फोक्सवैगन समूह ने भारत में 5 लाख इंजन बनाने का आंकड़ा पार किया

हाइलाइट्स
- स्कोडा ऑटो फोक्सवैगन इंडिया ने अब तक 5 लाख मेड-इन-इंडिया इंजन बनाए हैं
- चाकन प्लांट में वर्टुस, स्लाविया, टाइगुन और कई अन्य मॉडल के लिए इंजन बनाए जाते हैं
- काइलाक भारत में स्कोडा की सबसे हालिया लॉन्च है
फोक्सवैगन समूह के भारतीय प्रभाग - स्कोडा ऑटो फोक्सवैगन इंडिया - ने अपने चाकन प्लांट में 5 लाख मेड-इन-इंडिया इंजन बनाने के एक मील के पत्थर को हासिल किया है. ये इंजन फोक्सवैगन वर्टुस और टाइगुन जैसे लोकप्रिय मॉडलों के साथ-साथ स्कोडा की स्लाविया सेडान, कुशक कॉम्पैक्ट एसयूवी और हाल ही में लॉन्च की गई काइलाक सबकॉम्पैक्ट एसयूवी में भी इस्तेमाल किए गए हैं.
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चाकन प्लांट स्कोडा और फोक्सवैगन के स्थानीय रूप से बने मॉडल के लिए प्रोडक्शन केंद्र के रूप में कार्य करता है, जिसे भारत 2.0 रणनीति के हिस्से के रूप में विकसित किया गया है. टाइगुन, वर्टुस, कुशक और स्लाविया दो इंजन विकल्पों के साथ उपलब्ध हैं - एक 1.0-लीटर टर्बो पेट्रोल और एक 1.5-लीटर टर्बो पेट्रोल. 1.0-लीटर TSI इंजन 113 बीएचपी की ताकत और 178 Nm का टार्क पैदा करता है, जिसे 6-स्पीड मैनुअल या 6-स्पीड ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन के साथ जोड़ा गया है. वहीं, 1.5-लीटर TSI इंजन 148 bhp की ताकत और 250 Nm का टार्क पैदा करता है, जिसमें 6-स्पीड मैनुअल या 7-स्पीड DSG सहित ट्रांसमिशन विकल्प शामिल हैं.

जुलाई 2024 में, ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ARAI) ने स्कोडा कुशक और स्लाविया में इस्तेमाल किए जाने वाले 1.0-लीटर TSI इंजन को E20 ईंधन (20% इथेनॉल और पेट्रोल का मिश्रण) के अनुरूप प्रमाणित किया. स्कोडा ऑटो फोक्सवैगन इंडिया ने तब से पुष्टि की है कि चाकन प्लांट में बने सभी 1.0-लीटर TSI इंजन जल्द ही इस E20 अनुपालन को एकीकृत करेंगे.