2024 फ़ोर्स गोरखा का रिव्यू: क्या थार के लिए पेश करेगी बड़ी चुनौती?
हाइलाइट्स
- 2024 फोर्स गोरखा में ज्यादा फीचर्स और ज्यादा पावरफुल इंजन मिलता है
- बदला हुआ इंजन 138 bhp की ताकत और 320 Nm का टॉर्क बनाता है
- नई गोरखा 5-दरवाजे वाले वैरिएंट के साथ वापसी कर रही है
ऐसे कई लोग हो सकते हैं जिनके लिए फ़ोर्स गोरखा बहुत मायने नहीं रखती होगी, 4x4x4 जैसी चीज़ें तो बिल्कुल भी नहीं. लेकिन ऑफ-रोडिंग एसयूवी भारत में कई रोमांच चाहने वालों और ऑफ-रोड उत्साही लोगों की पसंद रही है, और ऐसे लोगों के लिए 4X4 बैज एक प्रतिष्ठिा का प्रतीक है. हालाँकि, जो लोग गोरखा को जानते हैं और उसकी सराहना करते हैं, वे एक खास ग्रुप का हिस्सा हैं, यही वजह है कि फोर्स इंडिया गोरखा को आधुनिक एसयूवी खरीदारों के एक बड़े समूह के लिए आकर्षक बनाना चाहती है और कंपनी नई 2024 फोर्स गोरखा के साथ ऐसा करना चाहती है.
अगर आप पूछेंगे कि क्या बदल गया है? तो आपको बता दें कि यह अब और अधिक मजबूत दिखने वाली, अधिक फीचर लोडेड एसयूवी बन गई है, और बोनट के नीचे भी कुछ बदलाव किये गए हैं, यह पहले से कहीं अधिक शक्तिशाली भी है और इसके साथ ही गोरखा का 5-डोर वैरिएंट वापस आ गया है. यह सभी चीज़ें जो एसयूवी को न केवल अधिक सक्षम ऑफ-रोडर बनाने का वादा करती हैं, बल्कि उन ग्राहकों को भी आकर्षित करती हैं जो एक लाइफस्टाइल एसयूवी की तलाश में हैं. लेकिन क्या यह उन वादों पर 2024 गोरखा भी खरी उतर सकती है? आइये इस रिव्यू में जानने की कोशिश करते हैं.
डिजाइन और आकार
इसे लोग भारत की जी-वेगन! भी कहते हैं और यह 2024 मॉडल अभी भी उस नाम के साथ न्याय करता है. आपको अभी भी शार्प किनारों और सीधी रेखाओं के साथ वही जी-वेगेन से प्रेरित बॉक्सी डिज़ाइन मिलती है. क्लैमशेल बोनट, एलईडी हेडलैंप के चारों ओर एलईडी रिंग और सिग्नेचर फेंडर लैंप सभी चीज़ों को बरकरार रखा गया है. पीछे के हिस्से में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है, जिसमें समान वर्टिकल टेललैंप्स और स्पेयर-व्हील-माउंटेड टेलगेट पर गोरखा बैजिंग दी गई है.
एसयूवी में बड़े 18-इंच के डुअल-टोन अलॉय व्हील्स भी मिलते हैं, जिसमें दमदार ऑल-टेरेन टायर लगे हैं, जो न केवल एसयूवी को एक मजबूत लुक देते हैं बल्कि ग्राउंड क्लीयरेंस को 23 मिमी बढ़ाकर कुल 233 मिमी करने में भी मदद करते हैं. अब, आपको गोरखा के 3-दरवाजे और 5-दरवाजे दोनों मॉडल मिलते हैं, और यह 5 डोर वाला मॉडल था जिसमें मेरी अधिक रुचि थी, इस बात को मद्देनज़र रखते हुए कि यह 4 साल बाद बाजार में वापस आई है.
4390 मिमी लंबी, 2095 मिमी ऊंची और 2825 मिमी के व्हीलबेस के साथ 5-डोर गोरखा 425 मिमी लंबी, 15 मिमी ऊंची और 425 मिमी लंबे व्हीलबेस के साथ आती है 3-डोर वैरिएंट की तुलना में. और यह दोनों एसयूवीज़ में एक बड़ा अंतर पैदा करती हैं क्योंकि जहां 5 में 7 यात्री बैठ सकते हैं, वहीं दूसरे वाले में केवल 4 यात्री ही बैठ सकते हैं.
