स्कोडा कुशक 1.0 TSI ऑटोमैटिक रिव्यूः मुकाबले और देसी ग्राहकों के लिए बनी
हाइलाइट्स
स्कोडा को भारतीय बाज़ार में आर या पार करने वाला मॉडल पेश हो चुका है, और इसे खासतौर पर भारत के लिए डिज़ाइन किया गया है. जी हां, ये फोक्सवैगन ग्रूप के एमक्यूबी ए0 प्लैटफॉर्म पर आधारित है दुनियाभर में ऑडी ए1 और फोक्सवैगन टी-रॉक में दिया गया है. लेकिन नया मॉडल कुछ कम ग्रेड वाला है और कुशक पहली स्कोडा कार है जिसमें ये प्लैटफॉर्म दिया गया है. मुकाबले के हिसाब से कार को अच्छी तरह तैयार किया गया है जो एक शातिर फैसला है. इसका निर्माण बहुत अच्छे से हुआ है, दमदार डिज़ाइन लैंग्वेज इसे मिली है और दिखने में भी यह काफी प्रिमियम है. इसके साथ बहुत से अच्छे फीचर्स भी दिए गए हैं. हमने पहले जिसका रिव्यू आपको दिखाया था वह स्कोडा कुशक 1.5-लीटर TSI मॉडल था जो डीएसजी और ट्विन-क्लच ऑटोमैटिक गियरबॉक्स के साथ आता है. आज हम उस मॉडल पर जानकारी देंगे जिसके अधिक संख्या में बिकने का अनुमान लगाया जा रहा है.
तो यहां मुझे इसका लुक कुछ अलग नहीं लग रहा, क्योंकि Skoda Auto India ने दोनों इंजन विकल्पों के साथ एक जैसा स्टाइल दिया है. मैं जो कार चला रहा हूं वह कार्बन स्टील पेन्ट फिनिश में आई है जो काफी अच्छी और महंगी नज़र आती है. दिखने में कुशक शानदार और मज़बूत है, ठेठ स्कोडा कार होने के बावजूद कंपनी ने इसे रगेड लुक दिया है. मैंने कार का टॉप मॉडल स्टाइल वेरिएंट चलाकर देखा है, जिसका मतलब इस मॉडल के साथ वो सारे फीचर्स और तकनीक मिलेगी जो स्कोडा कुशक के साथ दिए हैं. चूंकि यह ऑटोमैटिक वेरिएंट है, तो यहां कुछ फीचर्स नहीं मिले हैं. इसकी जानकारी मैं आपको बाद में दूंगा.
इंजन
पहले बात करते हैं 1 लीटर इंजन की यह देखा-दिखाया सा लगता है और यही 3-सिलेंडर मोटर आपको रैपिड, वेंटो और पोलो में भी मिलेगी. हालांकि कुशक में ये इंजन कुछ अधिक दमदार है और 5 बीएचपी ताकत ज़्यादा बनाता है. बता दें कि इंजन की क्षमता 113 बीएचपी और 175 एनएम पीक टॉर्क है. यहां गियरबॉक्स विकल्प इन्हीं कारों वाले मिले हैं जिनमें 6-स्पीड ऑटोमैटिक और मैन्युअल शामिल हैं. इंजन का घरेलू निर्माण कार की किफायत को ध्यान में रखते हुए किया गया है ताकि इसकी कीमत मुकाबले के हिसाब से आकर्षक रखी जा सके. सिर्फ एक बार कार को चलाते समय मुझे इस इंजन में ताकत की थोड़ी कमी नज़र आई, लेकिन मैं कहना चाहूंगा कि बाकी समय यह बहुत अच्छे तरीके से अपना काम करता रहा, इसका श्रेय कंपनी की इंजीनियरिंग टीम को जाता है.
प्रदर्शन
कुशक चलाने में काफी मज़ेदार है और आधुनिक एहसास देती है. जिन्हें यह उलझन है कि क्या कॉम्पैक्ट एसयूवी सेगमेंट में कार का 1.0-लीटर इंजन मुकाबले के लिए सही है.. तो मैं साफ शब्दों में कहता हूं, जी हां. लेकिन 1000-2000 आरपीएम के बीच आपको कुछ कमी का अनुभव होगा और यहां इंजन में टर्बो की बड़ी कमी दिखेगी. लेकिन यहां ऑटोमैटिक गियरबॉक्स इस कमी को दूर करने की पूरी कोशिश करता है. दूसरे और तीसरे गियर के बीच भी आपको इंजन कुछ कम दमदार दिखेगा. यहां आपको गियर उतारने की ज़रूरत भी पड़ सकती है, या फिर आप कार की रफ्तार बढ़ने का इंतज़ार कर सकते हैं. लेकिन कुल मिलाकर कार का प्रदर्शन काफी अच्छा है और जब यह कार रफ्तार पकढ़ लेती है उसके बाद आपको इसके इंजन से कोई शिकायत नहीं होगी.
