लॉगिन

राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे के लिए बनेगा वार्षिक और आजीवन टोल पास

सरकार ने निजी वाहनों के मालिकों को वार्षिक और यहां तक ​​कि आजीवन पास की पेशकश करने का प्रस्ताव दिया है, जिससे आम आदमी की जेब पर पड़ने वाले भारी टोल के बोझ से उसे कुछ राहत मिलेगी.
Calendar-icon

द्वारा ऋषभ परमार

clock-icon

1 मिनट पढ़े

Calendar-icon

प्रकाशित फ़रवरी 7, 2025

हमें फॉलो करें

google-news-icon
Story

हाइलाइट्स

  • सरकार जल्द ही नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे से ज़्यादा गुज़रने वाले लोगों को दे सकती है खुश खबरी
  • निजी वाहनों के मालिकों को वार्षिक और आजीवन टोल पास का मिल सकता है विकल्प
  • वर्ष के लिए ₹3,000 और आजीवन पास के लिए देने ₹30,000 होगी राशि

भारत में बदले परिवहन के तरीकों में पहले की तुलना में दिन-ब-दिन सुधार हुआ है, खासकर नेशनल हाईवे से गुज़रते वक्त, पहले टोल प्लाज़ा पर भुगतान की जाने वाली राशि का तरीका कैश देकर हुआ करता था, जिसके कारण घंटों का जाम और टोल कर्मचारियों से पबल्कि की नोंक-झोंक के कारण असुविधा आम बात थी, हालांकि, 2014 में फास्टैग इस्तेमाल में लाया गया और 2017 से इसे सभी कमर्शियल और निजी वाहनों के लिए अनिवार्य कर दिया गया. जिसके कारण फास्टैग होने पर ऑटोमेटिक आपके बैंक खाते से टोल कटता है और लोगों को टोल प्लाज़ा पर लगने वाले घंटों के जाम से निजात मिला. लेकिन अब फास्टैग जल्द ही अतीत का हिस्सा बन सकता है क्योंकि सरकार ने निजी वाहनों के मालिकों को वार्षिक और यहां तक ​​कि आजीवन टोल पास की पेशकश करने का प्रस्ताव दे सकती है.

3cmc145 fastag 650x400 31 December 20 2022 08 24 T09 31 22 097 Z

देश के राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर बार-बार यात्रा करने वालों को लाभ पहुंचाने की क्षमता के साथ, यह प्रस्ताव न केवल टोल को और अधिक किफायती बना सकता है, बल्कि कलेक्शन राजस्व आंकड़ों में वृद्धि करते हुए टोल गेटों से गुजरने की सुविधा भी बढ़ा सकता है.

 

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे के असीमित उपयोग के लिए ₹3,000 के एकमुश्त भुगतान के साथ वार्षिक टोल पास का प्रस्ताव दिया है. इसके अलावा, प्रस्ताव में ₹30,000 के एकमुश्त भुगतान के साथ 15 वर्षों के लिए आजीवन टोल पास की शुरूआत भी शामिल है. इस कदम के साथ, भारत सरकार का लक्ष्य टोल कलकेक्शन को सरल बनाना और देश भर के टोल बूथों पर भीड़ को कम करना है. नए वार्षिक और आजीवन टोल पास, जिनकी कीमत क्रमशः ₹3,000 और ₹30,000 है, को असीमित राष्ट्रीय राजमार्ग और एक्सप्रेसवे पहुंच के लिए मौजूदा FASTag प्रणाली के साथ जोड़े जाने की संभावना है.

e84d3a9 toll plaza 650 650x400 08 November 20

पिछले महीने, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, नितिन गडकरी ने कहा था कि सरकार राष्ट्रीय राजमार्गों पर निजी वाहनों के लिए टोल संग्रह के बदले में मासिक और वार्षिक पास शुरू करने पर विचार कर रही है क्योंकि वे कुल वसूली का केवल 26 प्रतिशत हिस्सा लेते हैं. उन्होंने कहा था, "74 फीसदी टोल राजस्व कमर्शियल वाहनों से आता है. हम निजी वाहनों के लिए मासिक या वार्षिक पास शुरू करने पर विचार कर रहे हैं."