आप हेवी-ड्यूटी रूफ रैक, बीफ़ी विंडशील्ड ब्रेस और टेलगेट लैडर जैसी एक्सेसरीज़ जोड़कर अपने गोरखा को और अधिक साहसी लुक दे सकते हैं, जो फोर्स इंडिया द्वारा अलग से बेची जाएगी.
कैबिन और फीचर्स
फोर्स के हाथों में जो कार्य थे उनमें से एक गोरखा के कैबिन अनुभव को पहले से बेहतर बनाना, ताकि इसे अधिक लाइफस्टाइल वाले वाहन की तलाश कर रहे ग्राहकों के लिए अधिक आकर्षक बनाया जा सके. यह एक ऐसी चीज़ है जिसे हमने नई महिंद्रा थार के साथ लोकप्रिय होते देखा है और मेरा मानना है कि फोर्स ने सही दिशा में कदम उठाया है.
चलिये जानते हैं एसयूवी में क्या बदल गया है? एसयूवी में अब आपको 9-इंच की बड़ी टचस्क्रीन मिलेगी. मिररिंग तकनीक के साथ एक सिंपल एंड्रॉइड-आधारित यूनिट है, हालांकि, आपको एंड्रॉइड ऑटो या ऐप्पल कारप्ले नहीं मिलता है जो निराशाजनक बात है क्योंकि यह फीचर आजकल कारों में आम हो गया है, यह बहुत आश्चर्य की बात है कि फोर्स ने एक बेहतर यूनिट की पेशकश नहीं की. आपको यहां 7-इंच का डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर मिलता है जिसमें क्रिस्प रंग और वाहन की भरपूर जानकारी होती है, जिसमें एक टायर प्रेशर मॉनिटर भी शामिल है, बजाय इसके कि हमने पिछले मॉडल में एक अलग यूनिट देखी थी.
सीटें भी नई हैं और अब बेहतर कुशनिंग के साथ आती हैं, और अपहोल्स्ट्री की क्वालिटी में भी काफी सुधार हुआ है. अब आपको डुअल-टोन ट्रीटमेंट के साथ फैब्रिक और विनाइल का कॉम्बिनेशन मिलता है, जबकि 5-डोर वैरिएंट में दूसरी रो में एक बेंच सीट मिलती है, बीएस 4 मॉडल में देखी गई तीसरी रो की साइड-फेसिंग सीटों को आगे की ओर वाली कैप्टन सीटों से बदल दिया गया है. तीनों रो में जगह अच्छी है,
हालांकि ड्राइवर की सीट में हाईट एडजेस्टेबल नहीं है, अन्य दो रो की सीटों को भी पीछे नहीं झुकाया जा सकता है, यह कुछ ऐसी खामियां हैं जो आप 2024 मॉडल वर्ष एसयूवी से उम्मीद नहीं करते हैं.
प्लास्टिक की क्वालिटी और बारीकियों पर ध्यान देने से चीज़ों में और भी सुधार हो सकता था. स्टीयरिंग और प्लास्टिक सभी बहुत ही सामान्य दिखते हैं, एयर-कॉन सिस्टम मैनुअल है और पीछे की छत पर लगे एसी वेंट कमजोर हैं और बहुत पुराने दिखते हैं. अब आपको आगे की सीटों के लिए अलग-अलग आर्मरेस्ट और दूसरी रो में कप होल्डर के साथ एक वापस लेने योग्य सेंट्रल आर्मरेस्ट मिलता है.
2024 फोर्स गोरखा में कई यूएसबी पोर्ट, पावर विंडो और टिल्ट और टेलिस्कोपिक एडजेस्टेबल स्टीयरिंग व्हील मिलता है और इलेक्ट्रॉनिक रूप से एडजेस्टेबल ओआरवीएम कुछ हद तक इसकी फीचर्स की लिस्ट को आधुनिक बनाते हैं लेकिन इतना कुछ पर्याप्त नहीं लगता है.
