टोयोटा भारत में करेगी Rs. 2,000 करोड़ का निवेश
हाइलाइट्स
दो दिन पहले ही एक रिपोर्ट में सामने आया था कि टोयोटा किर्लोसकर मोटर के वाइस-चेयरमैन शेखर विश्वनाथन ने कहा है भारत में ऑटोमोबाइल पर लगने वाले टैक्स के चलते कंपनी द्वारा देश में व्यापार बढ़ाना मुश्किल काम है. जहां इस रिपोर्ट में विश्वनाथन ने कहा कि कंपनी भारत में व्यापार का विस्तार नहीं करने वाली, वहीं ये बात भी कही थी कि भारत से व्यापार समेटने का भी कंपनी का कोई इरादा नहीं है. फिलहाल टोयोटा अपने कर्नाटक स्थित बिदादी प्लांट में सिर्फ 20 प्रतिशत क्षमता पर काम कर रही है जो कंपनी के दो प्लांट में से एक है. हालांकि इस खबर को झूठा साबित करते हुए टोयोटा ने भारत में रु 2,000 करोड़ के निवेश का ऐलान कर दिया है.
टोयोटा किर्लोसकर मोटर के मैनेजिंग डायरेक्टर, मसाकाज़ू योशिमारू ने कहा कि, “टोयोटा किर्लोसकर मोटर भारत और राष्ट्रीय उद्देश्य को लेकर प्रतिबद्ध है. हमें देश के आर्थिक विकास की क्षमता पर विश्वास है और भारत के आर्थिक विकास में योगदान देने के लिए कंपनी लगातार काम कर रही है. आने वाले सालों में इस प्रयास में टोयोटा ग्रुप भारत में रु 2,000 करोड़ निवेश का लक्ष्य लेकर चल रहा है जिसमें तकनीक और इलैक्ट्रिफिकेशन का काम घरेलू और विदेशी बाज़ार के लिए किया जाएगा. टोयोटा के ज़रिए हम बाज़ार में नए, क्लीन एनर्जी वाले और बेहतरीन तकनीक के वाहन और सेवाएं उपलब्ध कराते रहेंगे.”
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टोयोटा किर्लोसकर मोटर के वाइस चेयरमैन विक्रम किर्लोसकर ने अप्रैल 2020 में कारएंडबाइक को बताया था कि, साल 2022 तक कंपनी की हाईब्रिड कारें बाज़ार में देखने को मिलेंगी. यहां तक कि हमें ये भी कहा गया था कि साल 2025 तक गई सारी हाईब्रिड कारें पेश की जाएंगी और ये तकनीक छोटी कारों के साथ भी दी जाएगी. कार एंड बाइक के एडिटर-इन-चीफ, सिद्धार्थ विनायक पाटणकर से फ्रीव्हीलिंग विद एसवीपी में बातचीत के दौरान टोयोटा किर्लोसकर मोटर की सेल्स और सर्विस के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, नवीन सोनी ने कहा था कि, इलैक्ट्रिक वाहनों को बनाने में तीन चीज़ों की आवश्यक्ता होती है और हम सरकार से कहने वाले हैं कि अगर हम इन पुर्जों का उत्पादन घरेलू तौर पर करते हैं तो सभी तरह के ग्रीन वाहन भारत में ही बनाए जा सकते हैं.