 

वार्षिक और आजीवन टोल पास: यह कैसे काम करेगा?
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) का लक्ष्य निजी कारों के लिए वार्षिक टोल पास देना है, जिसकी कीमत उपयोगकर्ताओं को प्रति वर्ष ₹3,000 होगी. पास को वाहन के मौजूदा FASTag खाते में जोड़ा जाएगा, जिससे उपयोगकर्ता को राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे तक असीमित पहुंच की अनुमति मिलेगी. इस पास को खरीदने पर, उपयोगकर्ता को अगले एक वर्ष तक अपने FASTag खाते को बार-बार रिचार्ज करने की आवश्यकता नहीं होगी. एक बार पास की वैधता समाप्त हो जाने पर, वह दूसरा पास खरीद सकता है या आवश्यकता के अनुसार रिचार्ज कर सकता है.

आजीवन टोल पास भी इसी तरह से काम करता है. इस मामले में एकमात्र अंतर यह है कि इस पास की वैधता 15 साल है और इसकी कीमत रु.30,000 है. वार्षिक पास की तरह, इसे भी उपयोगकर्ता के FASTag खाते में जोड़ा जाएगा.

Driving Generic Source Pexels

वर्तमान में, निजी कार उपयोगकर्ता कुल 12 महीनों के लिए प्रत्येक ₹340 में मासिक रिचार्जेबल पास खरीद सकते हैं, जिसकी वार्षिक लागत ₹4,080 है. हालाँकि, यह पास केवल एक टोल प्लाजा पर लागू होता है. यह ध्यान में रखते हुए कि पूरे राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क पर असीमित यात्रा के लिए ₹3,000 की लागत वाला वार्षिक टोल पास मासिक पास की तुलना में बहुत सस्ता विकल्प होगा. साथ ही, नया वार्षिक पास कार मालिकों को केवल एक टोल प्लाजा के असीमित उपयोग तक सीमित नहीं करेगा.

 

यह भी पढ़ें: ऑटो बिक्री जनवरी 2025: भारत की कुल वाहन बिक्री 7% बढ़ने के साथ 22,91,621 रही

 

वार्षिक और आजीवन टोल पास: इस कदम के पीछे तर्क
MoRTH द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले वित्तीय वर्ष (FY2023-24) में, निजी कारों ने लगभग ₹8,000 करोड़ का राजस्व अर्जित किया, जबकि देश के टोल प्लाजा नेटवर्क पर कुल ₹55,000 करोड़ टोल रसीदें उत्पन्न हुईं. जबकि निजी कारों में कुल टोल लेनदेन का 53 प्रतिशत हिस्सा था, वे सभी टोल प्राप्तियों का केवल 21 प्रतिशत थे. सुबह 6 बजे से रात 10 बजे के बीच टोल लेन पर लगभग 60 प्रतिशत ट्रैफिक निजी कारों का होता है.

 

वार्षिक या आजीवन टोल पास के साथ, सरकार को टोल प्लाजा संचालन में तेजी आने के साथ-साथ भीड़ कम होने की उम्मीद है, साथ ही, इस कदम से सरकार के राजस्व प्रवाह पर असर पड़ने की संभावना नहीं है, क्योंकि टोल संग्रह का सबसे बड़ा हिस्सा कमर्शियल वाहनों से आता है.
 

Stay updated with automotive news and reviews right at your fingertips through carandbike.com's WhatsApp Channel.

पुरानी कारों पर शानदार डील

सभी यूज़्ड कार देखें

अपकमिंग कार्स

अपकमिंग बाइक्स

और ज्यादा खोजें