल नही खाता. सामने की तुलना में, पीछे कई तेज़ किनारे, स्किड प्लेट और दो एग्ज़ॉस्ट ज़्यादा आकर्षक लुक देते हैं. काले सटाएलिंग पैकेज के साथ कार का एस-लाइन एक्सटीरियर Q2 के लुक को और निखारता है.
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कैबिन
सबसे सस्ती पेशकश होने के बावजूद Q2 का कैबिन काफी प्रिमियम लगता है.
कैबिन का डिज़ाइन बाहरी लुक से कुछ हद तक मेल खाता है. एक काला कैबिन आपका यहां इंतजार करता है और इसके बावजूद जगह की तंगी महसूस नहीं होती. कार के कुछ फीचर ऐसे हैं जो हम कंपनी के कई मॉडलों पर देख चुके हैं. दिन/रात मोड के साथ वर्चुअल कॉकपिट है जिसे आप अपनी पसंद के अनुसार सेट कर सकते हैं. साथ ही ऑडी मल्टीमीडिया इंटरफ़ेस है जो नेविगेशन प्लस के साथ आता है. इसमें Android Auto और Apple कार प्ले कनेक्टिविटी भी मिलती है. जो मुझे पसंद आया वह कैबिन की प्रिमियम फिनिश है. एक एंट्री लेवल मॉडल के लिए यह काबिलेतारीफ है; बटन हों या डायल, चमड़े से लिपटी फ्लैट-बॉटम स्टीयरिंग व्हील और आगे की स्पोर्ट सीटें, यह सब लाजवाब हैं!
हांलाकि टचस्क्रीन और एसी वेंट गायब हैं, कार को एक वर्चुअल कॉकपिट मिलता है.
लेकिन जो चीज़ आपको निराश करती है, वह यह है कि ड्राइवर सीट को भी इलेक्ट्रिक रूप से सेट नहीं किया जा सकता है और यहां कोई भी टचस्क्रीन नहीं है. MMi इंटरफ़ेस थोड़ा पुराना दिखता है और कैबिन युवा अपील से मेल नहीं खाता. याद रखें यह एक ऐसी कार है जो यूरोप में कुछ साल पुरानी है. शुक्र है कि कार में वायरलेस चार्जर, 10 स्पीकर का 180 वाट का साउंड सिस्टम और एक सनरूफ है. लेकिन मेरे पसंदीदा हैं क्वात्रो बैजिंग के साथ डैश पर डिज़ाइन और रोटरी एसी वेंट जो क्लिक होकर बंद होते हैं. यह टीटी जैसी प्रतिष्ठित ऑडी कारों की याद दिलाते हैं.
कार की कुल 4.2 मीटर लंबाई के हिसाब है, दूसरी रो में काफी जगह है.
सिर्फ 4.2 मीटर लंबी कार के लिए, दूसरी रो में काफी जगह है. मेरे जैसे 6 फुट कद वालों को घुटने और सर के लिए काफी जगह मिली. हालांकि मुझे अभी भी शिकायत है की सीट थोड़ी और चौड़ी हो सकती थी. फिछली सीट थोड़ी सीधी भी है और लंबे सफर में शायद यह ज़्यादा आराम न दे पाए. कई वाहन निर्माता विशेष रूप से लक्ज़री सेगमेंट में टाइप सी चार्जिंग स्लॉट दे रहे हैं. Q2 को दूसरी रो में ऐसे 2 स्लॉट्स के अलावा 12 वोल्ट का सॉकेट भी मिलता है, जबकि यहां ऐसी वेंट नहीं हैं. अच्छी बात यह है कि बीच के यात्री को लिए एक एडजस्टेबल हेडरेस्ट और 3-पॉइंट सीट बेल्ट दी गई है, हालाँकि बड़ा ट्रांसमिशन टनल थोड़ा परेशान कर सकता है.
Q2 में स्पेस सेवर स्पेयर टायर के साथ 405 लीटर का बूट स्पेस मिलता है.
चलाने में कैसी है कार?
Q2 एक बड़े, शक्तिशाली इंजन पर बैठी एक हल्की कार है.
Q2 की ड्राइविंग शुरू करते ही पहली चीज़ जो आपका ध्यान खींचेंगी, वो यह है कि कार का ए-पिलर काफी पतला है और यह निश्चित रूप से सड़क का साफ नज़ारा देने में मदद करता है. सीट काफी ऊंची है जो आपके पक्ष में काम करेगा यदि आप बहुत लंबे नहीं हैं. कार सिर्फ एक इंजन विकल्प के साथ भारत आई है. यह 2.0 लीटर 4-सिलेंडर टर्बो पेट्रोल इंजन ऑडी, स्कोडा और वोक्सवैगन की कई कारों पर लगा है. आकार और वज़न के हिसाब से यह इंजन Q2 के लिए फायदे का सौदा है और काफी मज़ेदार ड्राइव की पेशकश करता है. इसी वजह से ऑडी सिर्फ 6.5 सेकंड का 0-100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार छूने का दावा करती है.