सेफ्टी फीचर्स
सुरक्षा की बात करें तो फोर्स ने कई मानक फीचर्स की पेशकश करते हुए बुनियादी बातों का ध्यान रखा है जैसे, डुअल एयरबैग, इलेक्ट्रॉनिक ब्रेकफोर्स डिस्ट्रीब्यूशन और रियर पार्किंग सेंसर के साथ एंटी-लॉकिंग ब्रेकिंग सिस्टम और फ्रंट डिस्क ब्रेक आदि. सूची में कैमरा के साथ रियर पार्किंग सेंसर, थ्री-पॉइंट सीटबेल्ट और टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम भी शामिल है. हालाँकि, पीछे की सीटबेल्ट में प्रीटेंशनर नहीं मिलते हैं, और बीच की रो के लिए यात्री को 3-पॉइंट सीटबेल्ट के बजाय केवल लैप बेल्ट मिलती है.
इंजन और प्रदर्शन
दोनों फोर्स गोरखा 5 डोर और 3 डोर के बोनट के नीचे केवल एक इंजन मिलता है, जो 2.6-लीटर, चार-सिलेंडर डीजल इंजन है जिसे अब अधिक शक्ति और टॉर्क बनाने के लिए तैयार किया है और यह एक बड़ी छलांग है. 90 बीएचपी की ताकत और 250 एनएम टॉर्क से ऊपर जाकर, मोटर अब 138 बीएचपी की ताकत और 320 एनएम का पीक टॉर्क पैदा करती है. कागज़ पर आकंड़ा निश्चित रूप से प्रभावशाली हैं. लेकिन क्या वे वास्तविक दुनिया के प्रदर्शन में तब्दील होते हैं?
अब पावर और टॉर्क में बदलाव काफी स्पष्ट है, और आप गाड़ी चलाते समय अंतर महसूस करते हैं. शुरुआती पिक-अप काफी अच्छा है और मिड-रेंज परफॉर्मेंस भी अच्छी है. इसका बाकी हिस्सा इतना अच्छा नहीं है. लो-एंड टॉर्क बेहतर हो सकता था और पावर बिल्ड-अप भी पूरी जगह पर है और इसका बहुत कुछ संबंध गियरबॉक्स से भी है.
यह एक नया 5-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स आपको यहाँ मिलता है, और यह बहुत ज्यादा रिफाइन नहीं है. गियरशिफ्ट पैनें हैं और वे ठीक से फिट नहीं हुए हैं. गियर अनुपात भी बहुत छोटा है, खासकर पहले, दूसरे और तीसरे गियर के बीच और यह उससे थोड़ा लंबा है. इसलिए, तेज़ गति में यह कोई बड़ी समस्या नहीं है, कम स्पीड में रुकने और जाने वाले ट्रैफ़िक में आपको लगातार गियर के बीच बदलाव करने की आवश्यकता होगी, जो परेशान करने वाला हो सकता है. सौभाग्य से क्लच पेडल काफी हल्का और इसलिए थकान कम होगी. दुर्भाग्य से ब्रेक पेडल ट्रैवल थोड़ा ज़्यादा है और कभी-कभी यह थोड़ा परेशान करने वाला हो सकता है.
कंपनी गोरखा को एक लाइफ स्टाइल वाहन बनाना चाहती थी और ऐसा करने का एक आसान तरीका एक ऑटोमेटिक विकल्प की पेशकश करना होता, हालांकि, आपको अभी भी इसका विकल्प नहीं मिलता है, जो एक परेशानी है और यह बड़ी संख्या में संभावित खरीदारों की सूची को कम कर सकता है. फोर्स भी महिंद्रा की तरह ही कम कीमत पर गोरखा का रियर-व्हील-ड्राइव वैरिएंट पेश कर सकती थी, जो फिर से गोरखा को लाइफस्टाइल वाहन खरीदारों के एक बड़े ग्रुप के लिए खोल देता, लेकिन ऐसा न करना कंपनी के लिए एक बड़ी चूक हो सकती है.
ड्राइविंग डायनेमिक्स
जहां तक यह बात है कि गोरखा सड़क पर कैसा प्रदर्शन करती है, तो मुझे आपको याद दिलाना होगा कि एसयूवी का सस्पेंशन मुख्य रूप से ऑफ-रोड इलाकों के लिए तैयार किया गया है. यही कारण है कि अच्छी पक्की सड़कों पर सवारी की क्वालिटी थोड़ी उछालभरी लगती है. यह परेशान करने वाली या कुछ और नहीं बल्कि कुछ ऐसी बात है जिसे आपको जानना चाहिए. अन्यथा, एसयूवी सड़क पर सभी उतार-चढ़ाव, झटकों और गड्ढों को काफी आसानी से संभाल सकती है.
