टाटा मोटर्स को वित्त वर्ष 2021 की चौथी तिमाही में हुआ Rs. 7,605 करोड़ का घाटा
हाइलाइट्स
टाटा मोटर्स लिमिटेड के लिए वित्त वर्ष 2021 की चौथी तिमाही बुरे परिणाम लेकर आई है. वाहन निर्माता ने 31 मार्च 2021 को खत्म हुई तिमाही में कुल मिलाकर रु 7,605 करोड़ की शुद्ध हानि हुई है, वित्त वर्ष 2020 की इसी तिमाही में नुकसान का यह आंकड़ा रु 9,894 करोड़ था. इस बड़े मुकसान की वजह हाल में टाटा मोटर्स का अपनी सहायक कंपनी जगुआर लैंड रोवर के बड़े हिस्से से अलग होना है. टाटा मोटर्स ने जगुआर लैंड रोवर के निरस्त हो चुके मॉडल को भी अपने से अलग कर दिया है जिसकी लागत रु 9,606.1 करोड़ है. इसके अलावा कंपनी ने रु 5,388.2 करोड़ लागत वाली जेएलआर की रीस्ट्रक्चरिंग राषि भी वहन की है.
स्वतंत्र रूप से देखें तो टाटा मोटर्स ने अकेले रु 1,646.69 करोड़ का शुद्ध लाभ या कहें तो टैक्च चुकाने के बाद का लाभ दर्ज किया है, वित्त वर्ष 2020 में इसी तिमाही से तुलना करें तो यह आंकड़ा रु 4,871.05 करोड़ का नुकसान दिखाता है. टैक्स चुकाने से पहले कंपनी का मुनाफा रु 1,690.28 करोड़ रहा, वहीं पिछली तिमाही में कंपनी का ऑपरेशंस रु 88,628 करोड़ रहा जो पिछले साल इसी तिमाही में रु 62,492 करोड़ रेवेन्यू के मुकाबले 41.7 प्रतिशत अधिक है. कंपनी का ईबीआईटी मार्जिन 7.3 प्रतिशत बना रहा.
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आउटलुक को दिए अपने बयान में टाटा मोटर्स ने बताया कि वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही के परिणाम महामारी की वजह से लगे लॉकडाउन और स्टील के साथ सेमी-कंडक्टर्स की कमी के चलते प्रभावित होंगे, इसके अलावा जिन डीलर्स के पास ज़्यादा मात्रा में स्टॉक रखा है, उनके लिए ब्याज सहायता देने की व्यवस्था की जाएगी. सालाना रिपोर्ट की बात करें तो कंपनी ने अकेले रु 2,396.44 करोड़ नुकसान दर्ज किया है, लेकिन पिछले साल इसी तिमाही में हुए रु 7,281.83 करोड़ की हानि से तो बेहतर यह आंकड़ा है.