लॉगिन

FAME II स्कीम की वैधता 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ी, जानें किन्हें मिलेगा फायदा

फेम 2 स्कीम के अंतर्गत सभी रजिस्टर्ड वाहन निर्माता अब इस स्कीम का फायदा 31 दिसंबर 2020 तक उठा सकेंगे. जानें किन वाहनों पर मिलेगा इस स्कीम का फायदा?
Calendar-icon

द्वारा कारएंडबाइक-टीम

clock-icon

3 मिनट पढ़े

Calendar-icon

प्रकाशित सितंबर 25, 2020

हमें फॉलो करें

google-news-icon
Story

हाइलाइट्स

    भारी उद्योग मंत्रालय और इसके सार्वजनिक उपक्रम विभाग ने फास्टर अडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलैक्ट्रिक व्हीकल्स 2 यानी फेम 2 स्कीम की अवधि को और तीन महीने आगे बढ़ा दिया है. फेम 2 स्कीम के अंतर्गत सभी रजिस्टर्ड वाहन निर्माता अब इस स्कीम का फायदा 31 दिसंबर 2020 तक उठा सकेंगे. फेम 2 स्कीम की अवधि में ये विस्तार सभी स्वीक्रत इलैक्ट्रिक टू-व्हीलर्स, थ्री-व्हीलर्स और फोर-व्हीलर्स शामिल हैं, पहले सरकार ने इस स्कीम की अवधि को 30 सितंबर तक आगे बढ़ाया थाए अब फेम-2 की अवधि 1 अक्टूबर से 31 दिसंबर 2020 तक तीन महीने के लिए बढ़ा दी गई है. फिलहाल बड़े इलैक्ट्रिक वाहनों जैसे इलैक्ट्रिक बसों पर कोई सफाई नहीं मिल पाई है.

    vdaibhfgफेम-2 की अवधि 1 अक्टूबर से 31 दिसंबर 2020 तक तीन महीने के लिए बढ़ा दी गई है

    फास्टर अडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलैक्ट्रिक व्हीकल 2 (फेम 2) स्कीम के तहत भारत में इलैक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए पिछले साल फरवरी में भारत सरकार ने 10,000 करोड़ रुपए का आबंटन किया गया है. 2015 में लागू की गई 895 करोड़ रुपए लागत वाली फेम 1 स्कीम की सफलता को देखते हुए फेम 2 स्कीम को लागू किया जाने वाला है. सरकार द्वारा आबंटित 10,000 करोड़ रुपए की राषि को इलैक्ट्रिव वाहनों और ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च किया जाएगा जिससे 2030 तक 100% वाहनों को इलैक्ट्रिक बनाने का काम किया जा सके.

    36o4coooअवधि में ये विस्तार सभी स्वीक्रत इलैक्ट्रिक टू-व्हीलर्स, थ्री-व्हीलर्स और फोर-व्हीलर्स के लिए है

    फेम 2 के अंतर्गत इलैक्ट्रिक वाहनों की खरीद को सस्ता बनाना और इन वाहनों की चार्जिंग की पर्याप्त व्यवस्था पर काम किया जाएगा. इसके साथ ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए भी कई सारे थ्री-व्हीलर्स और हल्के इलैक्ट्रिक वाहनों का उपयोग शुरू किया जाएगा. वाहनों को सस्ता बनाने के लिए कमर्शियल वाहनों को तवज्जो दी गई है जिनमें थ्री-व्हीलर और फोर-व्हीलर शामिल हैं. सरकार का लक्ष्य है कि तय समय के अंदर देश में 10 लाख इलैक्ट्रिक टू-व्हलर, 5 लाख इलैक्ट्रिक थ्री-व्हीलर, 55,000 इलैक्ट्रिक फोर-व्हीलर और 7,000 इलैक्ट्रिक बसें खरीदी जाएं. ये इंसेंटिव सिर्फ उन्हें दिया जाएगा जो लीथियम-इऑन बैटरी से लैस वाहन खरीदेंगे या आधुनिक तकनीक वाले वाहन जिसमें फ्यल सेल शामिल है.

    ये भी पढ़ें : सबसे सस्ती टेस्ला कार की कीमत होगी 25,000 डॉलर, टैबलेस बैटरी का होगा उपयोग

    ks03aqdफरवरी 2019 में भारत सरकार ने रु 10,000 करोड़ का आबंटन किया गया है

    स्कीम के तहत महानगरों और बाकी स्मार्ट सिटी के साथ टियर टू सिटी और पहाड़ी इलाकों में 2,700 चार्जिंग स्टेशन्स लगाए जाएंगे. इन शहरों में हर 3 किमी पर एक चार्जिंग स्टेशन और हाईपर पर हर 25 किमी पर चार्जिंग स्टेशन लगाए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. भारत में इलैक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कंपनियों ने इस स्कीम की काफी पैरवी की थी और इसे भारत में जल्द लागू किए जाने की मांग भी की थी. ऑडी ने भारत में ई-ट्रॉन लॉन्च करने की फैसला लिया है, इससे समझा जा सकता है कि भारत में वाहनों को इलैक्ट्रिक करने और उसके लिए पर्याप्त प्रारूप की कितनी ज़रूरत है.

    Stay updated with automotive news and reviews right at your fingertips through carandbike.com's WhatsApp Channel.

    पुरानी कारों पर शानदार डील

    सभी यूज़्ड कार देखें

    अपकमिंग कार्स

    अपकमिंग बाइक्स

    और ज्यादा खोजें