टोयोटा-सुज़ुकी ने भारत में मिलकर सप्लाई का एग्रिमेंट किया साइन, जानें क्या है MoU में
दोनों कंपनियों ने 1 एग्रीमेंट साइन किया है जिसमें भारतीय बाज़ार में हाईब्रिड और अन्य वाहनों को मिलकर बेचने की बात कही है. टैप कर पढ़़ें पूरी खबर...
हाइलाइट्स
- वाहनों की सप्लाई टोयोटा और सुज़ुकी की भारतीय सब्सिडरी से की जाएगी
- कारों में ज़्यादातर घरेलू पुर्ज़े लगाने के लिए कंपनियां मिलकर काम करेंगी
- टोयोटा और सुज़ुकी ने फरवरी 2017 में साझेदारी की पहली घोषणा की थी
टोयोटा मोटर कॉर्पोरेशन और सुज़ुकी मोटर कॉर्पोरेशन ने घोषणा की है कि दोनों कंपनियों ने एम एग्रीमेंट साइन किया है जिसमें भारतीय ऑटोमोबाइल बाज़ार में हाईब्रिड और अन्य वाहनों को मिलकर बेचने की बात कही है. इस घोषणा में कहा गया है कि सुज़ुकी अपनी बलेनो और विटारा ब्रेज़ा टोयोटा को सप्लाई करेगी और टोयोटा अपनी सिडान कोरोला सुज़ुकी को सप्लाई करेगी. इसके साथ ही वाहनों की संख्या, सप्लाई की शुरुआत, वाहन स्पेसिफिकेशन और सप्लाई की कीमत के बारे में आगे चलकर निर्णय लिए जाएंगे ऐसा इस समझौते में बताया गया है.
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इन कारों को टोयोटा और सुज़ुकी की भारतीय प्लांट में बनाया जाएगा और टोयोटा किरलोसकर मोटर और मारुति सुज़ुकी के बैनर तले ये कारें बेची जाएंगी. कंपनियों का लक्ष्य “एक दूसरे को चुनौती और प्रतिस्पर्धा में रखकर संयुक्त रूप से अपने वाहनों में सुधार लाना है. ऐसे ही अपने उत्पादों में बढ़ोतरी और बेहतरी करने के लिए भी इससे सहालया मिलेगी.” इस घोषणा में आगे बताया गया कि दोनों कंपनियां भारत सरकार के “मेक इन इंडिया” प्लान की तरफ मिलकर काम करने के लिए ज़्यादा से ज़्यादा पुर्ज़ों को भारत में बनाने पर ज़ोर डालेगी. इसके साथ ही कंपनी अपने हाईब्रिड वाहनों को भी बढ़ावा देंगी जिससे इंधन की खपत कम हो.
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जापान की इन दोनों ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर कंपनियों ने फरवरी 2017 में ही मिलकर भारत में व्यापार करने की बात बताई थी. इसमें पर्यावरण को सुरक्षित रखन की तकनीक, सेफ्टी टैक्नोलॉजी, इन्फर्मेशन टैक्नोलॉजी के साथ वाहनों और पुर्ज़ों की मिलकर सप्लाई करना शामिल है. नवंबर 2017 में मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MoU) की घोषणा की जिसमें बैटरी से चलने वाले इलैक्ट्रिक वाहनों को भारतीय बाज़ार में पेश करने के लिए स्ट्रक्चर भी साल 2020 के आस-पास मिलकर बनाने की बात कही गई है. दोनों कंपनियों ने आगे व्यापार को आगे बढ़ाने और बेहतर वाहनों को ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए ये कदम उठाया है.
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इन कारों को टोयोटा और सुज़ुकी की भारतीय प्लांट में बनाया जाएगा और टोयोटा किरलोसकर मोटर और मारुति सुज़ुकी के बैनर तले ये कारें बेची जाएंगी. कंपनियों का लक्ष्य “एक दूसरे को चुनौती और प्रतिस्पर्धा में रखकर संयुक्त रूप से अपने वाहनों में सुधार लाना है. ऐसे ही अपने उत्पादों में बढ़ोतरी और बेहतरी करने के लिए भी इससे सहालया मिलेगी.” इस घोषणा में आगे बताया गया कि दोनों कंपनियां भारत सरकार के “मेक इन इंडिया” प्लान की तरफ मिलकर काम करने के लिए ज़्यादा से ज़्यादा पुर्ज़ों को भारत में बनाने पर ज़ोर डालेगी. इसके साथ ही कंपनी अपने हाईब्रिड वाहनों को भी बढ़ावा देंगी जिससे इंधन की खपत कम हो.
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जापान की इन दोनों ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर कंपनियों ने फरवरी 2017 में ही मिलकर भारत में व्यापार करने की बात बताई थी. इसमें पर्यावरण को सुरक्षित रखन की तकनीक, सेफ्टी टैक्नोलॉजी, इन्फर्मेशन टैक्नोलॉजी के साथ वाहनों और पुर्ज़ों की मिलकर सप्लाई करना शामिल है. नवंबर 2017 में मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MoU) की घोषणा की जिसमें बैटरी से चलने वाले इलैक्ट्रिक वाहनों को भारतीय बाज़ार में पेश करने के लिए स्ट्रक्चर भी साल 2020 के आस-पास मिलकर बनाने की बात कही गई है. दोनों कंपनियों ने आगे व्यापार को आगे बढ़ाने और बेहतर वाहनों को ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए ये कदम उठाया है.
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