हालाँकि, हैंडलिंग के बारे मैं ऐसा नहीं कह सकते हैं. गोरखा 2 मीटर से अधिक लंबी है, और इसे लैडर-ऑन-फ़्रेम चेसिस पर बनाया गया है, जिसका अर्थ है कि आपको बॉडी रोल का अनुभव होना निश्चित है. एसयूवी रोड पर बढ़िया लगती है, हालांकि, कोने के आसपास यह थोड़ी अधिक आक्रामक हो जाती है और यह ड्राइवर को नहीं तो कम से कम साथी सवारों को परेशान कर सकती है. स्टीयरिंग मेरी पसंद के हिसाब से थोड़ा भारी है, और हालांकि यह ऑफ-रोड उपयोग के लिए उपयुक्त है, मैं शहरी परिस्थितियों में इसे और अधिक चलने योग्य बनाने के लिए उपयोग में कुछ आसानी की उम्मीद करता हूं.
जब आप गोरखा के बारे में बात कर रहे हैं तो आप ऑफ-रोडिंग के बारे में बात न करें ऐसा हो ही नहीं सकता. तो आइए उस पहलू पर एक नजर डालते हैं.
ऑफ-रोडिंग
गोरखा की ऑफ-रोड क्षमता जगजाहिर है और इसमें इसके गुण मौजूद हैं. एसयूवी फ्रंट और रियर लॉकिंग डिफरेंशियल के साथ बढ़िया 4x4 सिस्टम के साथ आती है. 233 मिमी ग्राउंड क्लीयरेंस इसे किसी भी प्रकार के उतार-चढ़ाव पर आसानी से जाने की अनुमति देता है, जबकि टर्निंग रेडियस - जो 3-डोर के लिए 5.5 मीटर और 5-दरवाजे के लिए 6.3 मीटर है, गोरखा को उन तंग मोड़ों को आसानी से पार करने की अनुमति देता है. गोरखा की ऑफ-रोड क्षमताओं का एक संक्षिप्त टैस्ट करने के लिए फोर्स ने हमारे लिए एक छोटा ऑफ-रोड कोर्स बनाया था, जिसमें कुछ झुकाव, आर्टिक्यूलेशन चुनौतियां, पहाड़ी चढ़ाई और बहुत कुछ शामिल था.
अब, यहां एक बड़ा बदलाव यह है कि गोरखा 4x4 सेटिंग को तुरंत शिफ्ट के साथ कंट्रोल करने के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक डायल मिलता है. पुराने मैनुअल शिफ्टर लीवर की तुलना में एक अधिक सुविधाजनक विकल्प मिलता है. इन सभी बाधाओं को पार करने के लिए गोरखा को 4-लो में रखना पड़ा, ताकि ढीली सतहों पर बेहतर पकड़ प्राप्त हो सके. मुझे एसयूवी की ग्रेडेबिलिटी का भी परीक्षण करना पड़ा, जो कि एक अच्छा 35 डिग्री है. गोरखा की वॉटर-वेडिंग क्षमता भी 700 मिमी है, जो इसे टोयोटा हायलक्स के समान लाकर खड़ा करती है.
निर्णय और अपेक्षित कीमत
3-दरवाजे और 5-दरवाजे गोरखा दोनों को केवल एक ही वेरिएंट में पेश किया जाएगा, और हमें उम्मीद है कि उनकी कीमत ₹17 लाख से ₹20 लाख (एक्स-शोरूम) के बीच होगी. फोर्स गोरखा हमेशा से एक मजबूत ऑफ-रोडर रही है, इस नए 2024 अपडेट के साथ एसयूवी और भी बेहतर हो गई है. हमें कंपनी की तरफ से जो बताया गया है कि, यहां उद्देश्य एसयूवी को लाइफस्टाइल वाहन की तलाश करने वाले आधुनिक खरीदारों को आर्कषित करना है.
और अगर ऐसा है, तो अभी भी सुधार की गुंजाइश है. कैबिन की फिट और फिनिश में सुधार की जरूरत है, अधिक आराम की पेशकश की जानी चाहिए और फोर्स को एक ऑटोमेटिक विकल्प और रियर-व्हील ड्राइव वैरिएंट लाने पर विचार करने की जरूरत है. तो, फोर्स इंडिया को अभी भी कुछ काम करने की जरूरत है.
हिन्दी अनुवाद: ऋषभ परमार