Q2 केवल एक टर्बो पेट्रोल इंजन विकल्प के साथ भारत आई है.
इंजन 190 बीएचपी के साथ 320 एनएम टॉर्क बनाता है जो 1,500 आरपीएम पर मिल जाता है. यदि आप इस इंजन को जानते हैं तो इसके कंम शोर और रिफाइंमेंट की पैरवी करेंगे. पैडल शिफ्टर्स के साथ एक 7-सपीड डीएसजी गियरबॉक्स आपके ड्राइव के अनुभव को और बढ़िया बनाता है और यह देखते हुए कि कार पर कोई मैनुअल ट्रांसमिशन नहीं है, आपको निश्चित रूप से इसकी आवश्यकता रहती है. कार में ऑल-व्हील ड्राइव क्वाट्रो सिस्टम भी है, जो सभी पहियों को ताकत देता है. इसकी वजह से क्यू 2 खराब रास्तों पर आसानी से चल जाती है.
राइड और हैंडलिंग
इंडिविजुअल मोड सहित कार में चुनने के लिए 5 ड्राइविंग मोड हैं.
क्यू 2 थोड़ा सा डगमगाती है लेकिन केवल तब जब आप तेज़ी से मुड़ रहे हों. स्टीयरिंग भी निश्चित रूप से और बेहतर प्रतिक्रिया दे सकती है. हालांकि सीधी सड़कों पर, यह आपके आत्मविश्वास को हिला नहीं पाता है और तेज़ गति पर भी कार स्थिर रहती है. छोटे आयाम और कार की चौड़ाई इसमें मदद करते हैं. सस्पेंशन खराब सड़कों का अच्छी तरह से सामना करता है, यह अच्छा है क्योंकि कम गति पर यह थोड़ा सख़्त महसूस होता है लेकिन तेज़ गति पर यह काफी आराम देता है. और यहीं ऑडी ड्राइव मोड काम आते हैं. चुनने के लिए कम्फर्ट, एफिशिएंसी, डायनामिक, ऑटो और इंडिविजुअल मोड हैं और जब आप उनके बीच स्विच करते हैं तो कार का चरित्र काफी बदल जाता है.
फैसला
Q2 का 2020 में पेश हुआ अंतरराष्ट्रीय फेसलिफ्ट से पहले वाला मॉडल भारत आया है.
Q2 ऐसे बहुत से गुणों के साथ आती है जो भारत जैसे बाजार में कई प्रकार के खरीदारों को पसंद आ सकते है. इसका सबसे बड़ा फायदा है कि मज़ेदार ड्राइव देती है और इसमें कोई संदेह नहीं है कि अगर आप कार चलाना पसंद करते हैं तो इससे आप निराश नही होंगे. पोर्टफोलियो में सबसे छोटी और सस्ती होने के साथ यह सबसे युवा भी दिखती है, और हां भले ही यह लगभग आधा दशक पहले बनाई गई हो इसका केबिन आश्चर्यजनक रूप से प्रीमियम और बड़ा दिखता है, हालंकि फीचर्स की कुछ कमी ज़रूर है.
Q2 की कीमत रु 30 लाख (एक्स-शोरूम) से ज़्यादा होने की उम्मीद है.
यह एक CBU (पूरी तरह से निर्मित इकाई) के रूप में भारत आई है, जिसका अर्थ है कि आकर्षक कीमत के आपके सभी सपने पहले से ही चूर हो गए हैं. हमें लगता है कि इसकी कीमत रु 30 लाख (एक्स-शोरूम) से ऊपर होगी जो VW T-roc और Skoda Karoq जैसी फोलक्सवैगन परिवार की अन्य SUV की तुलना में काफी अधिक है जो इसी प्लेटफॉर्म पर बनी हैं. जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर Q2 का सामना बीएमडब्ल्यू एक्स 1 और यहां तक कि मर्सिडीज-बेंज जीएलए, से होता है, हकीकत में कीमत के हिसाब से भारत में अभी तक इसका कोई वास्तविक प्रतिद्वंद्वी नहीं है. यह देखना दिलचस्प होगा कि ऑडी अपनी चाल कैसे चलती है, हमारे हिसाब से, यह कंपनी के लिए तुरुप का इक्का है!
Last Updated on October 15, 2020