स्क्रैपिंग नीति में देरी पर एनजीटी की केंद्र सरकार को फटकार, जल्द ही जारी करने होंगे निर्देश
हाइलाइट्स
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने वाहनों की स्क्रैपिंग पर दिशानिर्देश जारी करने में देरी के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को फटकार लगाई है. एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि देश में अत्यंत पुरानी कारों की बड़ी संख्या को देखते हुए पर्यावरणीय मानदंडों के अनुरूप अधिकृत रीसाइकलिंग केंद्रों की स्थापना जरूरी है. हांलाकि ट्रिब्यूनल ने यह भी उल्लेख किया कि वाहनों की स्क्रैपिंग केंद्रों की स्थापना, प्राधिकरण और संचालन के लिए मसौदा दिशानिर्देश सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए MoRTH वेबसाइट पर डाले गए हैं.
सड़क मंत्रालय की वेबसाइट पर स्क्रैपिंग नीति से जुड़े मसौदा दिशानिर्देश डाले गए हैं.
हालांकि, कैबिनेट की मंजूरी के बाद मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत एक औपचारिक अधिसूचना अभी जारी की जानी है. ग्रीन पैनल ने कहा कि मंत्रालय की प्रतिक्रिया बहुत असंतोषजनक है और इसमें संवेदनशीलता की कमी है. पीठ ने कहा, "आवश्यक अधिसूचना जारी करने में लंबा समय लगने के लिए कोई ठोस स्पष्टीकरण नहीं है. महामारी को देखते हुए हम आवश्यक अधिसूचना जारी करने के लिए दो महीने का अतिरिक्त समय देते हैं."
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सरकार को आगामी 6 जनवरी से पहले इस मामले में अधिसूचना जारी करने के लिए कहा गया है
ट्रिब्यूनल ने चेतावनी दी कि यदि आगामी 6 जनवरी से पहले कोई अधिसूचना जारी नहीं की जाती है, तो संबंधित सचिव को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर स्पष्ट करना होगा कि अनावश्यक देरी के लिए कार्रवाई क्यों नहीं की गई. पैनल ने कहा कि 2025 तक देश में दो करोड़ से ज़्यादा अत्यंत पुराने वाहन होंगे और इसलिए सरकार को रीसाइक्लिंग केंद्रों की स्थापना के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने का निर्देश भी दिया. साथ ही यह भी कहा कि वाहनों की स्क्रैपिंग वैज्ञानिक तरीके से व्यवस्थित करने की जरूरत है क्योंकि मौजूदा क्षमता शायद ही पर्याप्त हो.