टाटा मोटर्स ने हासिल किया भारत में 40 लाख पैसेंजर कारों के उत्पादन का आंकड़ा
हाइलाइट्स
भारतीय वाहन निर्माता टाटा मोटर्स ने ऐलान किया है कि कंपनी ने भारत में 40 लाख पैसेंजर वाहन रोल-आउट कर दिए हैं. जिस कार ने उत्पादन में मील का यह पत्थर कायम किया है वो टाटा अल्ट्रोज़ प्रिमियम हैचबैक है. टाटा मोटर्स ने 1988 में पैसेंजर वाहन व्यापार में कदम रखा था और कंपनी ने भारतीय बाज़ार में कई आईकॉनिक कारें उतारीं, इनमें इंडिका, सिएरा, सूमो, सफारी और नैनो शामिल हैं. इन वाहनों की मदद से टाटा पैसेंजर वाहन बाज़ार में इस आंकड़े को पार कर सकी है. 2020 में टाटा मोटर्स उत्पादों की पूरी रेन्ज ग्राहकों को उत्पाब्ध करा रही है जिनमें टिआगो, टिगोर, नैक्सॉन, हैरियर और अल्ट्रोज़ जैसी हैचबैक, सबकॉम्पैक्ट सेडान और एसयूवी शामिल हैं.
सामान्य पैसेंजर वाहनों के अलावा टाटा मोटर्स पूरी तरह इलेक्ट्रिक वाहन भी बाज़ार में बेच रही हैं जिनमें टाटा टिगोर ईवी और नैक्सॉन ईवी शामिल हैं, इन्हें लेकर टाटा का दावा है कि ये इलेक्ट्रिक वाहन ईवी बाज़ार का 67 प्रतिशत शेयर अपने नाम किए हुए हैं. याद रहे कि फिलहाल भारत में ज़्यादा इलेक्ट्रिक निर्माता मौजूद नहीं हैं, टाटा के अलावा बाज़ार में महिंद्रा अपनी ईवेरिटो सेडान, ह्यून्दे अपनी कोना इलेक्ट्रिक और एमजी अपनी ज़ैडएस ईवी के साथ बाज़ार में मौजूद हैं.
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कंपनी ने 2005-2006 में 10 लाख वाहन बेचने का आंकड़ा पार किया था. 2015 तक कंपनी ने 30 लाख पैसेंजर वाहन बेच लिए थे और अब टाटा मोटर्स ने 40 लाख वाहन बेचने का आंकड़ा पार कर लिया है. इसका मतलब है कि पिछले 5 साल में टाटा ने भारतीय बाज़ार के लिए 10 लाख पैसेंजर वाहनों का उत्पादन किया है. फिलहाल कंपनी भारत में तीन उत्पादन फैसिलिटी में पैसेंजर वाहनों का निर्माण कर रही है जिनमें पुणे स्थित चिखली प्लांट, गुजरात स्थित सानंद प्लांट और पुणे के नज़दीक राजनांदगांव शामिल हैं.