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राइड और हैंडलिंग
स्कोडा की तरह से यहां जो चीज़ मुझे काफी पसंद आई है वो कार की राइड और हैंडलिंग है, मुझे लगा था कि इसमें कुछ कमी हो सकती है, लेकिन अब मैं कह सकता हूं कि यह इस श्रेणी में सबसे अच्छी है. मोड़ पर कुशक बहुत अच्छा प्रदर्शन करती है और तेज़ी से यह कार फासला तय करती है, इसके अलावा तीन अंकों की रफ्तार पकड़ने में भी यह ज़्यादा समय नहीं लगाती. मेरा अनुमान था कि स्कोडा नई कुशक के साथ कुछ सख़्त स्टीयरिंग देगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, क्योंकि कंपनी ने यह कार भारतीय ग्राहकों को ध्यान में रखते हुए तैयार की है. लेकिन आसानी से घूमने वाली स्टीयरिंग आपको निराश नहीं करती और ज़्यादा रफ्तार पर आसानी से अपना कार करती है.
यहां आपको समझ आने लगता है कि कैसे ये एक टिपिकल स्कोडा कार नहीं है. यहां ब्रांड के कई शातिर फैसले, डिज़ाइन और मजबूत निर्माण देखने को मिले हैं. लेकिन बाकी जगह कार भारत के लिए बनाई गई नज़र आई है. केबिन में प्लास्टिक का इस्तेमाल स्कोडा के पैमानों के हिसाब से उतना अच्छा नहीं है, खासतौर पर डैश्बोर्ड और विंडस्क्रीन के निचले हिस्से में लगा प्लास्टिक. लंबाई में छोटी होने के बावजूद कार में काफी जगह मिली है, खासतौर पर पिछली सीट्स पर, इसके अलावा फीचर्स भी बहुत अच्छे मिले हैं. स्कोडा ने कार लॉन्च करने के बाद भी इसके माइलेज की जानकारी अबतक नहीं दी है. मेरा मानना है कि 1.0 ईंधन के मामले में किफायती होगी. और यहां वजह है कि हमें क्यों हमें इस कार के साथ डीएसजी विकल्प की जगह 6-स्पीड ऑटो या मैन्युअल गियरबॉक्स दिए गए हैं. जी हां, कीमत. 1.0 की कीमतें मुकाबले के हिसाब से तय की गई हैं. लेकिन क्या ये बेहद आकर्षक हैं? या फिर भारत में मैदान मारने वाली? जी नहीं, लेकिन इसे कई सारे वेरिएंट्स में पेश किया गया है जो एक अच्छी बात है.
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स्कोडा कुशक | कीमतें |
ऐक्टिव 1.0 टीएसआई एमटी | रु 10.50 लाख |
एंबिशन 1.0 टीएसआई एमटी | रु 12.80 लाख |
एंबिशन 1.0 टीएसआई एटी | रु 14.20 लाख |
स्टाइल 1.0 टीएसआई एमटी | रु 14.60 लाख |
स्टाइल 1.0 टीएसआई एटी | रु 15.80 लाख |
स्टाइल 1.5 टीएसआई एमटी | रु 16.20 लाख |
स्टाइल 1.5 टीएसआई डीएसजी | रु 17.60 लाख |
अगर आप स्कोडा कुशक का टॉप मॉडल स्टाइल वेरिएंट ऑटोमैटिक गियरबॉक्स के साथ खरीदते हैं तो यह 1.0-लीटर रेन्ज का सबसे महंगा मॉडल होगा और मैन्युअल के मुकाबले यहां आपको कुछ फीचर्स नदारद मिलेंगे. कार में आपको 6 एयरबैग्स और टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम नहीं मिलेंगे जो काफी अजीब बात है, क्योंकि मैन्युअल वेरिएंट में यह फीचर्स दिए गए हैं. और आपको जानकर अचरज होगा कि फीचर्स की ऐसी ही कमी आपको 1.5-लीटर मैन्युअल और ऑटोमैटिक वेरिएंट्स में भी देखने को मिलेगी. हालांकि मेरा विश्वास है कि कंपनी ने कीमत को लेकर ऐसा कदम उठाया है, लेकिन यह कहना भी गलत नहीं होगा कि यह सबसे अजीब फैसलों में आता है. तो स्कोडा ने विचार करने के लिए यहां और भी कई चीज़ें दी हैं. कुशक के साथ कंपनी ने इंडिया 2.0 प्रोजैक्ट की अच्छी शुरुआत की है. इससे ब्रांड की सही जगह पर मौजूदगी के इरादे साफ होते हैं. लेकिन यहां मैं एक बात कहूंगा कि, आकार के छोटी होने के बावजूद जो कार आपको मिल रही है, उस हिसाब से इसकी कीमत और भी आकर्षक होनी चाहिए थी.